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सीरिया: ‘चिन्ताजनक और ख़तरनाक’ सैन्य भड़काव पर विशेष दूत की चेतावनी

सीरिया के इदलिब में, विस्थापित लोगों के लिए बनाए गए एक शिविर में, पानी भर कर ले जाते हुए दो बच्चे.
OCHA/Bilal al Hamoud
सीरिया के इदलिब में, विस्थापित लोगों के लिए बनाए गए एक शिविर में, पानी भर कर ले जाते हुए दो बच्चे.

सीरिया: ‘चिन्ताजनक और ख़तरनाक’ सैन्य भड़काव पर विशेष दूत की चेतावनी

शान्ति और सुरक्षा

सीरिया के लिये संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गियर पैडरसन ने मंगलवार को सुरक्षा परिषद में कहा है कि सीरिया को सैन्य गतिविधियों की ज़रूरत है, और राजनैतिक प्रक्रिया पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है. उन्होंने सैन्य गतिविधियों में चिन्ताजनक उछाल के मद्देनज़र, संयम बरते जाने की अपील भी की है.

गियर पैडरसन ने भय व्यक्त किया कि सैन्य अभियानों में तेज़ी, युद्ध में आए रणनैतिक ठहराव को पलट सकता है, जबकि इस ठहराव ने लगभग तीन वर्षों के दौरान कुछ शान्ति स्थापित की है.

भड़काऊ समीकरण

उन्होंने कहा, “मैंने अपनी रिपोर्ट्स में, सीरिया में सैन्य भड़काव के ख़तरों के बारे में बार-बार आगाह किया है. मैं आज भी आपको यहाँ बताता हूँ कि भड़काऊ समीकरण बन रहे हैं, और ये चिन्ताजनक व ख़तरनाक स्थिति है.”

उन्होंने बताया कि हाल के महीनों में देश के उत्तरी हिस्से में हमलों में बढ़ोत्तरी हुई है, जिनमें सीरियाई लोकतांत्रिक बल, तुर्कीये और सशस्त्र विरोधी गुट शामिल हैं, और इससे सीमावर्ती इलाक़ों में हिंसा फैल रही है.

तुर्कीये ने, इस्तान्बूल शहर में इस महीने के आरम्भ में हुए एक बम विस्फोट के बाद, सीरिया के उत्तरी इलाक़ों और इराक़ में, तथाकथित आतंकवादी ठिकानों पर हमले किए हैं.

चिन्ताजनक रुझान

इस बीच, इदलिब में सरकार समर्थक घातक वायु और ज़मीनी हमले हुए हैं, जहाँ देश के भीतर ही विस्थापित हुए लोगों को ठहराया गया है. ये देश के उत्तरी हिस्से में है और विद्रोहियों के नियंत्रण वाला अन्तिम क्षेत्र बचा है.

सरकार के नियंत्रण वाले इलाक़ों में सीरियाई बलों के विरुद्ध, तथाकथित आतंकवादी हमले भी हुए बताए गए हैं.

सीरिया के रक़्क़ा इलाक़े में एक महिला, अपने बच्चों के लिये, दवाएँ प्राप्त करते हुए.
© UNICEF/Delil Souleiman
सीरिया के रक़्क़ा इलाक़े में एक महिला, अपने बच्चों के लिये, दवाएँ प्राप्त करते हुए.

उससे अलग राजधानी दमिश्क, होम्स, हमा और लताकिया में कुछ ऐसे हमले भी हुए हैं जिनके लिये इसराइल को ज़िम्मेदार ठहराया गया है. उसके बाद सीरियाई सरकार ने जवाब में विमान रोधी हमले फ़ायर भी किए.

अन्य घटनाओं के अलावा, सीरिया और इराक़ के बीच सीमा पर हवाई हमले होने की भी ख़बरें हैं.

गियर पैडरसन ने सुरक्षा परिषद को बताया, “ये रुझान बहुत चिन्ताजनक हैं, और इनमें इससे भी ज़्यादा भड़काव के असल जोखिम नज़र आते हैं.”

उन्होंने कहा, “इसलिए मैं सभी पक्षों से संयम बरतने और शान्ति बहाली के लिए बातचीत में शामिल होने, एक देश व्यापी युद्ध विराम की दिशा में आगे बढ़ने और आतंकवाद निरोधक प्रयासों में अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के अन्तर्गत सहयोगी रास्ता अपनाने की पुकार लगाता हूँ.”

भरोसा बहाली के प्रयास

विशेष दूत गियर पैडरसन इस बीच भरोसा बहाली के उपायों की ख़ातिर, तमाम पक्षों के साथ काम कर रहे हैं और ये प्रयास सीरियाई नेतृत्व वाली एक राजनैतिक प्रक्रिया के लिए हैं.

अलबत्ता, विशेष दूत ने खेद प्रकट करते हुए ये भी कहा कि सीरियाई संवैधानिक समिति छह महीनों से अपनी बैठक नहीं कर सकी है, जबकि यह ध्यान देने की बात है कि यही एक मात्र ऐसी प्रक्रिया है जो सरकार, विपक्ष और सिविल सोसायटी द्वारा मनोनीत प्रतिनिधियों को एक मंच पर लाती है.

उन्होंने कहा, “यह गतिरोध जितना लम्बा चलेगा, उतना ही कठिन इसे शुरू करना होगा. और एक विश्वसनीय राजनैतिक प्रक्रिया की अनुपस्थिति से, और ज़्यादा संघर्ष व अस्थिरता को ही बढ़ावा मिलेगा.”

ज़रूरतों में वृद्धि

इस स्थिति ने, मानवीय सहायता मोर्चे पर कार्रवाई की पुकारों को भी ताज़ा कर दिया है.

संयुक्त राष्ट्र के राहत मामलों के मुखिया मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने सुरक्षा परिषद को बताया है कि जीवित रहने के लिये सहायता पर निर्भर होने वाले सीरियाई लोगों की संख्या हर वर्ष बढ़ रही है.

उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में मानवीय सहायता की ज़रूरत वाले एक करोड़ 46 लाख लोगों की संख्या, वर्ष 2023 में एक करोड़ 50 लाख हो जाने की अपेक्षा है.

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने विशेष दूत गियर पैडरसन की जानकारी पर सहमति व्यक्त करते हुए बताया कि हाल के समय में सीरिया के उत्तरी इलाक़ों में युद्धक गतिविधियाँ बढ़ने से, आम लोगों पर, और महत्वपूर्ण सिविल ढाँचे पर बहुत बुरा असर पड़ा है.