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सीरिया: भूकम्प राहत में नाकामियों की जाँच की पुकारों का समर्थन

सीरिया के पश्चिमोत्तर इलाक़े में, हाल ही में विस्थापित हुए लोगों के लिए बनाए गए एक शिविर में खड़ा एक बच्चा.
© UNICEF/Joe English
सीरिया के पश्चिमोत्तर इलाक़े में, हाल ही में विस्थापित हुए लोगों के लिए बनाए गए एक शिविर में खड़ा एक बच्चा.

सीरिया: भूकम्प राहत में नाकामियों की जाँच की पुकारों का समर्थन

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार परिषद द्वारा नियुक्त शीर्ष मानवाधिकार जाँचकर्ताओं ने, फ़रवरी में सीरिया के पश्चिमोत्तर इलाक़े में आए भीषण भूकम्प के बाद, प्रभावित समुदायों तक राहत व सहायता पहुँचाने में, सीरिया सरकार और यूएन सहित अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका का आलोचनात्मक आकलन प्रस्तुत किया है.

सीरिया पर जाँच आयोग ने देश के पश्चिमोत्तर इलाक़े में, 6 फ़रवरी 2023 को आए विनाशकारी भूकम्प के बाद, तत्काल और जीवनरक्षक सहायता की उपलब्धता में नाकामियों की तरफ़ ध्यान दिलाया है. ध्यान रहे कि इस इलाक़े में मुख्य रूप से विपक्षी दलों का नियंत्रण है.

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मानवीय सहायता कर्मियों के आकलनों के अनुसार, इस भीषण भूकम्प के कारण सीरिया में, सात हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है.

बचाव उपकरणों का अभाव

जाँच आयोग के अध्यक्ष पाउलो पिनहीरो ने सोमवार को जिनीवा में एक प्रैस वार्ता को सम्बोधित करते हुए, भूकम्प के प्रभावित लोगों तक सहायता और बचाव उपकरण पहुँचाने में हुई कथित देरी की जाँच कराए जाने की पुकारों का समर्थन किया.

इन वयोवृद्ध मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा कि सीरिया के लोगों को सच जानने का अधिकार है. उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि ऐसा किया जाना अन्तरराष्ट्रीय मानक प्रथाओं के लिए भी अच्छा है ताकि ग़लतियों की पहचान हो सके और भविष्य में उन ग़लतियों को दोहराया ना जाए.

अध्यक्ष पाउलो पिनहीरो ने कहा, “उन्हें ये जानने का अधिकार है कि आख़िरकार क्या हुआ जिससे उन्हें तुरन्त सहायता नहीं मिल सकी...”

उन्होंने कहा कि प्रभावित इलाक़ों में सीरियाई लोग “उनकी मदद के लिए, अन्तरराष्ट्रीय संगठनों की अक्षमता पर व्यापक रूप से हैरान हैं” आपदा के तीन दिन बाद भी अगर संयुक्त राष्ट्र और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से त्वरित व तत्काल सहायता मुहैया कराई गई होती, तो बहुत सी ज़िन्दगियाँ बचाई जा सकती थीं.

युद्धक गतिविधियों में कोई कमी नहीं

सीरियाई गृहयुद्ध के बारे में जाँच आयोग की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, 12 वर्ष से जारी इस युद्ध के सभी पक्ष, भूकम्प आने तक के महीनों के दौरान, बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का हनन और उत्पीड़न कर रहे थे.

आयोग ने कहा है कि भूकम्प आने के तत्काल बाद भी शत्रुतापूर्ण गतिविधियाँ जारी थीं, यहाँ तक कि भूकम्प से तबाह हुए इलाक़ों में भी.

इनमें अलेप्पो अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर, गत सप्ताह कथित इसराइली हमला भी शामिल है, जबकि ये हवाई अड्डा मानवीय सहायता की आपूर्ति के लिए बहुत अहम है.

जाँच आयोग की रिपोर्ट में तुर्कीये से होकर सीरिया के पश्चिमोत्तर इलाक़े में अन्तरराष्टरीय सहायता सामग्री की आपूर्ति में देरी को रेखांकित करते हुए ध्यान दिलाया गया है कि सीरिया सरकार, सीमा पार से जीवनरक्षक सहायता की आपूर्ति को सहमति देने के लिए, पूरे एक सप्ताह का समय लेती है.

सभी तरफ़ अविश्वास

स्वतंत्र जाँचकर्ताओं ने कहा है कि सीमा पार से सहायता की आपूर्ति में सीरियाई सरकार और विपक्षी सीरियाई नेशलन आर्मी (SNA), दोनों ने ही बाधा पहुँचाई है.

सीरिया में आए इस विनाशकारी भूकम्प से पश्चिमोत्तर इलाक़े में पूरे के पूरे समुदाय तबाह हो गए, ऐसे में जाँच आयोग के एक सदस्य हैनी मेगली ने बताया कि लोग किस तरह सहायता की गुहार लगा रहे थे.

उन्होंने कहा, “लोग कह रहे थे, ‘हमें भारी उपकरणों व मशीनरी की ज़रूरत है, हमें कुत्तों के साथ खोजी टीमों की आवश्यकता है, मलबे के तले अब भी लोग जीवित बचे हैं. संयुक्त राष्ट्र कहाँ है, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय हमारी मदद करने के लिए कहाँ गुम है?’”

“और वो ये भी देख रहे थे कि कुछ ही दूर, सीमा के उस पार तुर्कीये में उसी भूकम्प से प्रभावित लोगों तक अन्तरराष्ट्रीय सहायता पहुँचाई जा रही थी, जबकि सीरिया के लोगों को इसी तरह की मदद के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ी.”

ऐसा अनुमन है कि सीरिया में भूकम्प से प्रभावित इलाक़े में लगभग 50 लाख लोगों को मूलभूत आश्रय और ग़ैर-खाद्य सहायता की आवश्यकता है.

6 फ़रवरी को आए भूकम्प से पहले भी, सीरिया में लगभग एक करोड़ 50 लाख लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता थी. ये संख्या 12 वर्ष पहले भड़के गृहयुद्ध के काल में, किसी एक समय पर सबसे ज़्यादा थी.

सीरिया के अलेप्पो शहर का अल-कल्लासाह इलाक़ा, 6 फ़रवरी को आए भूकम्प से गम्भीर रूप से क्षतिग्रस्त हुआ.
© UNHCR/Hameed Maarouf

तकलीफ़ों के बीच साहस

जाँच आयोग के आयुक्त पाउल पिनहीरो ने कहा कि भूकम्प के बाद वैसे तो तकलीफ़ों के दरम्यान, साहस व हिम्मत के अनेक मामले देखे गए, मगर ये बात भी बहुत अहम है कि सीरियाई लोगों को, इतनी बड़ी मुसीबत की घड़ी में, उनकी सरकार, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र ने नाउम्मीद किया.

उन्होंने कहा, “सीरियाई लोगों को अब एक ऐसे युद्धविराम की ज़रूरत है जिसका पूर्ण सम्मान किया जाए, जिसमें आम लोग व सहायताकर्मी सुरक्षित हों.”

उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि ये जाँच आयोग, हाल के कुछ हमलों की जाँच कर रहा है जिनमें पिछले सप्ताह कथित रूप से इसराइल द्वारा, अलेप्पो हवाई अड्डे पर किया गया हमला भी शामिल है, जबकि ये हवाई अड्डा मानवीय सहायता की आपूर्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.