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योरोप के तापमान में, वैश्विक औसत की तुलना में दोगुना वृद्धि  

जून से अगस्त 2022 में योरोप के अनेक हिस्सों में ताप लहरों का असर देखा गया.
© Unsplash/Radu Chelariu
जून से अगस्त 2022 में योरोप के अनेक हिस्सों में ताप लहरों का असर देखा गया.

योरोप के तापमान में, वैश्विक औसत की तुलना में दोगुना वृद्धि  

जलवायु और पर्यावरण

विश्व मौसम विज्ञान एजेंसी (WMO) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार पिछले 30 वर्षों में योरोप में तापमान में, वैश्विक औसत की तुलना में दोगुने से भी अधिक वृद्धि हुई है, जोकि विश्व में किसी भी महाद्वीप सबसे अधिक है.

यूएन मौसम विज्ञान एजेंसी की ‘State of the Climate in Europe’ को योरोपीय संघ की जलवायु परिवर्तन सेवा के साथ साझा रूप से तैयार किया गया है और इसमें वर्ष 2021 में मौसमी घटनाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है.

रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि तापमान वृद्धि का रुझान जारी रहने से, असाधारण ताप लहरों, जंगलों में आग लगने, बाढ़ आने और जलवायु परिवर्तन के अन्य प्रभावों से अर्थव्यवस्थाओं, समाजों व पारिस्थितिकी तंत्रों पर असर होगा.

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रिपोर्ट में बढ़ते तापमानों, भूमि व समुद्री ताप लहरों, चरम मौसम की घटनाओं, जमे हुए पानी और बर्फ़ की सिकुड़ती चादरों समेत अन्य मौसमी बदलावों का उल्लेख किया गया है.

अध्ययन के अनुसार वर्ष 1991 से 2021 के बीच, योरोप में तापमान में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है – प्रति दशक औसतन +0.5 °C की दर से बढ़ोत्तरी.

इसके परिणामस्वरूप, ऐल्पाइन हिमनद में जमे हुए पानी की मोटाई में, वर्ष 1997 से 2021 के दौरान 30 मीटर की गिरावट आ चुकी है.  

ग्रीनलैंड पर जमे हुए पानी की चादर पिघल रही है जोकि समुद्री जलस्तर में वृद्धि की गति तेज़ होने की वजह है.

वर्ष 2021 की गर्मियों में, ग्रीनलैंड के उच्चतम बिंदु (summit station) पर पिघलाव की घटना और पहली बार बारिश दर्ज की गई.

जानलेवा गर्मी

वर्ष 2021 में भीषण असर डालने वाली मौसम व जलवायु घटनाओं में सैकड़ों लोगों की मौत हुई, और ऐसी घटनाओं से पाँच लाख से अधिक लोग प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए.

पिछले साल मौसमी चुनौतियों के कारण होने वाली आर्थिक क्षति 50 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गई और क़रीब 84 प्रतिशत घटनाएँ बाढ़ और तूफ़ान सम्बन्धी थीं.

योरोप में जैसे-जैसे जलवायु का बदलना जारी है, योरोपीय लोगों के स्वास्थ्य पर अनेक रूपों में असर पड़ने की सम्भावना है.

इनमें चरम मौसम घटनाओं की आवृत्ति बढ़ने से होने वाली मौतों और बीमारियों के मामले बढ़ेंगे.

इसके अलावा, पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाली बीमारियाँ बढ़ने और खाद्य, जल व अन्य प्रकार के रोगों के मामलों में वृद्धि होने की आशंका है,  और मानसिक स्वास्थ्य पर भी इनका असर होगा.

योरोप में सबसे घातक चरम जलवायु घटनाएँ ताप लहरों के रूप में नज़र आई हैं, विशेष रूप से पश्चिमी व दक्षिणी देशों में.

क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन, शहरीकरण और बुज़ुर्ग होती आबादी जैसे कारकों का सम्मिश्रण, ताप लहरों के प्रति सम्वेदनशीलता को और अधिक पैना कर सकता है.

जलवायु कार्रवाई में सफलता

हालांकि रिपोर्ट में केवल ख़राब समाचारों को ही साझा नहीं किया गया है. योरोप के अनेक देशों को अपने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती लाने में बड़ी सफलता मिली है.

विशेष रूप से, योरोपीय संघ में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में वर्ष 1990 से 2020 के दौरान 31 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई.

2030 के लिये उत्सर्जनों में नैट 55 प्रतिशत की गिरावट लाने का लक्ष्य रखा गया है.

असाधारण और गहन ताप लहरों की वजह से योरोप में तापमान के पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त हो गए हैं.

जलवायु परिवर्तन अनुकूलन के क्षेत्र में योरोप, सीमा-पार सहयोग के मामले में सबसे अग्रणी क्षेत्रों में है. कारगर समय पूर्व चेतावनी प्रणालियों को मुहैया करने में भी योरोप नेतृत्व भूमिका में है और 75 फ़ीसदी लोग इसके सुरक्षा दायरे में हैं.

ताप लहरों से बचाव के लिये स्वास्थ्य योजनाओं को अमल में लाने से अनेक ज़िंदगियों की अत्यधिक गर्मी से रक्षा करने में मदद मिली है.

गर्माती दुनिया की एक तस्वीर

यूएन मौसम विज्ञान एजेंसी के प्रमुख पेटेरी टालस ने कहा कि विशाल चुनौतियां अब भी हमारे सामने हैं.

उन्होंने आगाह किया कि योरोप गर्म हो रही दुनिया का एक सजीव चित्र प्रस्तुत करता है और हमें ध्यान दिलाता है कि बेहतर तैयारी करने वाले समाज भी चरम मौसम घटनाओं के असर से सुरक्षित नहीं हैं.

वर्ष 2021 की तरह इस साल भी, योरोप के विशाल हिस्सों में गहन ताप लहरों और सूखे का असर हुआ है, और जंगलों में आग लगने की घटनाएँ हुई हैं. वर्ष 2021 में असाधारण स्तर पर बाढ़ आने से बड़े पैमाने पर विनाश और जनहानि हुई थी.

यूएन मौसम विज्ञान एजेंसी प्रमुख ने कहा कि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जनों में कटौती के लिये गति को बनाए रखना होगा और महत्वाकाँक्षा भी बढ़ानी होगी.

उनके अनुसार पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने और इस सदी के मध्य तक एक कार्बन तटस्थ समाज की प्राप्ति में योरोप एक अहम भूमिका निभा सकता है.

विश्व मौसम विज्ञान एजेंसी की नवीनतम रिपोर्ट को मिस्र के शर्म अल-शेख़ में यूएन के वार्षिक जलवायु सम्मेलन से पहले जारी किया गया है, जिसे तैयार करने में मौसम विज्ञान व जल विद्युत सेवाओं, जलवायु विशेषज्ञों, क्षेत्रीय निकायों और यूएन के साझेदार संगठनों का सहयोग लिया गया है.