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सूडान: यूएन महासचिव का आग्रह, संघर्षविराम तत्काल प्रभाव से लागू हो

यूएन महासचिव, सूडान में हालात के मुद्दे पर गुरूवार को एक वर्चुअल बैठक में हिस्सा ले रहे हैं.
UN Photo/Eskinder Debebe
यूएन महासचिव, सूडान में हालात के मुद्दे पर गुरूवार को एक वर्चुअल बैठक में हिस्सा ले रहे हैं.

सूडान: यूएन महासचिव का आग्रह, संघर्षविराम तत्काल प्रभाव से लागू हो

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने गुरूवार को सूडान में युद्धरत पक्षों से कम से कम तीन दिनों के संघर्षविराम पर सहमत होने का आग्रह किया है, ताकि हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में फँसे आम लोग ज़रूरी उपचार, भोजन व अन्य आवश्यक आपूर्ति का प्रबन्ध कर सकें.

यूएन के शीर्षतम अधिकारी की यह अपील रमदान के पवित्र महीने की समाप्ति और ईद-उल-फ़ितर के त्योहार से पहले जारी की गई है.

महासचिव गुटेरेश ने अफ़्रीकी संघ द्वारा आयोजित एक वर्चुअल बैठक में हिस्सा लेने के बाद न्यूयॉर्क स्थित यूएन मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत की.

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उन्होंने कहा कि संघर्षविराम, “लड़ाई से राहत प्रदान करने का पहला क़दम होना चाहिए, जिससे स्थाई युद्धविराम का मार्ग प्रशस्त हो सके.”

गुरूवार को हुई बैठक में संयुक्त राष्ट्र, अरब लीग के सदस्य देश, पूर्वी अफ़्रीका ब्लॉक, IGAD, योरोपीय संघ और सूडान में टकराव का अन्त करने के लिए प्रतिबद्ध देश सम्मिल्लित हुए.

सूडान में सशस्त्र सैन्य बलों और पूर्व सहयोगी अर्द्धसैनिक गुट, त्वरित समर्थन बल (RSF) के बीच, सत्ता पर नियंत्रण के मुद्दे पर पिछले शनिवार को घातक झड़पें शुरू हो गईं.

अब तक सैकड़ों लोगों के मारे जाने के समाचार हैं, जिनमें बच्चे भी हैं. बताया गया है कि हमलों और लूटपाट के कारण मानवीय राहतकर्मियों के लिए जीवनरक्षक अभियान संचालित करने में चुनौतियाँ पेश आ रही हैं.

यूएन प्रमुख ने कहा कि हिंसक टकराव पर रोक लगाने के बाद, अगला क़दम गम्भीर सम्वाद में हिस्सा लेना होगा, ताकि सफलतापूर्वक बदलाव की दिशा में बढ़ने का अवसर मिल सके.

इसकी शुरुआत देश में एक नागरिक सरकार की नियुक्ति के साथ की जानी होगी.

यूएन कर्मचारियों के लिए चिन्ता

महासचिव गुटेरेश ने मानवीय राहतकर्मियों और सम्पत्तियों को निशाना बनाए जाने की निन्दा की और ध्यान दिलाया कि अन्तरराष्ट्रीय दायित्वों का अनुपालन करना, सभी पक्षों का दायित्व है.

साथ ही, उन्हें सहायताकर्मियों की सुरक्षा व सलामती भी सुनिश्चित करनी होगी.

“मैं यूएन कर्मचारियों की स्थिति के बारे में बहुत चिन्तित हूँ, जिनमें से अनेक सक्रिय लड़ाई वाले इलाक़ों में अपने घरों में फँसे हुए हैं.”

“हम उन्हें समर्थन प्रदान करने के लिए, अपनी सामर्थ्य के अनुसार हरसम्भव प्रयास करेंगे.”

देश में नागरिक शासन की वापसी के मुद्दे पर सूडान की सशस्त्र सेना और अर्द्धसैनिक बल, RSF, के बीच मतभेद हैं, जोकि अब हिंसक टकराव में बदल गया है.

अधिकाँश हिंसा देश की राजधानी में हुई है, जहाँ पिछले कई दिनों से निवासी अपने घरों तक सीमित हो जाने के लिए मजबूर हैं. बताया गया है कि हज़ारों लोग शहर छोड़कर चले गए हैं, हालांकि लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जाना बेहद कठिन हो गया है.