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यूएन महासचिव ने लगाई, अरब जगत में क्षेत्रीय एकता की पुकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अल्जीरिया में विदेश मंत्री रामताने लमाम्रा से मुलाक़ात की.
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संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अल्जीरिया में विदेश मंत्री रामताने लमाम्रा से मुलाक़ात की.

यूएन महासचिव ने लगाई, अरब जगत में क्षेत्रीय एकता की पुकार

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अल्जीयर्स में अरब देशों की लीग की शिखर बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा है कि बढ़ती भूराजनैतिक दरारों और गहराती विषमताओं के बीच, पारस्परिक सहयोग ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है.

यूएन प्रमुख ने ध्यान दिलाया कि अरब देशों की लीग उन क्षेत्रीय संगठनों में से है, जिसकी शान्ति, टिकाऊ विकास और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने में एक अहम भूमिका है.

उन्होंने अरब जगत में एकता की अपील करते हुए कहा कि इससे पहले यह कभी इतनी आवश्यक नहीं रही है.

“विभाजन से विदेशी, ग़ैर-अरब हस्तक्षेप, आतंकवाद, चीज़ों को तोड़-मरोड़ कर पेश किये जाने, और साम्प्रदायिक कलह का दरवाज़ा खुलता है.”

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“मगर, एकजुट होने से, आपका नेतृत्व एक ऐसे क्षेत्र को आकार दे सकता है जिसमें इसकी विशाल सम्भावनाओं का लाभ उठाया जाए और वैश्विक शान्ति व सुरक्षा में योगदान दिया जाए.”

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने अपने सम्बोधन की शुरुआत करते हुए फ़लस्तीनी लोगों की पीड़ा पर ध्यान केन्द्रित किया, और यूएन के स्पष्ट मत को रेखांकित करते हुए कहा कि क़ब्ज़े का अन्त और शान्ति को बढ़ावा दिया जाना होगा.  

“हमारा साझा लक्ष्य है, एक दूसरे के साथ शान्ति व सुरक्षा में रहने वाले दो-राष्ट्र – इसराइल और फ़लस्तीन – और दोनों देशों की राजधानी अल-क़ुद्स/येरुशलम होगी.”

फ़लस्तीनी शरणार्थियों की सहायता करने वाली यूएन एजेंसी (UNRWA) फ़िलहाल वित्तीय संकट का सामना कर रही है.

इसके मद्देनज़र, यूएन प्रमुख ने अरब देशों से क्षेत्रीय स्थिरता के इस अहम स्तम्भ को उदारतापूर्वक समर्थन देने का आग्रह किया है.

महासचिव ने हिंसक टकरावों से निपटने और सीरिया, लेबनान, यमन, लीबिया, सोमालिया और सूडान में बढ़ती मानवीय राहत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये रचनात्मक सहयोग पर बल दिया है.

विकासशील देशों के लिये चिन्ता

यूएन प्रमुख ने सचेत किया कि विकासशील देशों को आज अधिक समर्थन की आवश्यकता है चूँकि उन्हें ज़रूरत के अनुरूप वित्त पोषण नहीं मिल पा रहा है.

अरब जगत में देश, हिंसक टकरावों, कोविड-19 महामारी और जलवायु संकट के कारण अनेक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं.

यूक्रेन में युद्ध के कारण खाद्य व ऊर्जा क़ीमतों के दाम बढ़े हैं, महंगाई में तेज़ी आई है और क़र्ज़ के कारण उन पर बोझ बढ़ा है.

यूएन प्रमुख ने बताया कि टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति पर केन्द्रित और जी20 देशों के समूह के नेतृत्व में एक वित्तीय पैकेज के प्रयास किये जा रहे हैं ताकि उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में निवेश को बढ़ावा दिया जा सके.

इसका लक्ष्य नक़दी बढ़ाना, क़र्ज़ राहत में तेज़ी लाना और ऋण प्रक्रिया में इस तरह परिवर्तन लाना है, जोकि व्यापक, कारगर और निष्पक्ष हो.

काला सागर अनाज पहल

यूएन प्रमुख ने बताया कि काला सागर अनाज पहल की अवधि को बढ़ाने और रुस से खाद्य वस्तुओं व उर्वरकों के निर्यात में रास्ते में अवरोधों को हटाने के लिये सभी प्रासंगिक हितधारकों के साथ निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं.

यह महत्वपूर्ण समझौता, दुनिया भर के लिये, विशेष रूप से अरब क्षेत्र के लिये अहम है, जहाँ पहल को लागू किये जाने के बाद से खाद्य क़ीमतों में गिरावट दर्ज की गई है.

मगर, पिछले सप्ताहान्त रूस द्वारा इस पहल में भागेदारी को रोकने की घोषणा किये जाने के बाद से ही खाद्य वस्तुओं के दामों में फिर से बढ़ोत्तरी हुई है.

महासचिव गुटेरेश ने ज़ोर देकर कहा कि इस पहल की सफलता को जारी रखन के लिये हरसम्भव प्रयास सुनिश्चित किये जाने होंगे ताकि मध्य पूर्व व उत्तर अफ़्रीका समेत अन्य क्षेत्रों में ज़रूरतमन्दों तक राहत पहुँचाई जा सके.

जलवायु कार्रवाई पर सहयोग

संयुक्त राष्ट्र का वार्षिक जलवायु सम्मेलन (कॉप27) मिस्र के शर्म अल-शेख़ शहर में 6 नवम्बर से आरम्भ हो रहा है.

यूएन प्रमुख ने कहा कि यह सम्मलेन विकसित और विकासशील देशों में भरोसा बहाल करने के लिये एक महत्वपूर्ण अवसर होगा.

उन्होंने सम्पन्न देशों से आग्रह किया कि वैश्विक तापमान वृद्धि को सीमित करने के लिये उन्हें जलवायु कार्रवाई की अगुवाई करनी होगी.  

महासचिव के अनुसार “हानि व क्षति” के मुद्दे पर कार्रवाई एक नैतिक अनिवार्यता है, जिस पर कॉप27 के दौरान प्रमुखता से प्रयास किये जाने होंगे.