इराक़: सीरिया के कुख्यात शिविर से नागरिकों की वापसी ‘एक मिसाल’
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने सीरिया के पश्चिमोत्तर इलाक़े में स्थित शिविरों में रहने वाले अपने नागरिकों को वापिस लाने के लिए, इराक़ की सराहना की है. सीरिया के इन शिविरों में आइसिल अतिवादियों से सम्बन्ध होने के सन्दिग्ध लोगों को रखा गया है.
यूएन महासचिव ने इराक़ के उत्तरी इलाक़े में बनाए गए जेद्दाह पुनर्वास केन्द्र का दौरा करने के बाद गुरूवार को पत्रकारों से बातचीत में, अन्य सरकारों से भी इस मामले में अपनी ज़िम्मेदारी निभाने और कार्रवाई करने का आग्रह किया है.
UN chief @antonioguterres in in northern #Iraq where he visited returnees repatriated from #Syria's notorious Al-Hol camp https://t.co/6UCkQKlDiQ
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यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने जेद्दाह पुनर्वास केन्द्र में ऐसे इराक़ी नागरिकों से मुलाक़ात की, जिन्हें सीरिया के कुख्यात अल-होल शिविर से वापिस लाया गया है, और इनमें ज़्यादातर महिलाएँ व 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चे हैं.
यूएन प्रमुख ने कहा, “इराक़ ने असीम प्रतिबद्धता के साथ ये दिखाया है कि जवाबदेही और पुनः एकीकरण के सिद्धान्तों में निहित, सम्मानजक समाधानों की तलाश करके, ज़िम्मेदारी के साथ नागरिक वापसी सम्भव है. और ये उपाय असरदार साबित हो रहा है. मैंने आज अपनी आँखों से देखा है.”
ख़राब हालात, आशंकित जोखिम
एंतोनियो गुटेरेश ने इस पद से पहले, यूएन शरणार्थी उच्चायुक्त के रूप में भी, दुनिया के अनेक क्षेत्रों में शरणार्थी शिविरों का दौरा किया है.
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अल-होल दुनिया भर में शायद सबसे बदतर हालात वाला शिविर है. उन्होंने ध्यान दिलाया कि वहाँ अनेक वर्षों से बहुत से लोग फँसे हुए हैं और बदतरीन हालात में रहने को विवश हैं.
उन्होंने कहा कि इस शिविर में बन्दी बनाकर रखे गए लोगों को उनके अधिकारों से वंचित रखा गया है, उनके हालात बेहद नाज़ुक व कमज़ोर हैं और उन्हें हाशिए पर धकेल दिया गया है. ये लोग एक ऐसी बदतर स्थिति में फँसे हुए हैं, जिसका कोई अन्त नज़र नहीं आता है.
यूएन प्रमुख ने कहा, “उन्हें इस स्थिति से बाहर निकलने का अधिकार है. एक इनसानी गरिमा व करुणा का एक मामला है – और ये सुरक्षा का भी एक मामला है.”
एक जटिल मुद्दा
यूएन महासचिव ने इस सम्बन्ध में प्रयासों के लिए, इराक़ सरकार की सराहना की, जिसे उन्होंने, दुनिया के लिए एक मिसाल भी क़रार दिया.
हालाँकि उन्होंने ये भी स्वीकार किया कि इस तरह अपने नागरिकों को स्वदेश वापिस लाना, एक अत्यन्त जटिल, चुनौतीपूर्ण और संवेदनशील मुद्दा है.
उन्होंने अल-होल व अन्य शिविरों में रखे गए नागरिकों के देशों से, अपने इन नागरिकों को सुरक्षित व गरिमापूर्ण तरीक़े से वापिस बुलाने की ख़ातिर, ठोस प्रयास करने की अपील की है.
एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “उन्हें इराक़ से सबक़ सीखने की ज़रूरत है.”
पुनःएकीकरण के लिए समर्थन
यूएन प्रमुख ने कहा कि उन्होंने जेद्दाह पुनर्वास केन्द्र में जिन नागरिकों से मुलाक़ात की है, उन्होंने अपने समुदायों और समाजों में फिर से घुलने-मिलने की इच्छा व्यक्त की है.
उन्होंने इराक़ सरकार को, इन नागरिकों के, समुदाय आधारित पुनःएकीकरण की प्रक्रिया को तेज़ करने के प्रयास जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने साथ ही ध्यान दिलाया कि इनमें ज़्यादातर नागरिक 18 वर्ष से कम आयु के हैं.
एंतोनियो गुटेरश ने “इन अति महत्वपूर्ण प्रयासों” को संयुक्त राष्ट्र के पूर्ण प्रतिबद्धता व समर्थन का आश्वासन भी दिया.