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श्रीलंका: 34 लाख ज़रूरतमंदों तक जीवनरक्षक सहायता पहुँचाने के लिये संशोधित अपील

श्रीलंका में लगातार दो मौसम में ख़राब कृषि पैदावार होने के कारण खाद्य असुरक्षा का संकट गहरा हुआ है.
© UNICEF/Chameera Laknath
श्रीलंका में लगातार दो मौसम में ख़राब कृषि पैदावार होने के कारण खाद्य असुरक्षा का संकट गहरा हुआ है.

श्रीलंका: 34 लाख ज़रूरतमंदों तक जीवनरक्षक सहायता पहुँचाने के लिये संशोधित अपील

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र ने विशाल आर्थिक संकट से गुज़र रहे देश, श्रीलंका के लिये अपनी मानव कल्याण आवश्यकताओं व प्राथमिकताओं के लिये प्रस्तावित योजना में संशोधन करते हुए 34 लाख से अधिक लोगों के लिये जीवनरक्षक सहायता सुनिश्चित किये जाने का अनुरोध किया है.

स्वाधीनता प्राप्ति के बाद से यह पहली बार है जब श्रीलंका को इतने बड़े स्तर पर आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

इस वर्ष जून महीने के बाद से ही, श्रीलंका में यूएन टीम और ग़ैर-सरकारी संगठनों ने ‘Humanitarian Needs and Priorities/HNP’ योजना के ज़रिये, देश पर कर्ज़ के असर को कम करने, खाद्य संकट और दवाओं की क़िल्लत से राहत प्रदान करने के प्रयास किये हैं.

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सरकारों और दानदाता एजेंसियों के समर्थन के फलस्वरूप, मानवीय राहत समुदाय के लिये देश में सर्वाधिक निर्बल 10 लाख लोगों तक पहुँच पाना सम्भव हुआ है.

इस क्रम में, ज़रूरतमंदों के लिये नक़दी, भोजन, स्कूली आहार, दवाओं, संरक्षण और आजीविका सम्बन्ध समर्थन की व्यवस्था की गई है.   

श्रीलंका में यूएन की रैज़ीडेण्ट कोऑर्डिनेटर हैना सिन्गर-हामदी ने श्रीलंका के लिये एकजुटता व्यक्त करने पर अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की सराहना की है, जिससे राहत योजना के लिये उदार योगदान प्राप्त हुआ है.

उन्होंने अनुरोध किया कि इस समर्थन को आगे भी बनाए रखना होगा, ताकि इस संकट में सर्वाधिक जोखिम झेल रहे समुदायों तक मदद पहुँचाया जाना जारी रखा जा सके.   

संशोधित सहायता योजना

अन्य यूएन एजेंसियों द्वारा जारी की गई अपीलों के साथ, अब तक HNP योजना के तहत श्रीलंका के लिये सात करोड़ 90 लाख डॉलर जुटाये गए हैं, जिसमें विभिन्न देशों व संगठनों ने सहयोग दिया है.

अब इस योजना में संशोधन किया गया है और इसकी अवधि 2022 के अन्त तक बढ़ा दी गई है. इसके लिये सात करोड़ डॉलर की अतिरिक्त धनराशि की आवश्यकता होगी, और HNP के तहत कुल रक़म 14 करोड़ 97 लाख डॉलर तक पहुँच जाएगी.

बताया गया है कि श्रीलंका के सभी 25 ज़िलों में ज़रूरतमंदों की संख्या का फिर से आकलन किया गया है.

अतिरिक्त धनराशि के ज़रिये बच्चों, गर्भवती और स्तनपान करा रही महिलाओं के लिये बेहतर पोषण की व्यवस्था की जाएगी, सुरक्षित पेयजल मुहैया कराया जाएगा और कृषि व मत्स्य पालन पर निर्भर लोगों को सहायता प्रदान की जाएगी.

आमजन की रक्षा

देश में लगातार दो ऋतुओं में ख़राब पैदावार हुई है, विदेशी विनिमय की क़िल्लत है और घर-परिवारों की ख़रीदने की क्षमता में कमी आई है, जिससे खाद्य असुरक्षा के मामले बढ़े हैं.

अक्टूबर में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति की दर 85.6 प्रतिशत आंकी गई, और संघर्ष कर रहे श्रीलंकाई नागरिकों के लिये वर्ष 2023 में भी कृषि पैदावार में कमी आने की आशंका है.

एक अनुमान के अनुसार, देश की 28 फ़ीसदी आबादी, यानि 63 लाख लोग, मध्यम से गम्भीर स्तर पर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं.

संयुक्त राष्ट्र ने स्थानीय स्तर पर खाद्य उत्पादन व वितरण को मज़बूती प्रदान करने की अहमियत रेखांकित की है, और ध्यान दिलाया है कि आजीविकाओं की रक्षा के ज़रिये, श्रीलंका में लोगों के जीवन की रक्षा की जा सकती है.

सहायता की अपील

विश्व बैंक के ‘2022 विकास अपडेट’ के अनुसार वर्ष 2021 और 2022 के दौरान, श्रीलंका में राष्ट्रीय निर्धनता दर 13.1 प्रतिशत से बढ़कर 25.6 फ़ीसदी तक पहुँच गई.

मानवीय राहत आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं के लिये संशोधित योजना, यूएन व साझेदार संगठनों द्वारा संचालित आपात सहायता अभियान के पूरक के तौर पर काम करेगी.

इस अपील में 24 लाख निर्बलों व खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे लोगों तक तत्काल खाद्य सहायता पहुँचाये जाने की बात कही गई है, और 15 लाख किसानों को उर्वरक प्रदान किया जाना है.

इस योजना में 21 लाख लोगों के लिये पोषण समर्थन, सुरक्षित पेयजल, स्वास्थ्य देखभाल व दवा, और यौन व प्रजनन सेवाएँ मुहैया कराये जाने का भी लक्ष्य रखा गया है.

इस सहायता के ज़रिये संरक्षण सेवाओं के लिये निर्बल महिलाओं और हिंसा का जोखिम झेल रहे बच्चों तक संरक्षण सेवाओं की उपलब्धता जारी रखी जा सकेगी.