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अफ़ग़ानिस्तान: यूएन महासचिव की मेज़बानी में, दोहा में अहम मुद्दों पर चर्चा

काबुल में एक तेरह वर्षीय लड़की घर पर पढ़ती है, जब तालिबान ने घोषणा की थी कि 7-12 ग्रेड में अफगान लड़कियों के लिए स्कूल फिर से नहीं खुलेंगे.
UNICE/Mohammad Haya Burhan
काबुल में एक तेरह वर्षीय लड़की घर पर पढ़ती है, जब तालिबान ने घोषणा की थी कि 7-12 ग्रेड में अफगान लड़कियों के लिए स्कूल फिर से नहीं खुलेंगे.

अफ़ग़ानिस्तान: यूएन महासचिव की मेज़बानी में, दोहा में अहम मुद्दों पर चर्चा

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महाचसिव एंतोनियो गुटेरेश सोमवार को क़तर की राजधानी दोहा में, अफ़ग़ानिस्तान पर दो-दिवसीय बैठक की मेज़बानी करेंगे, जिसमें विभिन्न देशों के विशेष दूत हिस्सा ले रहे हैं.

बताया गया है कि इस आयोजन का उद्देश्य, मानवाधिकार, विशेष रूप से महिलाओं व लड़कियों के अधिकार, शासन व्यवस्था, आतंकवाद निरोधक व मादक पदार्थों की तस्करी जैसे अहम मुद्दों पर अन्तरराष्ट्रीय सम्पर्क व बातचीत में नए सिरे से ऊर्जा का संचार करना है.

संयुक्त राष्ट्र द्वारा रविवार को जारी एक वक्तव्य के अनुसार, यह बैठक अन्तरराष्ट्रीय समुदाय में तालेबान के साथ सम्पर्क व बातचीत पर एक साझा सहमति हासिल करने पर लक्षित है.

अगस्त 2021 में अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता पर तालेबान के क़ब्ज़े के बाद से ही, अफ़ग़ान महिलाओं व लड़कियों के अधिकारों के लिए गहरा संकट मंडराया है, और सार्वजनिक व दैनिक जीवन में उनकी भागेदारी को रोका गया है.

इसके अलावा, महिलाओं को संयुक्त राष्ट्र और ग़ैर-सरकारी संगठनों के लिए काम करने से भी रोकने के आदेश जारी किए गए.

अफ़ग़ानिस्तान में दो करोड़ 90 लाख लोग मानवीय सहायता पर निर्भर हैं.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने, पिछले सप्ताह, सर्वमत से एक प्रस्ताव पारित करके इस निर्णय की निन्दा की थी और इसे मानवीय सहायता सिद्धान्तों व मानवाधिकारों पर चोट बताया था.

15 सदस्य देशों वाली परिषद ने सर्वमत से प्रस्ताव 2681 पारित किया है, जिसमें अफ़ग़ानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों की पूर्ण, समान, अर्थपूर्ण भागेदारी पर बल दिया गया है.

महासभा प्रमुख की जॉर्डन यात्रा

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र के लिए अध्यक्ष कसाबा कोरोसी, सोमवार से जॉर्डन की आधिकारिक यात्रा पर होंगे, जहाँ वह सीरियाई और फ़लस्तीनी शरणार्थियों के साथ एकजुटता व्यक्त करेंगे.

20 लाख से अधिक फ़लस्तीनी शरणार्थी, जॉर्डन में रहते हैं, जोकि सीरिया में एक दशक से भी अधिक समय से जारी हिंसक टकराव से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले देशों में है.

यूएन महासभा प्रमुख शीर्ष अधिकारियों और वरिष्ठ सरकारी नेताओं के साथ मुलाक़ात के दौरान पारस्परिक हितों, जैसेकि सतत जल प्रबन्धन पर चर्चा करेंगे.

इसके अलावा, उनका ज़ातारी शरणार्थी शिविर जाने का भी कार्यक्रम है, जोकि विश्व में सीरिया युद्ध से जान बचाकर आने वाले लोगों के लिए सबसे बड़ा शिविर है.