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विश्व शहर दिवस:  टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में शहरों की अहम भूमिका

साओ पाउलो, ब्राजील का एक दृश्य
UNSPLASH/Lucas Marcomini
साओ पाउलो, ब्राजील का एक दृश्य

विश्व शहर दिवस:  टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में शहरों की अहम भूमिका

एसडीजी

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार, 31 अक्टूबर को, ‘विश्व शहर दिवस’ के अवसर पर अपने संदेश में, टिकाऊ विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में शहरों में सतत विकास से मिलने वाले योगदान को रेखांकित किया है.

महासचिव गुटेरेश ने कहा कि एक अधिक टिकाऊ विश्व के सृजन के लिये, शहरों द्वारा स्थानीय स्तर पर उठाये जाने वाले क़दमों की गूंज विश्व भर में सुनाई देगी.

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने आमजन व पृथ्वी के लिये एक न्यायोचित व समतापूर्ण विश्व के लिये प्रगति की रफ़्तार तेज़ किये जाने पर बल दिया है.

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टिकाऊ विकास लक्ष्य (एसडीजी) ग़रीबी में कमी, लैंगिक समानता और स्वच्छ ऊर्जा सहित 17 महत्वपूर्ण क्षेत्रों में वैश्विक कार्रवाई और लक्ष्यों की रूपरेखा तैयार करते हैं.

उन्होंने कहा, "विश्व शहर दिवस पर, आइए हम सभी के लिये एक सतत, समावेशी और एक दृढ़ विश्व बनाने के लिये, शहरों के साथ काम करने का संकल्प लें."

वर्ष 2015 में एसडीजी एजेंडा पर देशों द्वारा सहमति व्यक्त की गई थी.

यूएन प्रमुख गुटेरेश ने कहा कि वर्ष 2023 में हम 2030 एजेंडा की प्राप्ति के लिये निर्धारित समय सीमा के आधे रास्ते तक पहुंच जाएंगे.

उन्होंने सचेत किया कि ईमानदारी से देखें तो बहुत ही निराशाजनक तस्वीर सामने आती है.

महासचिव ने कहा, "कई महत्वपूर्ण लक्ष्यों जैसेकि ग़रीबी व भूख से लेकर लैंगिक समानता और शिक्षा तक, हम प्रगति के बजाय पीछे हटते हुए देख रहे हैं."

दिशा बदलने का समय

महासचिव ने ज़ोर देकर कहा कि "हमें अपना रास्ता बदलना होगा और हम ऐसा कर सकते हैं." इस वर्ष विश्व शहर दिवस की थीम में स्थानीय स्तर पर कार्रवाई के ज़रिये वैश्विक लक्ष्यों को साधने पर बल दिया गया है.

महासचिव ने कहा कि इस बार की थीम (Act Local to Go Global) के अनुसार एसडीजी का दायरा वैश्विक हैं, लेकिन उन पर अमल स्थानीय स्तर पर किया जाना होगा.

इसका अर्थ है कि उन्हें बड़े पैमाने पर शहरों में लागू किया जाता है.

वर्तमान में, आधी से अधिक वैश्विक आबादी शहरी क्षेत्रों में रहती है, जोकि वर्ष 2050 तक बढ़कर दो-तिहाई हो जाएगी.

वैश्विक आर्थिक गतिविधि का 80 प्रतिशत से अधिक शहरों में उत्पन्न होता है, और शहर 70 प्रतिशत से अधिक कार्बन उत्सर्जन के लिये ज़िम्मेदार हैं.

हरित परिवर्तन की ओर

महासचिव ने बताया कि कईं शहर पहले से ही नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बढ़ रहे हैं, और नैट-शून्य कार्बन उत्सर्जन के लिये विश्वसनीय लक्ष्य निर्धारित कर रहे हैं.

साथ ही, जलवायु-सहनसक्षम मज़बूत बुनियादी ढांचे का निर्माण भी किया जा रहा है.

"मैं उन्हें विश्व में अपनी सरकारों और सहयोगी शहरों के साथ काम करने, अनुभव साझा करने और महत्वाकांक्षा बढ़ाने में मदद करने के लिये प्रोत्साहित करता हूं."

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने रेखांकित किया कि शहरों द्वारा स्थानीय स्तर पर सततता की दिशा में उठाए जाने वाले क़दमों को विश्व भर में महसूस किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि "आज वे जिन परिवर्तनकारी नीतियों की अगुवाई कर रहे हैं, वो उन बदलावों का उत्प्रेरक हो सकती हैं जिनसे कल हर जगह जीवन और आजीविका का बचाव होगा."

शंघाई में समारोह

विश्व शहर दिवस के लिये हर वर्ष एक अलग शहर में वैश्विक समारोह आयोजित किया जाता है. शंघाई ने वर्ष 2014 में पहले समारोह की मेज़बानी की और इस वर्ष भी वहाँ फिर उत्सव का समय था.

शंघाई चीन का सबसे बड़ा शहर है, और देश के राष्ट्रपति ने एक बधाई पत्र भेजा, जिसे शंघाई नगर पालिका के पार्टी सचिव चेन जिनिंग द्वारा पढ़ा गया.

विश्व शहर दिवस, हर साल 31 अक्टूबर को आयोजित किया जाता है.

इस अवसर पर यूएन पर्यावास एजेंसी (UN Habitat) की कार्यकारी निदेशक, मैमुना मोहम्मद शरीफ ने कहा, "वर्ष 2030 के टिकाऊ विकास लक्ष्यों को लागू करने के लिये हमारे पास केवल लगभग 87 महीने, 380 सप्ताह या 2,600 दिन शेष हैं.”

उन्होंने कहा कि ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीक़ा यह सुनिश्चित करना है कि हमारे शहर और समुदाय टिकाऊ हों. कार्य करने का समय अभी ​​है.