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CSW67: प्रौद्योगिकी में महिलाओं की अधिक भूमिका के लिए ‘ब्लूप्रिंट’

अज़रबायजान की कुछ लड़कियाँ, यूएनडीपी के समर्थन से STEM विषयों का अध्ययन करते हुए.
UNDP Azerbaijan
अज़रबायजान की कुछ लड़कियाँ, यूएनडीपी के समर्थन से STEM विषयों का अध्ययन करते हुए.

CSW67: प्रौद्योगिकी में महिलाओं की अधिक भूमिका के लिए ‘ब्लूप्रिंट’

महिलाएँ

महिलाओं की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र आयोग (CSW) का वर्ष 2023 के लिए 67वाँ सत्र शनिवार को सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गया है, जिसमें सदस्य देशों ने, डिजिटल प्रौद्योगिकियों में महिलाओं व लड़कियों की पूर्ण व समान भागेदारी की पुकार लगाई है. ये आयोग लैंगिक समता पर संयुक्त राष्ट्र की सबसे बड़ी बैठक होती है.

इस वर्ष आयोग के, एक पखवाड़े तक चलने वाले इस वार्षिक सत्र की थीम थी – लगातार जारी भेदभाव, दुर्व्यवहार, और वर्चुअल दुनिया में स्त्रीद्वेष की प्रमुखता.

ये आयोग, 1946 से ही, महिलाओं के लिए अधिकारों को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत रहा है.

इस वर्ष इस सत्र का मुख्य उद्देश्य डिजिटल दुनिया में समान अवसरों की दिशा में प्रगति को आगे बढ़ाना, और ऐसे मुद्दों के समाधानों पर बात करना था जो महिलाओं व लड़कियों को प्रभावित करते हैं. इनमें प्रौद्योगिकी तक सीमित पहुँच, असंगत ऑनलाइन हिंसा, और प्रौद्योगिकी उद्योगों में महिलाओं का कम प्रतिनिधित्व व लैंगिक पूर्वाग्रह जैसे मुद्दे शामिल हैं.

इस आयोग में 45 सदस्य देश हैं और इस सत्र के समापन पर “सहमत निष्कर्ष” नामक एक आधिकारिक दस्तावेज़ जारी किया गया है, जिसमें लैंगिक समानता हासिल करने में, प्रौद्योगिकी और नवाचार की अहम भूमिका को स्वीकार किया गया है.

महिला कल्याण के लिए सक्रिय संयुक्त राष्ट्र संस्था – यूएन वीमैन के शनिवार को जारी एक वक्तव्य में कहा गया है कि यह दस्तावेज़ महिलाओं व लड़कियों की पूर्ण व समान भागेदारी और नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए, तमाम हितधारकों, सरकारों, निजी सैक्टर, सिविल सोसायटी और युवजन के लिए एक ब्लूप्रिंट है.

ये भागेदारी व नेतृत्व विशेष रूप से ऐसी डिजिटल प्रौद्योगिकियों और नवाचारी प्रक्रियाओं के डिज़ायन, उनके रूपान्तरण और एकाकरण क्षेत्रों में लक्षित है जो महिलाओं व लड़कियों के मानवाधिकारों और ज़रूरतों की पूर्ति करें.

ज़्यादा समान और सम्बद्ध दुनिया

ब्राज़ील के रियो डी जनेरियो शहर में, एक वैज्ञानिक, रोबोट पर काम करते हुए.
© UNICEF/Mary Gelman

यूएन वीमैन की कार्यकारी निदेशक सीमा बहाउस ने इस बैठक के समापन सत्र में कहा, “इस वर्ष के सहमत निष्कर्ष क्रान्तिकारी परिवर्तन वाले हैं और महिलाओं व लड़कियों के लिए, उनकी पूर्ण विविधता के साथ, एक ज़्यादा समान व सम्बद्ध दुनिया के सपने को आगे बढ़ाते हैं. आज यहाँ से हटने के बाद, ये हमारा काम है कि हम इन्हें वास्तविकता में तब्दील करें.”

“इन सहमत निष्कर्षों की अन्तिम सफलता, इन्हें आज यहाँ अन्तिम रूप दिए जाने से भी कहीं आगे निहित है, ये कि हम सामूहिक रूप से किस तरह इन्हें आगे बढ़ाते हैं. आइए, हम इन्हें सभी महिलाओं व लड़कियों के लिए, वास्तविकता में परिवर्तित करें.”

आयोग के इस सत्र में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में महिलाओं व लड़कियों की पूर्ण भागेदारी और नेतृत्व की महत्ता की ज़ोरदार पुष्टि की गई. साथ ही प्रौद्योगिकियों, कनैक्टिविटी, डिजिटल साक्षरता, और शिक्षा की उपलब्धता में बरक़रार लैंगिक खाई को पाटने में हुई सीमित प्रगति के बारे में चिन्ता भी व्यक्त की गई.

सहमत निष्कर्षों में महिलाओं व लड़कियों के ख़िलाफ़ ऑफ़लाइन व ऑनलाइन हिंसा, उत्पीड़न, और भेदभाव के बीच आपसी सम्बन्ध की भी निन्दा की गई है.

आयोग ने लैंगिक डिजिटल खाई को पाटने, ज़्यादा समावेशी नवाचार पारिस्थितिकी प्रणालियों, और ज़्यादा सुरक्षित व लिंग अनुकूल प्रौद्योगिकी और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए, सरकारी और निजी सैक्टर के, और ज़्यादा संसाधन निवेश की भी पुकार लगाई है.

आयोग ने, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, और गणित (STEM), सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) और डिजिटल साक्षरता क्षेत्रों में, समावेशी और समान गुणवत्ता वाली शिक्षा की ज़रूरत को भी रेखांकित किया है, ताकि सभी महिलाएँ और लड़कियाँ, तेज़ी से बदलती दुनिया में फल-फूल सकें.

युवजन पर ध्यान केन्द्रित

महिलाओं की स्थिति पर यूएन आयोग (CSW) की इस वार्षिक बैठक में पहली बार युवजन के साथ एक प्रतिभागी सत्र भी शामिल किया गया, जिसमें युवा प्रतिनिधियों, सिविल सोसायटी और संयुक्त राष्ट्र के संगठनों ने शिरकत की.

इस सत्र में विशेष रूप से इस मुद्दे पर खुलकर संवाद हुआ और सिफ़ारिशें मुहैया कराने पर बात हुई कि डिजिटल बदलाव में महिलाओं व लड़कियों की पूर्ण भागेदारी किस तरह सुनिश्चित की जाए.