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योका ब्रैंत,(बाएं) संयुक्त राष्ट्र में किंगडम ऑफ़ नैदरलैंड्स के स्थाई प्रतिनिधि और संयुक्त राष्ट्र में ताजिकिस्तान गणराज्य के स्थाई प्रतिनिधि, जोनिबेक इस्मॉइल हिकमत(दाएं)

इंटरव्यू: जल संकट से निपटने के लिए रूपान्तरकारी प्रतिबद्धताओं की दरकार

UN Photo/Mark Garten
योका ब्रैंत,(बाएं) संयुक्त राष्ट्र में किंगडम ऑफ़ नैदरलैंड्स के स्थाई प्रतिनिधि और संयुक्त राष्ट्र में ताजिकिस्तान गणराज्य के स्थाई प्रतिनिधि, जोनिबेक इस्मॉइल हिकमत(दाएं)

इंटरव्यू: जल संकट से निपटने के लिए रूपान्तरकारी प्रतिबद्धताओं की दरकार

एसडीजी

जल ही जीवन है, लेकिन ये महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन कम होता जा रहा है और प्रदूषण व कुप्रबन्धन का शिकार हो रहा है. जलीय चक्र में आने वाले व्यवधान, जल-सम्बन्धी आपदाओं के कारण बन रहे हैं. इन चुनौतियों पर चर्चा के लिए, 22 से 24 मार्च तक न्यूयॉर्क के यूएन मुख्यालय में ऐतिहासिक संयुक्त राष्ट्र 2023 जल सम्मेलन (UN 2023 Water Conference) का आयोजन हो रहा है, जिसमें जल की अधिकता के कारण तूफ़ान और बाढ़, और जल की क़िल्लत की वजह से सूखा, भूजल के अभाव जैसी चुनौतियों के परिवर्तनकारी समाधान तलाश करने के प्रयास किए जाएंगे.

इस सम्मेलन में, दुनिया भर से देशों की सरकारें, संस्थान, बैंक, व्यवसाय, ग़ैर-सरकारी संगठन, युवजन, महिलाएँ, आदिवासी और कई अन्य हितधारक हिस्सा लेंगे.

संयुक्त राष्ट्र में किंगडम ऑफ़ नैदरलैंड्स की स्थाई प्रतिनिधि योका ब्रैंत, और संयुक्त राष्ट्र में ताजिकिस्तान गणराज्य के स्थाई प्रतिनिधि, जोनिबेक इस्मॉइल हिकमत सम्मेलन के सह-मेज़बान हैं. उन्होंने यूएन न्यूज़ के साथ एक साक्षात्कार में बताया कि जल के मुद्दे पर दुनिया किस प्रकार एकजुट होकर कार्रवाई कर सकती है.

यूएन न्यूज़: आपके देश और विश्व के लिए जल इतना अहम मुद्दा क्यों है?

योका ब्रैंत: हमारे लिए, जल हमेशा से एक प्राथमिक मुद्दा रहा है और आगे भी रहेगा. उत्तरी सागर पर निचले नदी डेल्टा और कैरीबियाई क्षेत्र में छोटे द्वीपों के कारण, हमारे देश को जल ने आकार दिया है.

हमने, पिछली कुछ सदियों में जल के साथ जीने और उससे निपटने का अनुभव प्राप्त किया है. और अन्य की तरह, हम भी लगातार नई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, मसलन सूखा और बाढ़, और योरोप व कैरीबियाई क्षेत्र में समुद्र के बढ़ते स्तर के दुष्परिणाम.

इन चुनौतियों के बावजूद, जल एक संयोजक और आपस में जोड़ने वाला माध्यम हो सकता है, और यह बेहतर प्रबन्धन के ज़रिए समानता, समृद्धि और स्थिरता के लिए एक उत्प्रेरक भी हो सकता है.

900 वर्षों से भी अधिक समय पहले, हमारे देश ने विभाजन, निहित स्वार्थों और हमारी सीमाओं व बाधाओं से परे जाकर, हमें एकजुट करके एक मंच पर लाने में जल की क्षमता को पहचान लिया था.

इसे हमारे जल शासन व्यवस्था मॉडल (Water governance model) और क्षेत्रीय जल प्राधिकरणों के साथ सहयोग के ज़रिए संस्थागत रूप दिया गया था.

जल सुरक्षा हमारे क़ानूनों, नीतियों और बजट का मज़बूत हिस्सा है. हम सर्वजन और पृथ्वी के हित के लिए जल का उपयोग करने और उसका पुनर्मूल्यांकन करने के बारे में लगातार नए रास्ते और दृष्टिकोण खोजते रहेगें.

जलवायु परिवर्तन के कारण भूजल प्रणालियों पर होने वाले प्रत्यक्ष व परोक्ष प्रभाव.
UNESCO

जोनिबेक इस्मॉइल हिकमत: जल हमारे दिल के बहुत क़रीब है. ताजिकिस्तान, एक पहाड़ी देश है जो भरपूर मात्रा में जल संसाधनों से समृद्ध है. हमारा देश, लगभग दो दशकों से ज़्यादा समय से, जल-सम्बन्धी कार्यक्रमों के ज़रिए इस नेक कार्य को सक्रिय रूप से आगे बढ़ा रहा है.

हमारी सरकार ने अब तक संयुक्त राष्ट्र महासभा में आठ जल-सम्बन्धी प्रस्तावों की पहल की है. ताज़े पानी, अन्तरराष्ट्रीय सहयोग, जीवन के लिए जल और अब टिकाऊ विकास के लिए जल पर हमारी वैश्विक पहल, जल-सम्बन्धी लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में अत्यधिक योगदान दे रही हैं. वास्तव में, इस यात्रा की सफलता में साझेदारी और सहयोग दो मुख्य घटक हैं.

यूएन न्यूज़: क्या दुनिया, वर्ष 2030 तक, वैश्विक स्तर पर सहमति प्राप्त जल-सम्बन्धी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सही राह पर है?

जोनिबेक हिकमत: कोविड-19 महामारी, जलवायु संकट और हिंसक संघर्षों के कारण टिकाऊ विकास लक्ष्य-6 और अन्य लक्ष्यों को हासिल करने में प्रगति को धक्का पहुँचा है.

अगर 2030 तक हर किसी तक स्वच्छ पेयजल और साफ़-सफ़ाई की पहुँच सुनिश्चित करने के एसडीजी-6 लक्ष्य को प्राप्त करना है, तो हमें चार गुना तेज़ी से काम करना होगा.

हम सभी के लिए जल सम्मेलन एक अच्छा मौक़ा है जहाँ हम इन लक्ष्यों को हासिल करने में प्रगति की समीक्षा और आकलन कर सकते हैं.

सभी के लिए सुरक्षित पेयजल, स्वच्छता और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है.
© WHO/Rob Holden

यूएन न्यूज़: सम्मेलन के लिए अपने दृष्टिकोण वक्तव्य (Vision statement ) में, आपने जल को एक अधिक टिकाऊ और समावेशी जगत के लिए अति अहम बताया है. क्या आप जल और टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के बीच के सम्बन्ध को समझा सकते हैं?

योका ब्रैंत: जल के बिना जीवन नहीं है. जल हमारे दैनिक जीवन का आधार है और इसका सीधा सम्बन्ध स्वास्थ्य, जलवायु, आर्थिक विकास से है.

जल की कमी खाद्य और स्वास्थ्य सुरक्षा को कमज़ोर करती है, और हमारी ऊर्जा आपूर्ति व हमारे जलवायु लक्ष्यों पर नकारात्मक प्रभाव डालती है.

बहुत अधिक जल हमारे समुदायों को तूफ़ान, बारिश और बाढ़ का सामना करने के लिए मजबूर कर देता है. वहीं प्रदूषण और सुरक्षित पेयजल, स्वच्छता व साफ़-सफ़ाई सुविधाओं तक पहुँच की कमी, विशेष रूप से महिलाओं और लड़कियों के लिए अवसरों को गम्भीर रूप से बाधित करती है व उनके जीवन को जोखिम में डालती है.

इसलिए जल के लिए समाधान खोजना सभी एसडीजी हासिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है.

खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा से लेकर स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन तक, जल हमारे समय की सभी गम्भीर चुनौतियों को एक साथ जोड़ता है.

पिछले साल, पाकिस्तान और नाइजीरिया में आई बाढ़, या ऐमेज़ॉन वर्षावन और ऑस्ट्रेलिया में भारी सूखा व जंगलों में आग से, हमें जल की शक्ति का अन्दाज़ा होता है जो हमारे जीवन को पूरी तरह उलट सकता है और हमारे स्वास्थ्य, हमारी सुरक्षा, हमारे भोजन और हमारे पर्यावरण को ख़तरे में डाल सकता है.

कोविड-19 महामारी ने हमें यह भी स्मरण कराया है कि सुरक्षित पानी, स्वच्छता और साफ़-सफ़ाई सुविधाओं तक पहुँच की कमी अभूतपूर्व जोखिम पैदा कर रही है, जिसमें महिलाओं और लड़कियों को समाज में समान रूप से भाग लेने का अवसर नहीं मिल पा रहा है.

28 अक्टूबर, 2022 को अनंबरा राज्य, नाइजीरिया का बाढ़ग्रस्त क्षेत्र
OCHA/ Trond Jensen

यूएन न्यूज़: सम्मेलन से क्या मुख्य उम्मीदें हैं?

योका ब्रैंत: जल के लिए हमें पैरिस [समझौते] जैसे क्षण की आवश्यकता है. जैसाकि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने हाल ही में कहा है कि बहुत देर हो जाने से पहले, हमें निर्णायक रूप से काम करने की आवश्यकता है, रूपान्तरकारी बदलावों की प्रतिबद्धता के साथ.

जल सम्मेलन में हमारा यही लक्ष्य है क्योंकि हमें अधिक साझेदारी, अधिक निवेश और अधिक कार्रवाई की आवश्यकता है. हमें जल कार्रवाई दशक और 2030 एजेंडा के क्रियान्वयन में तेज़ी लाने के लिए साहसिक प्रतिबद्धताओं से परिपूर्ण जल कार्रवाई एजेंडा की ज़रूरत है.

जोनिबेक हिकमत: एक सफल सम्मेलन, प्रक्रिया और परिणाम दोनों के सन्दर्भ में समावेशी होना चाहिए, जिसमें कोई भी पीछे न छूटे, और जिसमें वैश्विक गोलार्द्ध में स्थित देश (ग्लोबल साउथ), महिलाएँ, युवजन और आदिवासी समूह समेत सभी हितधारक बढ़-चढ़कर हिस्सा लें.

24 मार्च को, हम परिवर्तनकारी प्रतिबद्धताओं से पूर्ण एक ‘Water Action Agenda’ पेश करेंगे, जो वास्तव में जल-सम्बन्धी लक्ष्यों की दिशा में प्रगति को गतिशील कर सकता है.

हमें केवल बड़े बयानों वाले सम्मेलन की ज़रूरत नहीं है. हमें निडर प्रतिबद्धताओं और इन प्रतिबद्धताओं को लागू करने के लिए साहस की आवश्यकता है. हमें विश्व भर से सरकारों, नागरिक समाज और निजी क्षेत्र से ऐसे संकल्पों की आवश्यकता है.

यूएन न्यूज़: सर्वजन के लिए जल-सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या आवश्यक है?

योका ब्रैंत: जल, जल-सम्बन्धी लक्ष्यों और वैश्विक जल सुरक्षा पर केन्द्रित एसडीजी लक्ष्यों तक पहुँचने के लिए पुराने ढर्रे पर कार्रवाई पर्याप्त नहीं है. सम्मेलन से पहले, सरकारें, संयुक्त राष्ट्र, नागरिक समाज संगठन, व्यवसाय, निवेशक, स्थानीय समुदाय, युवा और कई अन्य हितधारक जल कार्रवाई एजेंडा को सफल बनाने में एक साथ आगे आ रहे हैं.

हम जल-सम्बन्धी आपदाओं का सामना करने के लिए बेहतर आँकड़ों में संसाधन निवेश करेंगे. उन सभी तक जल व स्वच्छता सुविधाओं की पहुँच बढ़ाएंगे, जो फ़िलहाल इससे वंचित हैं. और हम जलवायु परिवर्तन, भुखमरी और जैवविविधता के नुक़सान से निपटने के लिए समाधानों में और अधिक निवेश करेंगे.

डोलो, सोमालिया में गम्भीर सूखे के कारण सूख गई नदी से एक छोटा लड़का जितना थोड़ा पानी इकट्ठा कर सकता है.
© UNICEF/Sebastian Rich

जोनिबेक हिकमत: हमने दोनों अन्तरराष्ट्रीय दशकों "जीवन के लिए जल दशक" (2002-2015) और "टिकाऊ विकास के लिए जल दशक" (2018-2028) की शुरुआत की. हमने दुशान्बे जल प्रक्रिया आरम्भ की, जोकि जल पर द्विवार्षिक अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन है.

ऐसे दूसरा सम्मेलन हमारे देश में आयोजित हुआ, जहाँ जून 2022 में दुशान्बे घोषणापत्र पारित किया गया, जिसमें एकजुट वैश्विक प्रयासों के अहम सन्देश को रेखांकित किया गया है.

यूएन न्यूज़: जल से जुड़ी चुनौतियों से निपटने में युवाओं की क्या भूमिका है?

योका ब्रैंत: जल सम्मेलन विश्व को जल के लिए एकजुट करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है. हमारा उद्देश्य सभी को एक साथ लाना है और सभी की बात सुनना है.

इसमें युवाओं की बहुत अहम भूमिका होती है. आज की जल-सम्बन्धी चुनौतियों को हल करने के लिए उनकी आवाज़, विचार और समाधान अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं.

यूएन न्यूज़: जल सम्मेलन के बाद, सितम्बर 2023 में संयुक्त राष्ट्र के एसडीजी शिखर सम्मेलन और वर्ष 2024 में भविष्य के शिखर सम्मेलन को ध्यान में रखते हुए, जल सम्मेलन के बाद वैश्विक जल एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए आगे क्या अहम कदम होगें?

जोनिबेक हिकमत: जल कार्रवाई एजेंडा लक्ष्य तक पहुँचने का एक माध्यम है, अपने आप में कोई लक्ष्य नहीं है. हम क्रियान्वयन, निगरानी और रिपोर्टिंग में यथासम्भव मौजूदा तंत्रों का इस्तेमाल करना चाहते हैं.

इसलिए, इन सकंल्पों को मौजूदा ढाँचों, जैसेकि 2023 में एसडीजी शिखर बैठक और 2024 में भविष्य की शिखर बैठक में समाहित किया जाना होगा.