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WHO: वैश्विक महामारी समझौते पर दुष्प्रचार पर चेतावनी

रवांडा के एक स्कूल में, कोविड-19 के समय में, शिक्षा हासिल करते बच्चे.
© UNICEF/Habib Kanobana
रवांडा के एक स्कूल में, कोविड-19 के समय में, शिक्षा हासिल करते बच्चे.

WHO: वैश्विक महामारी समझौते पर दुष्प्रचार पर चेतावनी

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने “सोशल मीडिया और मुख्य धारा के मीडिया में फैलाई जा रही उस झूठी जानकारी” पर कड़ी आपत्ति की है, जिसमें आरोप लगाया जा रहा है कि जिस नए वैश्विक महामारी समझौते पर बातचीत जारी है, उससे भविष्य की महामारियों के हालात में, WHO को, देशों की राष्ट्रीय सम्प्रभुता को दरकिनार करने की अनुमति मिल जाएगी.

डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने गुरूवार को जिनीवा में अपनी नियमित साप्ताहिक प्रैस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि, “ये जो दावा किया जा रहा है कि इस समझौते से पूरी शक्ति WHO के पास चली जाएगी, वो बिल्कुल झूठा है. ‘ये फ़ेक न्यूज़ है’.”

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देश निर्णय लेंगे

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने स्पष्ट किया कि देश ही ये निर्धारित करेंगे कि अगली वैश्विक महामारी का मुक़ाबला करने के लिए होने वाले किसी वैश्विक समझौते की भाषा और दायरा क्या होंगे, “केवल देश ही ये निर्णय करेंगे”.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “कोई भी देश अपनी सम्प्रभुता WHO को नहीं सौंपेगा.”

हाल के सप्ताहों के दौरान समाचार ख़बरों में ऐसे ऑनलाइन स्रोत और टिप्पणियाँ रेखांकित किए गए हैं जिनमें झूठे तरीक़े से ये दावा किया गया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में, राष्ट्रपति जो बाइडेन की सरकार, कोविड-19 जैसी किसी अन्य महामारी की स्थिति में, आपात क़ानूनों का नियंत्रण, WHO के पास चले जाने के लिए एक समझौते पर बातचीत कर रही है.

अन्तरराष्ट्रीय वार्ताएँ जारी

मार्च के आरम्भ में, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के सदस्य देशों ने महामारी की रोकथाम, उसका मुक़बला करने की तैयारी और प्रतिक्रियात्मक कार्रवाई पर, एक वैश्विक समझौते के मसौदे पर वार्ताएँ शुरू की थीं.

इसके बिल्कुल ‘शून्य मसौदे’ के साथ काम शुरू हुआ है और भविष्य की किसी महामारी आपदाओं से, देशों व समुदायों की रक्षा करना इसका उद्देश्य है.

एक अन्तर-सरकारी वार्ता संस्था (INB) यह मसौदा तैयार कर रही है और WHO के इस समझौते के लिए आशान्वित है. अप्रैल में इस संस्था की अगली बैठक होगी, जिसमें मसौदे का पहला संस्करण पेश किए जाने की सम्भावना है.

INB की सह-प्रमुख प्रैशियस मतसोसो (दक्षिण अफ़्रीका) ने मार्च की बैठक में कहा था कि वो बैठक, “ये सुनिश्चित करने के लिए एक अति महत्वपूर्ण क़दम था कि हम कोविड-19 का मुक़ाबला करने के समय हुई ग़लती ना दोहराएँ, जिनमें जीवन-रक्षक वैक्सीन का सहभाजन (Sharing), सूचना का प्रावधान, और स्थानीय क्षणताओं का विकास शामिल है.”

डॉक्टर टैड्रॉस ने गुरूवार को कहा कि अगर किसी राजनेता, व्यवसायी नेता, या “फिर किसी भी अन्य व्यक्ति को महामारी समझौते के बारे में कोई भी भ्रम है, तो हम इस बारे में विस्तार से जानकारी देने और बातचीत करने के लिए उपलब्ध व तत्पर हैं.”

तंज़ानिया मारबर्ग वायरस

डॉक्टर टैड्रॉस ने तंज़ानिया में बिल्कुल पहली बार पाए गए मारबर्ग वायरस बीमारी के फैलाव का मुक़ाबला करने के लिए की गई कार्रवाई ज़िक्र करते हुए कहा कि WHO और संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) द्वारा प्रशिक्षित राष्ट्रीय सहायताकर्मी, प्रभावित क्षेत्र में तैनात किए गए हैं, जो आगे जाँच करेंगे और स्वास्थ्य देखभाल मुहैया कराएंगे.

डॉक्टर टैड्रॉस ने बताया कि अभी तक आठ मामलों की पुष्टि हुई है, जिनमें पाँच लोगों की मौतें भी शामिल हैं. अभी तक 160 ऐसे लोगों की भी पहचान की गई है जो संक्रमित व्यक्तियों के सम्पर्क में आए हैं.

WHO प्रमुख ने कहा, “तंज़ानिया इस संक्रमण फैलाव की पुष्टि करने में इसलिए समर्थ हो सका, क्योंकि सर्वप्रथम नमूना परीक्षण उस सचल लैब में हुए जो, वर्ष 2022 में WHO से समर्थन हासिल होने के बाद गठित कई गई थी.”

“ये सचल लैब वायरल बुख़ार के फैलाव का सामना करने के लिए गठित की गई, जिनमें ईबोला और मारबर्ग जैसे वायरस भी शामिल हैं.”

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने तंज़ानिया सरकार को आग भी समर्थन जारी रखने की पेशकश की है.

इक्वेटोरियल गिनी ने भी एक महीना पहले मारबर्ग वायरस बीमारी के फैलाव की जानकारी दी थी, उसके बाद से अभी तक नौ पुष्ट मामले दर्ज हुए हैं, और 20 सम्भावित मामले हैं.

डॉक्टर टैड्रॉस ने कहा कि WHO ने प्रतिक्रियात्मक कार्यों में, इक्वेटोरियल गिनी की सरकार को समर्थन देने और सामुदायिक सम्पर्क को मज़बूत करने के लिए, विशेषज्ञ देश में भेजे हैं.

मारबर्ग वायरस भी उसी वायरस परिवार से सम्बन्धित है जिनसे ईबोला है, और इसके लक्षण भी ईबोला की ही तरह होते हैं, जो इनसानों के बीच फैलते हैं और इसके कारण भी उच्च दर के साथ मौतें होने का ख़तरा होता है.

उन्होंने बताया कि मारबर्ग वायरस का उपचार करने के लिए, अभी तो कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं, मगर WHO, इस संक्रमण फैलाव के सम्बन्ध में, एक उम्मीदवार वैक्सीन के प्रयासों की अगुवाई कर रहा है.