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यूक्रेन: 'रूस के ताज़ा हमलों के बाद, देश निवासियों के लिये भीषण सर्दियों का जोखिम'

संयुक्त राष्ट्र के राजनैतिक मामलों की प्रमुख रोज़मैरी डीकार्लो, यूक्रेन मुद्दे पर सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए.
UN Photo/Eskinder Debebe
संयुक्त राष्ट्र के राजनैतिक मामलों की प्रमुख रोज़मैरी डीकार्लो, यूक्रेन मुद्दे पर सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए.

यूक्रेन: 'रूस के ताज़ा हमलों के बाद, देश निवासियों के लिये भीषण सर्दियों का जोखिम'

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र के राजनैतिक मामलों की प्रमुख रोज़मैरी डीकार्लो ने बुधवार को सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए, रूस द्वारा पूरे यूक्रेन में आम लोगों और महत्वपूर्ण ढाँचे के ख़िलाफ़ लगातार क्रूर हमले किए जाने से भारी तबाही होने के बारे में आगाह किया है.

रोज़मैरी डीकार्लो ने बुधवार को सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए, हाल ही में यूक्रेन में रूस के मिसाइल और ड्रोन हमलों का सन्दर्भ दिया, जिन्होंने, उनके अनुसार अनेक शहरों में आम लोगों को भयभीत कर दिया है. इनमें कीयेव, ओडेसा, लिविव, मिकोलाइव, ख़ारकीव, और ज़ैपोरिझझिया जैसे शहर भी शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि सर्दियाँ तेज़ी से नज़दीक हैं ऐसे में, इन हमलों ने ये भय ताज़ा कर दिया है कि ये सर्दियाँ, यूक्रेन के लाखों लोगों के लिये त्रासदीपूर्ण होंगी.

यूक्रेन के लोगों के सामने, कई महीनों के भीषण मौसम की सम्भावना दरपेश है जबकि उनके पास घर गरम रखने के लिए संसाधन व बिजली, पानी और अन्य बुनियादी सेवाओं का अभाव होगा.

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सभी क्षेत्र प्रभावित

संयुक्त राष्ट्र के शान्तिनिर्माण कार्यों की मुखिया ने हाल में किए गए कुछ हमलों के नतीजों का ख़ाका भी पेश किया जिनमें ज़ैपोरिझझिया क्षेत्र के एक जच्चा-बच्चा अस्पताल में एक नवजात शिशु की मौत का मामला भी शामिल है. उस अस्पताल पर रात में हमला किया गया था.

उसके अलावा राजधानी कीयेव और आसपास के अनेक शहरों में आवासीय इमारतों में भी अनेक आम लोगों की मौतें हुई हैं.

यूक्रेनी अधिकारियों और मीडिया ख़बरों के अनुसार, देश की ऊर्जा आपूर्ति ध्वस्त हो गई है. यूक्रेन के सभी क्षेत्रों में बिजली कटौती शुरू की गई है, और बहुत से क्षेत्र तो बिजली से पूरी तरह कट गए हैं.

रोज़मैरी डीकार्लो ने कहा कि यूक्रेन के लोग भारी क़हर के तले दब गए हैं: लगभग 4 लाख 30 हज़ार लोगों को पिछले कुछ सप्ताहों के दौरान किसी ना किसी तरह की शीत सहायता मुहैया कराई गई है. और अस्पतालों, स्कूलों व अन्य महत्वपूर्ण सुविधाओं में बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए, लगभग 400 बिजली जैनरेटर उपलब्ध कराए गए हैं.

उन्होंने सुरक्षा परिषद में कहा, “संयुक्त राष्ट्र इन हमलों की तीखी निन्दा करता है और मांग करता है कि रूसी महासंघ ये कार्रवाइयाँ तत्काल रोके.”

रोज़मैरी डीकार्लो ने युद्ध के किसी भी क़ानून के उल्लंघन की जवाबदेही निर्धारित किए जाने का आहवान भी किया.

उन्होंने साथ ही दोहराते हुए कहा कि आम लोगों और सिविलियन ढाँचे को निशाना बनाकर किए जाने वाले हमले, अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के अन्तर्गत निषिद्ध हैं.

परमाणु त्रासदी की कल्पना भी भयावह

रोज़मैरी डीकार्लो ने ज़ैपोरिझझिया परमाणु संयंत्र में मौजूदा स्थिति पर गहरी चिन्ता भी व्यक्त की, जोकि योरोप का सबसे विशाल परमाणु ऊर्जा प्लांट है.

उन्होंने बताया कि बीते सप्ताहान्त, इस परमाणु संयंत्र पर गोलाबारी होने की ख़बरें थीं, इसके बावजूद इस परमाणु ऊर्जा प्लांट में महत्वपूर्ण उपकरणों को कोई हानि नहीं पहुँची है, और तत्काल कोई परमाणु सुरक्षा चिन्ता की बात नहीं है.

अलबत्ता उन्होंने कहा, “ये केवल सौभाग्य की बात है. हम नहीं जानते कि ये सौभाग्य कब तक जारी रहेगा. विश्व एक और परमाणु युद्ध का जोखिम बिल्कुल भी नहीं उठा सकता है.”

संयुक्त राष्ट्र की अवर महासचिव रोज़मैरी डीकार्लो ने सुरक्षा परिषद को बताया कि उनके इस सम्बोधन से कुछ ही घंटे पहले, अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने ख़बर दी थी कि ये परमाणु प्लांट, वहाँ शीतलन और अनिवार्य परमाणु सुरक्षा गतिविधियों के लिये बिजली उपलब्ध कराने के लिए, डीज़ल से चलने वाले जैनरेटर्स पर निर्भर है.

क़ैदियों की अदला-बदली

रोज़मैरी डीकार्लो ने बहुत निराशाजनक वातावरण में एक सकारात्मक ख़बर भी दी, और वो थी - क़ैदियों की अदला-बदली के बारे में.

उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन ने 35 रूसी और 36 यूक्रेनी क़ैदियों को रिहा करने की ख़बर दी है.

उन्होंने दोनों पक्षों से इस तरह की रिहाई जारी रखने और ये सुनिश्चित करने की पुकार लगाई कि वो अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के अन्तर्गत अपनी ज़िम्मेदारियाँ पूरी करें, विशेष रूप में तीसरी जिनीवा कन्वेन्शन से सम्बन्धित, जिसमें युद्ध बन्दियों के साथ बर्ताव से सम्बन्धित नियमें हैं.

रोज़मैरी डीकार्लो ने कहा कि सभी सदस्य देशों और अन्तरराष्ट्रीय संगठनों को, यूक्रेन में इन सर्दियों में मानव निर्मित त्रासदी उत्पन्न होने से रोकने के लिए, तमाम प्रयासों को समर्थन देना होगा.