पत्रकारों के लिये जोखिमों से हम सभी का नुक़सान – यूएन प्रमुख
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने बुधवार को पत्रकारों के विरुद्ध अपराधों के लिये दंडमुक्ति का अन्त करने के अन्तरराष्ट्रीय दिवस पर अपने सन्देश में कहा है कि देशों की सरकारों और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को ऐसे लोगों की सुरक्षा कार्रवाई करनी होगी जो हम तक समाचार पहुँचाते हैं.
पत्रकारों की सुरक्षा और उनके ख़िलाफ़ होने वाले अपराधों के लिये दंडमुक्ति के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र की कार्रवाई योजना शुरू हुए दस वर्ष पूरे हो चुके हैं.
यूएन महासचिव ने स्वतंत्र प्रैस की महत्ता को रेखांकित किया जो उनके शब्दों में किसी लोकतंत्र की कार्यशीलता, ग़लत कार्यों का भांडा फोडने, हमारी जटिल दुनिया के संचालन, और टिकाऊ विकास लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के कार्यों में अति महत्वपूर्ण है. टिकाऊ विकास लक्ष्यों को एक न्यायसंगत, समान और हरित भविष्य के लिये संयुक्त राष्ट्र का ब्लूप्रिंट माना गया है.
उन्होंने कहा, “पत्रकारों के ख़िलाफ़ अपराधों के लिये दंडमुक्ति का ख़ात्मा करने के इस अन्तरराष्ट्रीय दिवस पर, आइये, हम अपने मीडिया कर्मियों का सम्मान करें, और सत्य, न्याय व सर्वजन के मानवाधिकारों की हिमायत में खड़ें हों.”
अनसुलझी हत्याएँ
पत्रकारों की महती भूमिका के बावजूद, केवल वर्ष 2022 के दौरान ही अभी तक 70 पत्रकारों की हत्याएँ की जा चुकी हैं.
यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “इनमें से ज़्यादातर हत्याएँ अनसुलझी ही रह जाती हैं. जबकि आज रिकॉर्ड संख्या में पत्रकारों को बन्दी बनाया जाता है या उन्हें हिरासत में रखा जाता है, साथ ही उन्हें क़ैद, हिंसा, और मौतों की धमकियाँ भी लगातार बढ़ रही हैं.”
उससे भी ज़्यादा दुष्प्रचार, ऑनलाइन डराए-धमकाने (Bullying) और ‘हेट स्पीच’ में बढ़ोत्तरी, दुनिया भर में मीडिया कर्मियों के लिये माहौल को और ज़्यादा दमघोंटू बना रही है, इनमें विशेष रूप से महिला पत्रकारों के बेहद कठिन हालात भी शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि क़ानूनी, वित्तीय और अन्य साधनों के दुरुपयोग के माध्यम से, शक्तिशाली तत्वों को जवाबदेह ठहराए जाने के प्रयास कमज़ोर पड़ रहे हैं. इस तरह के चलन से ना केवल पत्रकार ख़तरे में पड़ते हैं, बल्कि पूरे समाजों के लिए भी जोखिम पैदा होता है.
मैक्सिको: हिंसा व ख़ामोशी
मैक्सिको, पत्रकारों के लिये सबसे ख़तरनाक स्थानों में से एक है.
संयुक्त राष्ट्र के शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) के अनुसार, मैक्सिको में इस वर्ष अभी तक 18 पत्रकारों की हत्याएँ की जा चुकी हैं.
ये संगठन, दुनिया भर में पत्रकारों की हत्याओं के मामलों में चल रही न्यायिक जाँचों का रिकॉर्ड रखता है, जो ऑनलाइन भी मौजूद है.
पैट्रीशिया मॉनरियल वाज़क्वेज़, पिछले क़रीब 25 वर्षों से पत्रकारिता कर रही हैं, और मानवाधिकार, महिला मामले, और चुनावी व राजनैतिक मुद्दों पर पत्रकारिता करती हैं. वो मैक्सिको के पश्चिमी प्रान्त मिशोआकान की राजधानी मोरेलिया में स्थित हैं.
Some journalists never return home or to their newsroom after covering a story.
Today we are making this reality visible to society.
2 November is the International Day to #EndImpunity for Crimes against Journalists.
https://t.co/MPbxNE3Sox #MakeImpunityVisible https://t.co/FuhZkwR4Jo
UNESCO
पैट्रीशिया मॉनरियल वाज़क्वेज़ कहती हैं कि पत्रकारों के विरुद्ध हिंसा, 2006 के बाद से बहुत बदतर हुई है. यही वो वर्ष था जब पत्रकारों की गुमशुदगी का पहला मामला सामने आया था.
“और इससे बाधाएँ उत्पन्न होनी शुरू हो गईं, इससे ख़ामोशी शुरू हो गई, और इसने मीडिया में आत्मनियंत्रण शुरू कर दिया.”
उन्होंने बताया कि उसके बाद से, 14 साथी पत्रकारों की हत्याएँ हो चुकी हैं और 6 लापता हैं.
‘मौत भी पर्याप्त नहीं है’
पैट्रीशिया मॉनरियल वाज़क्वेज़ कहती हैं कि इस स्थिति, कामकाजी परिस्थितियाँ और विकास के लिये अवसरों की कमी के मिश्रण ने पत्रकारों की गुणवत्ता को प्रभावित किया है.
उन्होंने कहा कि इस तरह का निरोधात्मक प्रभाव नज़र आ रहा है, विशेष रूप से क्षेत्रीय स्तर पर, और धमकियों के कारण, मीडिया संस्थान बन्द हो रहे हैं.
वो कहती हैं, ”ये एक बहुत ही जटिल स्थिति है क्योंकि इसमें परिवार भी प्रभावित होते हैं.”
उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि 2017 में एक स्थानीय टीवी स्टेशन के निदेशक सल्वाडोर ऐडम का अपहरण करके उनकी हत्या कर दी गई थी.
“उन्हें पहले ही दफ़ना दिया गया था, मगर उसके बावजूद आगामी साल में, उनके परिवार को उनके घर से निकाल दिया गया था. यहाँ तक कि मृत्यु भी पर्याप्त नहीं है.”
असाधारण कार्रवाई योजना
एक दशक पहले, देशों ने संयुक्त राष्ट्र की कार्रवाई योजना को मंज़ूरी दी थी जिसका मक़सद पत्रकारों की सुरक्षा करना, उनके विरुद्ध होने वाले अपराधों की रोकथाम, और अपराधियों की जवाबदेही निर्धारित करना है.
यूनेस्को की महानिदेशिका ऑड्री अज़ूले का कहना है यह दस्तावेज़, पत्रकारों के असाधारण कामकाज को रेखांकित करने के लिये अपनाया गया था.
उन्होंने बताया कि यह दस्तावेज़ स्वीकृत होने के बाद काफ़ी प्रगति हुई है और राष्ट्रीय, क्षेत्रीय व वैश्विक स्तरों पर ठोस उपाय लागू किये गए हैं.
उन्होंने कहा कि पत्रकारों की हत्याएँ बेहद चिन्ताजनक स्तर पर हो रही हैं. यूनेस्को के आँकड़े दिखाते हैं कि पिछले एक दशक के दौरान 955 पत्रकारों को अपनी जानें गँवानी पड़ी हैं और 2018 के बाद से, इस मामले में वर्ष 2022 सबसे घातक साबित हुआ है.
ऑड्री अज़ूले ने हर जगह, हर समय पत्रकारों की सुरक्षा के लिये संकल्प को फिर से मज़बूत करने का आहवान किया है.