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विश्व बैंक: लम्बे समय की मन्दी से विकासशील देशों पर गम्भीर प्रभाव पड़ने की सम्भावना

उत्तरी घाना में ग्रामीण महिलाओं के लिये शीया फल और मक्खन का उत्पादन, सबसे सुलभ आय-सृजन गतिविधियों में से एक है.
© FAO/Luis Tato
उत्तरी घाना में ग्रामीण महिलाओं के लिये शीया फल और मक्खन का उत्पादन, सबसे सुलभ आय-सृजन गतिविधियों में से एक है.

विश्व बैंक: लम्बे समय की मन्दी से विकासशील देशों पर गम्भीर प्रभाव पड़ने की सम्भावना

आर्थिक विकास

वैश्विक अर्थव्यवस्था पर विश्व बैंक की नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया है कि उभरते बाज़ारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में, अगले दो वर्षों में बड़े स्तर पर विकास प्रभावित होगा.

वैश्विक स्तर पर, बढ़ती मुद्रास्फ़ीति और ब्याज़ दरों, घटते निवेश, व यूक्रेन पर रूस के पूर्ण पैमाने के आक्रमण के कारण आपूर्ति में व्यवधान आने से, विकास की गति धीमी होती जा रही है.

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विश्व बैंक ने कहा कि कोई भी नई प्रतिकूल स्थिति, वैश्विक अर्थव्यवस्था को मन्दी की ओर धकेल सकती है. इसमें, अपेक्षा से अधिक मुद्रास्फ़ीति की दर, इसे रोकने के लिये ब्याज़ दरों में अचानक बढ़ोत्तरी, कोविड-19 महामारी का पुनरुत्थान, या भूराजनैतिक तनाव में वृद्धि शामिल हैं.

सरकारी ऋण के अत्यधिक स्तर और बढ़ती ब्याज़ दरों से निपटने के लिये, उन्नत अर्थव्यवस्थाएँ वैश्विक पूंजी का इस्तेमाल कर रही हैं.

निर्धनता दर में वृद्धि

उभरते बाज़ार और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में, प्रति व्यक्ति आय वृद्धि औसतन 2.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो 2010-2019 के औसत से पूरा एक प्रतिशत अंक कम है.

दुनिया के सर्वाधिक निर्धन लोगों का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा माने जाने वाले उप-सहारा अफ़्रीका में, 2023-24 में प्रति व्यक्ति आय में औसतन केवल 1.2 प्रतिशत वृद्धि होने का अनुमान है, जिससे ग़रीबी की दर कम होने की बजाय बढ़ सकती है.

विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष, डेविड मलपास ने कहा, "वैश्विक विकास परिदृश्य बिगड़ने के कारण विकास का संकट गहरा रहा है."

"उभरते और विकासशील देशों को, भारी ऋण बोझ और व्यापार में कमज़ोर निवेश के कारण, कई सालों की धीमी वृद्धि का सामना करना पड़ रहा है. इससे, शिक्षा, स्वास्थ्य, ग़रीबी और बुनियादी ढाँचे में पहले से ही हो रहे विनाशकारी उलटफेर व जलवायु परिवर्तन में और मांगें जुड़ जाड़ने की आशंका है.”

वैश्विक मन्दी की भविष्यवाणी

‘Global Economic Prospects’ रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में विकास की दर, 2022 के 2.5 प्रतिशत से धीमी होकर, 2023 में 0.5 प्रतिशत हो जाएगी. पिछले दो दशकों में, इस पैमाने की मन्दी में वैश्विक मन्दी की छाया दिखती रही है.

संयुक्त राज्य अमेरिका में, विकास इस वर्ष 0.5 प्रतिशत तक गिरने का अनुमान है – जोकि पिछले पूर्वानुमानों से -1.9 प्रतिशत अंक और 1970 के बाद से आधिकारिक मन्दी के बाहर का सबसे कमज़ोर प्रदर्शन माना जा सकता है.

2023 में, योरोप-क्षेत्र की वृद्धि शून्य प्रतिशत रहने की उम्मीद है – यानि 1.9 प्रतिशत अंकों की गिरावट. चीन में विकास दर 4.3 प्रतिशत अनुमानित है; जो पिछले पूर्वानुमानों से 0.9 प्रतिशत अंक नीचे है.

चीन के अलावा, अन्य उभरते बाज़ारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में, वृद्धि 2022 में 3.8 प्रतिशत से घटकर 2023 में 2.7 प्रतिशत होने की उम्मीद है.

2024 के अन्त तक, उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में जीडीपी का स्तर महामारी से पहले अनुमानित स्तरों से लगभग छह प्रतिशत कम होगा.

2022-2024 की अवधि में, इन अर्थव्यवस्थाओं में सकल निवेश, औसतन लगभग 3.5 प्रतिशत बढ़ने की सम्भावना है – यानि पिछले दो दशकों की दर के आधे से भी कम.

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UNDP/Pierre Michel Jean

लातिन अमेरिका और कैरीबियाई क्षेत्र

इस बीच, लातिन अमेरिका और कैरीबियाई क्षेत्र से माल निर्यात पर संयुक्त राष्ट्र की नवीनतम प्रमुख वार्षिक रिपोर्ट के आँकड़ों में, 2022 में 20 प्रतिशत की वृद्धि दिखाई गई है, लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में वृद्धि में गिरावट है.

लातिन अमेरिका और कैरीबियाई क्षेत्र के लिये आर्थिक आयोग (ECLAC)  का अनुमान है कि इस क्षेत्र में विकास, क़ीमतों में 14 प्रतिशत की वृद्धि और निर्यात मात्रा में 6 प्रतिशत की वृद्धि से प्रेरित था.

आयोग ने यह भी पाया कि क्षेत्रीय वस्तुओं के आयात मूल्य में, 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

2021 की तरह ही यह विस्तार भी मुख्यत: बाहरी कारकों (कच्चे माल, विशेष रूप से ईंधन की कीमतों में वृद्धि) से प्रेरित था, नाकि निर्यात की मात्रा बढ़ाने या क्षेत्रीय निर्यात आपूर्ति को नए क्षेत्रों की ओर मोड़ने की क्षमता से.