अमेरिकी क्षेत्र: नए नैटवर्क के ज़रिये प्रवासियों की जीवन रक्षा के लिए प्रयास
अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र समर्थित एक नए नैटवर्क के ज़रिये, अमेरिकी क्षेत्र में प्रवासियों की जीवन रक्षा के प्रयास किए जा रहे हैं.
एक बेहतर जीवन की तलाश में हज़ारों लोग, इस क्षेत्र में रेगिस्तानों, नदियों और दूरदराज़ के इलाक़ों को पार करते हुए अपनी जान गंवा रहे हैं.
यूएन प्रवासन संगठन की ‘लापता प्रवासी’ परियोजना के अनुसार, अब तक एक हज़ार 433 मौतों की पुष्टि की गई है, जोकि वर्ष 2014 में इसकी शुरुआत से अब तक की सबसे बड़ी संख्या है.
More than 7,000 people have lost their lives migrating through the Americas since 2014.
A new network on missing migrants in the region is launched today to address migrant deaths.
We need continued action.
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UNmigration
यूएन एजेंसी का वैश्विक डेटा इंस्टीट्यूट इस परियोजना को संचालित करता है, जिसके तहत इसी सप्ताह अमेरिकी क्षेत्र में लापता प्रवासियों के लिए पहला नैटवर्क स्थापित किया गया है.
इस पहल का लक्ष्य प्रवासियों के जीवन की रक्षा करना, डेटा एकत्र करने में बेहतरी लाना और जीवित बच गए व्यक्तियों के परिवारों को समर्थन प्रदान करना है.
इंस्टीट्यूट की निदेशक कोको वार्नर ने बताया कि जब लोगों को सुरक्षित और नियमित प्रवासन मार्ग सुलभ होते हैं, तो उससे उनके मूल स्थानों व गंतव्य स्थलों की आर्थिक समृद्धि में उनके योगदान की सम्भावना बढ़ जाती है.
उन्होंने कहा कि इन नियमित मार्गों के अभाव की वजह से अक्सर त्रासदीपूर्ण नतीजे सामने आते हैं और ये एक अवसर खो देने के समान हैं.
नए नैटवर्क के ज़रिये नागरिक समाज संगठनों, सरकारी संस्थानों, पत्रकारों और अन्य अहम पक्षों को एक साथ जोड़ा गया है.
लापता प्रवासी परियोजना के तहत तीन वर्ष पहले एक वर्चुअल कैफ़े की पहल शुरू की गई, जिसमें प्रतिभागी एक दूसरे से मिलते हैं.
प्रियजनों की तलाश
पहला सत्र बुधवार को आयोजित किया गया, जिसमें उन चुनौतियों पर ध्यान केन्द्रित किया गया है, जिन्हें मध्य अमेरिका के परिवारों को अपने लापता प्रियजनों की तलाश के दौरान सामना करना पड़ता है.
यूएन एजेंसी का कहना है कि ये कैफ़े, अमेरिका क्षेत्र में एकमात्र ऐसी जगह हैं, जहाँ नागरिक समाज प्रतिनिधि, पत्रकार, कलाकार, शोधार्थी, और सरकारी व अन्तर-सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि, एक साथ मिलकर, प्रवासियों की मौतों व गुमशुदगी के मामलों पर चर्चा की.
इस क्षेत्र से होकर गुज़रते समय अपनी जान गंवाने वाले लोगों की सही संख्या का अनुमान लगा पाना कठिन है, मगर अब तक आँकड़े दर्शाते हैं कि 2014 से 2022 के दौरान सात हज़ार 495 लोगों की मौत हुई है.
नए नैटवर्क के ज़रिये राष्ट्रीय व क्षेत्रीय क्षमताओं को मज़बूती प्रदान कर पाना सम्भव होगा, ताकि प्रवासियों की मौतों और उनके ग़ायब हो जाने के विषय में सही डेटा व उसका आदान-प्रदान किया जा सके.
इसके आधार पर जारी की जाने वाली सिफ़ारिशों के ज़रिये, प्रवासियों की मौतों व उनके ग़ायब होने की घटना की रोकथाम करने, मृतकों की तलाश और शिनाख़्त करने, और उनके परिवारों के लिए समर्थन व मुआवज़े की व्यवस्था की कोशिशें की जाएंगी.
साथ ही, एक रणनीतिक गठबंधन के ज़रिये साझा रूप से जाँच-पड़ताल किए जाने की व्यवस्था भी की जाएगी.