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एचआईवी पीड़ित महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के उन्मूलन की दिशा में प्रगति

रवाण्डा में एक युवा लड़की को एचपीवी की वैक्सीन दी जा रहीहै और अन्य स्कूली छात्राएँ भी अपनी बारी का उत्सुकता और घबराहट में इन्तज़ार कर रही हैं.
© UNICEF/Laurent Rusanganwa
रवाण्डा में एक युवा लड़की को एचपीवी की वैक्सीन दी जा रहीहै और अन्य स्कूली छात्राएँ भी अपनी बारी का उत्सुकता और घबराहट में इन्तज़ार कर रही हैं.

एचआईवी पीड़ित महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के उन्मूलन की दिशा में प्रगति

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि सर्वाइकल कैंसर के उन्मूलन में तेज़ी लाने पर केन्द्रित वैश्विक रणनीति लागू किए जाने और एचआईवी पीड़ित होने के कारण, ज़्यादा जोखिम झेल रही महिलाओं के बारे में पुख़्ता जानकारी जुटाए जाने के दो साल बाद, इस बीमारी के विरुद्ध सभी मोर्चों पर प्रगति दर्ज की गई है.

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सर्वाइकल कैंसर, महिलाओं में कैंसर मामलों की संख्या की दृष्टि से चौथे स्थान पर हैं, और हर साल तीन लाख से अधिक महिलाओं की मौत होती है.

सर्वाइकल कैंसर के कारण होने वाली मौतों में, उच्च-आय और निम्न-आय वाले देशों के बीच एक बड़ी विसंगति है. एक अनुमान के अनुसार, इस कैंसर से होने वाली हर 10 में से 9 मौतें, निम्न- व मध्य-आय वाले देशों में होती हैं. 

वर्ष 2021 में, अनुमानित कम से कम 19 देशों में एचआईवी से पीड़ित 19 लाख से अधिक महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर के लिए जाँच की गई.

सर्वाइकल कैंसर की जाँच और रोकथाम उपायों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा दिशानिर्देश जारी किए गए हैं, जिनके जवाब में, 53 देशों ने WHO की सिफ़ारिशों को सम्मिलित करने के लिए अपनी नीतियों में या तो कुछ बदलाव किए है या फिर उनकी अगले 3 वर्षों में ऐसा करने की योजना है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की वैश्विक एचआईवी, हेपेटाइटिस कार्यक्रमों की निदेशक डॉक्टर मेग डोहर्टी के अनुसार,“सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन पहल (Cervical Cancer Elimination Initiative) ने देशों, साझेदारों, क्रियान्वयन कर्ताओं, वित्त दाताओं और नागरिक समाज को सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम, उपचार की समझ और उस तक पहुँच में तेज़ी लाने के लिए प्रेरित किया है.”

“यह एक वास्तविक वैश्विक प्रयास है और इन कुछ वर्षों में परिणाम बेहद प्रभावशाली रहे हैं. महिलाओं के जीवन की रक्षा करने की प्रतिबद्धता इसी तरह जारी रहनी चाहिए."

फिर भी, अभी इस दिशा में बहुत कुछ किया जाना बाक़ी है. दक्षिण अफ्रीका में सर्वाइकल कैंसर पर एचआईवी के प्रभावों पर प्रकाशित नतीजों के अनुसार, एचआईवी का भीषण बोझ सहन कर रहे देशों (High HIV burden setting) में भी सर्वाइकल कैंसर का उन्मूलन सम्भव है.

अतिरिक्त प्रयासों की दरकार

अध्ययन के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन की उन्मूलन रणनीति में टीकाकरण, जीवन काल में दो बार जाँच, और समुचित उपचार की कवरेज जैसे उपायों को अपनाने से, समय बीतने के साथ सर्वाइकल कैंसर मामलों में कमी लाने में सफलता मिल सकती है.   

पहले 25 वर्षों में, आम महिलाओं और एचआईवी की अवस्था में रह रही महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के कुल मामलों में एक तिहाई की रोकथाम होने का अनुमान है.

मगर, एचआईवी के साथ लड़ रही महिलाओं की आबादी में इस बीमारी को पूरी तरह ख़त्म करना आसान नहीं होगा.

सर्वाइकल कैंसर के मामलों में 85 प्रतिशत से अधिक की कमी लाने में सफलता मिली है. लेकिन इसके बावजूद प्रति एक लाख महिलाओं में केवल 4 मामलों के उन्मूलन लक्ष्य को पूरा कर पाना तभी सम्भव हो पाया जब एचआईवी की अवस्था में रह रही महिलाओं की हर तीन साल में एक बार जाँच की गई.

जिन देशों में एचआईवी का बोझ बहुत अधिक है, वहीं पर ही सर्वाइकल कैंसर के मामले बहुतायत में देखने को मिलते हैं.

इसके मद्देनज़र, उन्मूलन के लिए और आगे बढ़कर प्रयास किए जाने की आवश्यकता होगी, और ताज़ा नतीजे दर्शाते हैं कि इसे हासिल किया जा सकता है, और उसके लिए उपाय भी उपलब्ध हैं.

सुरक्षित व कारगर HPV वैक्सीन की कवरेज में विस्तार करना, एचआईवी के साथ जीवन गुज़ार रही महिलाओं की नियमित जाँच करना आवश्यक होगा.