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UNICEF: तुर्कीये भूकम्प से प्रभावित बच्चों की मदद की आपील

छह फ़रवरी को तुर्कीये और सीरिया में आए भीषण भूकम्प ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया है.
© UNICEF/UNOCHA
छह फ़रवरी को तुर्कीये और सीरिया में आए भीषण भूकम्प ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया है.

UNICEF: तुर्कीये भूकम्प से प्रभावित बच्चों की मदद की आपील

मानवीय सहायता

सयुक्त राष्ट्र बाल कल्याण एजेंसी – UNICEF की एक वरिष्ठ पदाधिकारी अफ़शाँ ख़ान ने, तुर्कीये में 6 फ़रवरी को आए भीषण भूकम्प में प्रभावित लड़के-लड़कियों को और ज़्यादा सहायता मुहैया कराने कराने की पुकार लगाई है. इस भूकम्प ने लगभग 10 लाख लोगों को बेघर कर दिया है.

योरोप और मध्य एशिया के लिए यूनीसेफ़ की क्षेत्रीय निदेशक अफ़शाँ ख़ान ने, क्षेत्र के लिए अपनी हाल की यात्रा का ज़िक्र करते हुए, शुक्रवार को, जिनीवा में पत्रकारों को बताया कि वहाँ उन्होंने किस तरह अपनी आँखों से व्यापक विनाश देखा है.

उन्होंने कहा कि तुर्कीये में बच्चों पर चिन्ता, अवसाद और अन्य तरह की मनोवैज्ञानिक बीमारियाँ पनपने का जोखिम है. उन्हें अपनी शिक्षा फिर शुरू करने का मौक़ा मिलना चाहिए, और उन्हें भूकम्प से हुई भारी तबाही के माहौल में हुए सदमे से उबरने के लिए, तत्काल मनोवैज्ञानिक मदद की ज़रूरत है.

बेघर, खाद्य वंचित और सर्दी

ध्यान रहे कि तुर्कीये और सीरिया में सोमवार, 6 फ़रवरी को भीषण भूकम्प आया था जिसमें हज़ारों लोग हताहत हुए हैं और लाखों अन्य बेघर और विस्थापित हुए हैं.

अफ़शाँ ख़ान ने एक सर्वाधिक प्रान्त – कहरामानमारस का दौरा किया है, जहाँ हज़ारों परिवारों को अब भी अस्थाई आश्रय स्थलों में रहना पड़ रहा है, या बहुत से लोगों ने कारों, बस अड्डों, पुलों के नीचे, और टैंटों में पनाह ली हुई है.

उन्होंने कहा कि भूकम्प प्रभावितों के सामने, भोजन और जल की कमी, और कड़ाके की सर्दी वाले तापमान का सामना करने का जोखिम है, विशेष, रूप से रात में. दस लाख से ज़्यादा लोग ऐसे अस्थाई आश्रय स्थलों में रह रहे हैं जहाँ बुनियादी सेवाओं तक सीमित पहुँच है.

अफ़शाँ ख़ान ने कहा, “मैंने कहरामानमारस में बनाए गए केन्द्रों में से एक ऐसे केन्द्र का दौरा किया, जहाँ शुरू में 9 हज़ार लोगों को रखा गया था, मगर अब वहाँ 18 हज़ार लोग ठहरे हुए हैं. उनमें लगभग एक तिहाई संख्या बच्चों की है. स्थान बहुत छोटा है, जिससे बहुत भीड़ है और रहन-सहन की स्थिति बहुत ख़राब है.”

शिक्षा पर जोखिम

तुर्कीये में भूकम्प से हुई भीषण तबाही के बाद, मलबे को साफ़ करना भी एक विशाल कार्य है.
UNOCHA/Madevi Sun Suon

उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में स्कूलों के ध्वस्त होने या उन्हें बड़ी क्षति होने के कारण, लगभग 40 बच्चों की शिक्षा पर जोखिम मंडरा रहा है जिनमें साढ़े तीन लाख से ज़्यादा शरणार्थी और आप्रवासी जन हैं.

अफ़शाँ ख़ान ने कहा, “हम जानते हैं कि बच्चों और उनकी बेहतरी के लिए, शिक्षा और दैनिक आदतें कितनी अहम हैं. इस समय तबाही और अनिश्चितता के बीच, बच्चों को सहायता व समर्थन की आवश्यकता है ताकि उनमें सामान्य स्थिति का भरोसा बहाल हो सके.”

तुर्कीये में, विश्व में सबसे ज़्यादा शरणार्थी रहते हैं, जिनमें लगभग 36 लाख शरणार्थी युद्धग्रस्त सीरिया से आए हुए हैं. तुर्कीये में रहने वाले कुल शरणार्थी बच्चों में से, लगभग 8 लाख बच्चे, भूकम्प से सर्वाधिक प्रभावितों में शामिल हैं.

अफ़शाँ ख़ान ने कहा, “पहले भी, बहुत से बच्चों का घर उनसे खो चुका है; हम अपनी आँखों से जो देख रहे हैं, वो बहुत ही जटिल परिस्थितायों वाली त्रासदी है.”

मलबा निवारण

इस बीच, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने तुर्कीये में भूकम्प से तीव्र पुनर्बहाली के लिए, 11 करोड़ 35 लाख डॉलर की सहायता राशि जुटाने की अपील जारी की है. इसमें से अधिकांश धन मलबा हटाने के कार्यों पर ख़र्च होगा, जोकि लगभग 21 करोड़ टन होने का अनुमान है.

ये अपील , तुर्कीये के लिए कुल एक अरब सहायता राशि जुटाने की यूएन अपील का हिस्सा है, जोकि गत सप्ताह जारी की गई थी.