इसराइल-फ़लस्तीन: अल-अक्सा मस्जिद में हिंसा के बाद संयम की अपील
मध्य पूर्व के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत टोर वैनेसलैंड ने, येरूशेलेम में धार्मिक स्थलों के इर्द-गिर्द हाल में भड़के तनाव और हिंसा के बाद, बुधवार को इसराइल और फ़लस्तीनी नेताओं से संयम बरतने की अपील की है.
मीडिया ख़बरों के अनुसार, इसराइली बलों ने बीती रात अल-अक्सा मस्जिद परिसर में छापा मारकर, 350 से ज़्यादा लोगों को गिरफ़्तार किया है. इस मस्जिद को अल-क़िबली मस्जिद के नाम से भी जाना जाता है.
Appalled by the images of violence inside al-Qibli mosque. Disturbed by the apparent beating of #Palestine|ians by #Israel|i security forces & large number of arrests. Strongly reject the stockpiling & use of fireworks & rocks by Palestinians inside the mosque.
Full statement 👇 https://t.co/IyBDm0LnaA
TWennesland
इसराइली बलों का ये छापा बुधवार सुबह तक जारी रहा. इसके प्रतिक्रियास्वरूप ग़ाज़ा पट्टी में, फ़लस्तीनी चरमपंथियों ने इसराइल को निशाना बनाकर रॉकेट दागे.
हृदय विदारक हिंसा
विशेष दूत टोर वैनेसलैंड ने एक वक्तव्य जारी करके कहा है कि वो मस्जिद के भीतर हुई हिंसा की तस्वीरें देखकर चकित हैं. ये मस्जिद येरूशेलेम के प्राचीन शहर इलाक़े में स्थित है और इसे इस्लाम की तीसरी सबसे पवित्र मस्जिद माना जाता है.
उन्होंने कहा है, “मैं इसराइली सुरक्षा बलों द्वारा फ़लस्तीनियों को पीटे जाने पर व्यथित हूँ. मैं मस्जिद के भीतर फ़लस्तीनियों द्वारा पटाख़ों और पत्थरों के भंडार एकत्र करने व उनका प्रयोग किए जाने को भी रद्द करता हूँ.”
अल-क़िबली मस्जिद, अल-अक्सा परिसर के भीतर स्थित है जोकि टैम्पल माउंट में और ये यहूदियों का पवित्र स्थल है.
इस स्थान पर दो वर्ष पहले भी हिंसक झड़पें हुई थीं जिसके बाद इसराइल और ग़ाज़ा में सशस्त्र फ़लस्तीनी गुटों के बीच, घातक संघर्ष भड़क उठा ता जो 11 दिन तक चला था.
पवित्र स्थलों पर सुरक्षा
इसराइली सुरक्षा बलों का ये नवीनतम छापा रमदान के पवित्र महीने के दौरान पड़ा है और ये मौक़ा यहूदियों के त्यौहार पासोवर का भी है, जबकि इसराइलियों और फ़लस्तीनियों के दरम्यान पहले से ही तनाव बढ़ा हुआ था.
मध्य पूर्व शान्ति प्रक्रिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत टोर वैनेसलैंड ने कहा, “ये अवकाश काल और ये प्रार्थना स्थल सुरक्षित व धार्मिक आत्म मन्थन के अवसर और स्थान होने चाहिए. यह भी ध्यान देने की बात है कि रमदान महीना आरम्भ होने से अब तक येरूशेलेम में लगभग छह लाख लोगों ने दौरा किया है.”
“मैं सभी पक्षों के राजनैतिक, धार्मिक और सामुदायिक नेताओं से, उकसावे, भड़काऊ बयानबाज़ी और भड़काऊ कार्रवाई को रद्दे करने की पुकार लगाता हूँ.”
भड़कावे से बचें
यूएन दूत ने ज़ोर देकर कहा कि पवित्र स्थलों का ऐतिहासिक दर्जा बरक़रार रखना होगा, जिसमें निगेहबान के रूप में जॉर्डन की विशेष भूमिका है.
उन्होंने कहा, “सभी पक्षों की तरफ़ के नेताओं को ज़िम्मेदारी से भरी कार्रवाई करनी होगी और तनाव भड़काने वाले क़दमों से बचना होगा. ग़ाज़ा से अन्धाधुन्ध रॉकेट दागा जाना भी अस्वीकार्य है और उन्हें रोका जाना होगा.”
टोर वैनेसलैंड ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र, तनाव कम करने के लिए, सभी पक्षों के सम्पर्क में है.