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बढ़ती नफ़रत के ख़िलाफ़, सभी देशों से मज़बूती से खड़े होने की पुकार

रवांडा में 1994 में तुत्सी समुदाय के विरुद्ध जनसंहार की स्मृति में कार्यक्रम. (2019)
UN Photo/Violaine Martin
रवांडा में 1994 में तुत्सी समुदाय के विरुद्ध जनसंहार की स्मृति में कार्यक्रम. (2019)

बढ़ती नफ़रत के ख़िलाफ़, सभी देशों से मज़बूती से खड़े होने की पुकार

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने रवांडा जनसंहार की स्याह वर्षगाँठ के अवसर पर कहा है कि उन भयावह घटनाओं के बाद की पीढ़ी के रूप में, “उस समय जो कुछ हुआ उसे हम भुलाएँ नहीं – और  ये सुनिश्चित करें कि भविष्य की पीढ़ियाँ भी उन घटनाओं को याद रखें.”

रवांडा में 1994 में बड़े पैमाने पर तुत्सी समुदाय के विरुद्ध जनसंहार हुआ था जिसमें हुतू समुदाय के लाखों लोगों और जनसंहार का विरोध करने वाले बहुत से अन्य लोगों को भी मार दिया गया था.

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने रवांडा में 1994 में तुत्सी समुदाय के विरुद्ध हुए जनसंहार की याद में, 7 अप्रैल को अन्तरराष्ट्रीय आत्ममन्थन दिवस पर अपने वार्षिक सन्देश में कहा है, “हम उन 10 लाख से भी ज़्यादा बच्चों, महिलाओं और पुरुषों की मौत का शोक मना रहे हैं जो 29 वर्ष पहले, 100 दिनों के दौरान इस दुनिया से लुप्त कर दिए गए.”

उन्होंने कहा, “हम उस जनसंहार का शिकार हुए पीड़ितों का सम्मान करते हैं जिनमें ज़्यादा संख्या तो तुत्सी समुदाय के लोगों की थी, मगर हुतू समुदाय के उन लोगों व अन्य को भी निशाना बनाया गया जिन्होंने जनसंहार का विरोध किया.”

“हम जीवित बचे लोगों की सहनक्षमता को अभिवादन करते हैं. हम रवांडा के लोगों के उपचारात्मक, पुनर्बहाली और मेल-मिलाप के सफ़र को समझते हैं. और हम अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की विफलता को भी शर्म के साथ याद करते हैं.”

हेट स्पीच से लेकर, घृणा अपराध तक

यूएन प्रमुख ने कहा, “जनसंहार के बाद की पीढ़ी के रूप में हम, जो कुछ हुआ था उसे भूल नहीं सकते – और ये भी सुनिश्चित करें कि भविष्य की पीढ़ियाँ भी उसे याद रखें.”

उन्होंने कहा कि इस सन्दर्भ में ये भी याद रखना होगा कि जनसंहार के एक संकेतक के रूप में ‘हेट स्पीच’ कितनी आसानी से घृणा अपराध में तब्दील हो जाती है, और अत्याचारों के सन्दर्भ में उदासीनता, किस तरह, मिली भगत बन जाती है.

कोई भी स्थान और कोई भी दौर, ख़तरे से बचा हुआ नहीं है – जिसमें हमारा दौर भी शामिल है.

असहिष्णुता के विरुद्ध मज़बूती से खड़े हों

एंतोनियो गुटेरेश ने ज़ोर देकर कहा कि जनसंहार, मानवता के विरुद्ध अपराध, युद्धापराध, और अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के अन्य गम्भीर उल्लंघनों की रोकथाम, एक साझा ज़िम्मेदारी है, और संयुक्त राष्ट्र के प्रत्येक सदस्य का एक ‘मुख्य कर्तव्य’ है.

यूएन प्रमुख ने तमाम देशों से, बढ़ती असहिष्णुता के ख़िलाफ़ मज़बूती से खड़े होने व सदैव सतर्क रहने – और कार्रवाई करने के लिए सदैव तैयार रहने की पुकार लगाई.

“...आइए, हम रवांडा के उन सभी लोगों की याद को, वास्तविक रूप में सम्मानित करें - गरिमा, सुरक्षा, न्याय और सभी के लिए मानवाधिकारों वाला भविष्य बनाकर.”

रवांडा में तुत्सी समुदाय के जनसंहार की 29वीं वर्षगाँठ का स्मरण कार्यक्रम 14 अप्रैल 2023 को यूएन मुख्यालय में आयोजित होगा जिसमें यूएन प्रमुख, यूएन महासभा अध्यक्ष सहित अन्य अधिकारी अपनी बात कहेंगे.

रवांडा जनसंहार के जीवित बचे कुछ लोग भी उस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे.

इस सिलसिले में गुरूवार, 13 अप्रैल को यूएन मुख्यालय परिसर में एक पुष्पांजलि कार्यक्रम भी आयोजित होगा.