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अल्पतम विकसित देशों (LDC) में विकास, पुनर्बहाली, सुदृढ़ता निर्माण के लिए मज़बूत संकल्प

चाड के ग्रामीण इलाक़े में एक महिला अपने लिए खाना पका रही है.
© WFP/Evelyn Fey
चाड के ग्रामीण इलाक़े में एक महिला अपने लिए खाना पका रही है.

अल्पतम विकसित देशों (LDC) में विकास, पुनर्बहाली, सुदृढ़ता निर्माण के लिए मज़बूत संकल्प

आर्थिक विकास

क़तर की राजधानी दोहा में अल्पतम विकसित देशों पर यूएन के पाँचवें सम्मेलन (LDC5) का गुरूवार को अन्तिम दिन था, जिसमें देशों ने ‘दोहा कार्रवाई कार्यक्रम’ को लागू करने के लिए ठोस उपाय पारित किए गए हैं, जिनके ज़रिए विश्व के सर्वाधिक निर्बल देशों में सामाजिक-आर्थिक हेतु, विकास साझीदारों के साथ संकल्पों को मज़बूती भी प्रदान की गई है.

गुरूवार को ‘दोहा राजनैतिक घोषणापत्र’ को क़तर नेशनल कन्वेंशन सेन्टर के मुख्य सम्मेलन सभागार में करतल ध्वनि के बीच पारित किया गया

इस घोषणापत्र में एकजुटता के एक नए युग के साथ, विश्व के अल्पतम विकसित देशों के लिए विशाल सामाजिक-आर्थिक लाभ सुनिश्चित करने का उल्लेख किया गया है.

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17 मार्च 2022 को न्यूयॉर्क में सम्मेलन के पहले खंड के बाद, दोहा कार्रवाई कार्यक्रम को पारित किए जाने के एक वर्ष बाद, इस घोषणापत्र पर सहमति बनी है.

नए घोषणापत्र में रूपान्तरकारी बदलावों को आगे बढ़ाने और अल्पतम विकसित देशों में निहित सम्भावनाओं को साकार करने के लिए उपायों का ख़ाका पेश किया गया है.

इन उपायों में नक़दी हस्तान्तरण से लेकर व्यापक पैमाने पर विविध प्रकार के जोखिमों व संकटों में कमी लाने और सहन-सक्षमता निर्माण पर ध्यान दिया जाना है.

यूएन उपमहासचिव आमिना मोहम्मद ने समापन बैठक को सम्बोधित करते कहा, “संकल्प और ज़िम्मेदारियाँ, दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करने या सम्मेलनों में शिरकत करने पर ही नहीं रुक जाती हैं.”

“उन्हें 2030 [लक्ष्यों] की दिशा में हमारे प्रयासों में एकीकृत किया जाना होगा और पूरे दशक के लिए विस्तार करना होगा.”

‘सफ़र अभी लम्बा है’

यूएन उपप्रमुख ने कहा कि दोहा कार्रवाई कार्यक्रम में पाँच अहम उद्देश्यों को साकार किया जाना है – एक ऑनलाइन यूनिवर्सिटी, एक ग्रैजुएशन समर्थन पैकेज, खाद्य भंडारण समाधान, एक निवेश समर्थन केन्द्र, और एक संकट शमन व सहन-सक्षमता निर्माण तंत्र.

आमिना मोहम्मद ने बताया कि इन उपायों से LDC देशों के सामने मौजूद बड़ी चुनौतियों के जवाब ढूंढे जाएंगे, और उन्हें एक अधिक समृद्ध, न्यायोचित भविष्य की ओर बढ़ाना सम्भव होगा.

उन्होंने आगाह किया कि ये सफलताएँ, अपने आप हासिल नहीं होंगी. “अभी एक लम्बा सफ़र तय किया जाना बाक़ी है.”

यूएन उपप्रमुख ने महासचिव एंतोनियो गुटेरेश द्वारा अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय तंत्र के लिए प्रस्तावित सुधारों और टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रति वर्ष 500 अरब डॉलर के प्रोत्साहन पैकेज का उल्लेख किया.

इसके ज़रिए, दीर्घ-कालीन टिकाऊ विकास और न्यायोचित ढंग से बदलाव के लिए लक्षित ढंग से इन संसाधनों का इस्तेमाल किया जाना है.

बताया गया है कि इस सहायता धनराशि से LDC देशों के लिए उन मुद्दों का सामना कर पाना सम्भव होगा, जोकि उन्हें अपनी सम्भावनाओं को पूरा कर पाने से रोक रहे हैं.

“यदि हमें एसडीजी लक्ष्यों को हासिल करने की उम्मीद बनाए रखनी है, तो हमें पहले उन लोगों को प्राथमिकता देनी होगी, जोकि विकास यात्राओं में सबसे पीछे छूट गए हैं.”

क़तर की राजधानी दोहा में अल्पतम विकसित देशों पर यूएन का पाँचवा सम्मेलन, 5-9 मार्च तक आयोजित हुआ.
UN Photo/Evan Schneider

LDC5 सम्मेलन का समापन

अल्पतम विकसित देशों के पाँचवे सम्मेलन (LDC5) की थीम थी: सम्भावना से समृद्धि तक, जिसके ज़रिए इन 46 देशों में एक अरब से अधिक लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए रूपान्तरकारी बदलावों पर ध्यान केन्द्रित किया गया.

इस सम्मेलन में नौ हज़ार प्रतिभागियों ने शिरकत की, जिनमें 46 देशों के राष्ट्राध्यक्षों और सरकार प्रमुखों के अलावा 200 मंत्री और उपमंत्री शामिल हुए.

सभी प्रतिभागियों ने विकसित देशों से तत्काल समर्थन का आहवान किया है, ताकि LDC देशों को सामाजिक-आर्थिक विकास और पर्यावरणीय संरक्षण की दिशा में बढ़ाया जा सके.

व्यवसाय जगत की हस्तियों ने नागरिक समाज, युवजन व अन्य साझेदारों के साथ मिलकर अपनी और अन्तरराष्ट्रीय व्यापार, क्षेत्रीय एकीकरण और नवाचार, विज्ञान व टैक्नॉलॉजी के लिए अपनी अनुशंसाएँ साझा कीं.

इस सप्ताह जिन अहम समझौतों पर सहमति बनी है, उनके ज़रिए LDC देशों को कोविड-19 महामारी, जलवायु परिवर्तन समेत अन्य चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलेगी और उन्हें टिकाऊ विकास की दिशा में अग्रसर किया जा सकेगा.

सबसे कम विकसित देशों, भूमिबद्ध विकासशील देशों और लघु द्वीपीय विकासशील देशों (UN-OHRLLS) के लिए उच्च प्रतिनिधि रबाब फ़ातिमा ने ध्यान दिलाया कि LDC देशों के पास विशाल सम्भावनाएँ निहित हैं, जिन्हें अभी इस्तेमाल नहीं किया गया है.  

“इस सप्ताह हमने जो नतीजे हासिल किए हैं, उनसे इस सम्भावना को सँवारा जा सकता है और LDC में लोगों के लिए एक समृद्ध भविष्य का रास्ता तैयार किया जा सकता है.” 

LDC5 सम्मेलन के दौरान लिए गए संकल्प

दोहा सम्मेलन के दौरान देशों से आग्रह किया गया है कि संकल्पों को नज़र आने वाले उपायों में बदला जाना होगा. ये प्रतिबिद्धताएँ जैवविविधता में बेहतरी से लेकर कुपोषण से निपटने और सहन-सक्षमता निर्माण पर केन्द्रित हैं.
  • क़तर ने छह करोड़ डॉलर के वित्तीय पैकेज की घोषणा की है: दोहा कार्रवाई कार्यक्रम को समर्थन देने के लिए एक करोड़ डॉलर और LDC देशों में सुदृढ़ता निर्माण में मदद के लिए पाँच करोड़ डॉलर.
  • जर्मनी ने अल्पतम विकसित देशों में वित्त पोषण के लिए 20 करोड़ योरो समर्पित किए हैं.
  • कैनेडा ने पाँच करोड़ 90 लाख डॉलर की सहायता की घोषणा की है, ताकि 15 LDC देशों में विटामिन सप्लीमेंट और बुर्कीना फ़ासो में पारिस्थितिकी तंत्र संरक्षण पर ध्यान दिया जा सके.
  • योरोपीय आयोग ने अफ़्रीका में टिकाऊ निवेश को आगे बढ़ाने के लिए सहयोग समझौतों की घोषणा की है, जोकि 13 करोड़ योरो से अधिक का निवेश है.
  • हरित जलवायु कोष ने एक नई परियोजना की घोषणा की है, जिसके तहत, LDC देशों में व्यवसायों को हरित गारंटी दिए जाने पर आठ करोड़ की हिस्सेदारी दी जाएगी.
  • विश्व पर्यटन संगठन ने LDC देशों में पर्यटन विकास कोष के लिए एक करोड़ यूरो की घोषणा की है, जिसके ज़रिए टिकाऊ विकास के वाहक के तौर पर सतत पर्यटन को समर्थन प्रदान किया जाएगा.
  • कज़ाख़्स्तान की सरकार ने 50 हज़ार डॉलर का संकल्प लिया है, ताकि सर्वाधिक निर्बल देशों के समर्थन के लिए कामकाज को जारी रखा जा सके.