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यमन: सऊदी-हूथी शान्ति-वार्ता ‘एक स्वागत योग्य क़दम’

यमन में 2015 से जारी गृह युद्ध के कारण लाखों लोग विस्थापित हुए हैं. विस्थापितों के एक शिविर में कुछ बच्चे शिक्षा हासिल करते हुए.
© UNICEF
यमन में 2015 से जारी गृह युद्ध के कारण लाखों लोग विस्थापित हुए हैं. विस्थापितों के एक शिविर में कुछ बच्चे शिक्षा हासिल करते हुए.

यमन: सऊदी-हूथी शान्ति-वार्ता ‘एक स्वागत योग्य क़दम’

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने, यमन में गत सप्ताहान्त के दौरान सऊदी अरब और ओमान के प्रतिनिधिमंडलों के दरम्यान हुई बातचीत का स्वागत किया है, जिसमें यमन में हूथी विद्रोही आन्दोलन के अधिकारियों ने भी शिरकत की है.

यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने सोमवार को न्यूयॉर्क में पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए, इस बातचीत को, “तनावों को कम करने की दिशा में एक स्वागत योग्य क़दम” क़रार दिया है.

यमन में एक स्थाई युद्धविराम की दिशा में प्रगति होने की ख़बरें आने के बाद, यूएन प्रवक्ता ने ये बात कही है.

ग़ौरतलब है कि यमन में अन्तरराष्ट्रीय मान्यता वाली सरकार और हूथी लड़ाकों के बीच वर्ष 2015 से गृह युद्ध चल रहा है, और सऊदी अरब के नेतृत्व वाला सैन्य गठबन्धन, यमन सरकार को समर्थन देता रहा है.

ख़बरों में कहा गया है कि इस युद्ध विराम के अन्तर्गत, सैन्य गठबन्धन को सऊदी अरब का समर्थन बन्द किए जाने की बात कही गई है.

पड़ोसी देश ओमान, यमन ने युद्धरत पक्षों के साथ बातचीत में शामिल रहा है. साथ ही देश में संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत हैंस ग्रुंडबर्ग के नेतृत्व में भी यूएन शान्ति प्रयास जारी हैं.

प्रवक्ता ने बताया कि हैंस ग्रुंडबर्ग भी, संयुक्त राष्ट्र द्वारा समर्थित उस युद्ध विराम समझौते में फिर से जान फूँकने और उसकी अवधि आगे बढ़ाने के विकल्पों की तलाश कर रहे हैं, जो अप्रैल 2022 में शुरू होकर छह महीने बाद अक्टूबर में प्रभावहीन हो गया था.

समझौता है एक लाभांश

विशेष दूत हैंस ग्रुंडबर्ग ने गत सप्ताह एक वक्तव्य में कहा था कि इस समझौते के कुछ प्रावधान अब भी लागू हैं.

विशेष दूत ने कहा कि सभी हितधारकों को साथ लाने वाली प्रक्रिया के ज़रिए, एक वृहद मानवीय राहत, एक राष्ट्रीय युद्धविराम समझौता, और एक ऐसा टिकाऊ समाधान बहुत ज़रूरी है जो यमन के महिलाओं और पुरुषों की आकांक्षाओं पर खरा उतरे.

यमन के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत हैंस ग्रुंडबर्ग भी देश में शान्ति स्थापना के लिये प्रयासरत हैं.
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प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने कहा कि यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने भी, यमन की राजधानी सना में हुई इस बातचीत का ज़ोरदार स्वागत किया है.

प्रवक्ता ने पुष्टि की कि, हूथी लड़ाकों के नियंत्रण वाली राजधानी सना में हुई इस बातचीत में संयुक्त राष्ट्र शामिल नहीं हुआ.

एक ख़ास गति के साथ

प्रवक्ता ने कहा, “हम हर एक वार्ता में शामिल नहीं होते हैं, और हमें इसकी ज़रूरत भी नहीं है.”

“जो बात बहुत अहम है वो ये है कि ये सभी पक्ष सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्ताव, यूएन समर्थित वार्ताओं की दिशा में काम करें, और संकेत हैं कि ऐसा हो रहा है. मगर हमें चीज़ें आहिस्ता-आहिस्ता एक ख़ास रफ़्तार के साथ आगे बढ़ानी होंगी.”

समाचारों में कहा गया है कि ओमान की मध्यस्थता वाली बातचीत और एक शान्ति समझौते की सम्भावनाएँ उज्ज्वल बनाने में हुई प्रगति ने, सऊदी अरब और ईरान के दरम्यान हाल ही में शुरू हुए राजनयिक सम्बन्धों की गति बढ़ाई है.

सऊदी अरब और ईरान के दरम्यान हाल ही में, चीन की मध्यस्थता से राजनयिक सम्बन्ध बहाल हुए हैं.

वर्ष 2015 में सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबन्धन और हूथी विद्रोहियों के दरम्यान युद्ध भड़कने के बाद से, हज़ारों लोग मारे जा चुके हैं, और लाखों विस्थापित हुए हैं.

सहायता एजेंसियों ने वर्ष 2022 के दौरान, हर महीने लगभग एक करोड़ 10 लाख लोगों तक मदद पहुँचाई है, जिसमें जीवनरक्षक सहायता भी शामिल थी. यमन की स्थिति विश्व की सबसे ख़राब मानवीय संकटों वाली स्थितियों में से एक बनी हुई है.

मार्च 2023 में सुरक्षा परिषद को बताया गया था कि वर्ष 2022 के दौरान, देश में लगभग एक करोड़ 70 लाख लोग, सहायता एजेंसियों की मदद पर निर्भर थे.