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यूएन प्रमुख ने 'काला सागर अनाज पहल' में आए अवरोध पर जताई चिंता

जेसीसी की टीम, 3 अगस्त को, रज़ोनी जहाज़ में भरे अनाज का निरीक्षण करते हुए. इस टीम में रूसी महासंघ, तुर्कीये, यूक्रेन और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि शामिल हैं.
© UNOCHA/Levent Kulu
जेसीसी की टीम, 3 अगस्त को, रज़ोनी जहाज़ में भरे अनाज का निरीक्षण करते हुए. इस टीम में रूसी महासंघ, तुर्कीये, यूक्रेन और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि शामिल हैं.

यूएन प्रमुख ने 'काला सागर अनाज पहल' में आए अवरोध पर जताई चिंता

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने ‘काला सागर अनाज पहल’ के विषय में मौजूदा घटनाक्रम पर गहरी चिंता व्यक्त की है. रूस ने शनिवार को इस पहल से पीछे हटने की घोषणा की, जिससे वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लियेएक बार फिर आशंकाएँ उभर रही हैं.

22 जुलाई को संयुक्त राष्ट्र, तुर्कीये, रूसी महासंघ और यूक्रेन में ‘काला सागर अनाज पहल’ नामक एक समझौते पर सहमति बनी थी और तुर्कीये के सबसे बड़े शहर इस्तान्बूल में इस पर हस्ताक्षर किये गए.

इस समझौते का उद्देश्य, यूक्रेन के तीन अहम बंदरगाहों से शेष दुनिया में अनाज, अन्य खाद्य सामग्री और उर्वरक की एक सुरक्षित समुद्री मार्ग से मानवीय आधार पर आपूर्ति सुनिश्चित करना था.

समझौते की अवधि नवम्बर महीने में पूरी हो रही है, और इस समझौते को, रूस व अन्य पक्षों की सहमति से बढ़ाया जा सकता है.

मगर, ख़बरों के अनुसार रूस ने शनिवार को यूएन-समर्थित इस पहल में अपनी भागेदारी को रोकने की घोषणा की है. 

इसकी वजह, शनिवार को क्राइमियाई बंदरगाह शहर सेवास्तोपोल में स्थित काला सागर जहाज़ी बेड़े पर हुआ हमला बताया गया है.

इस पृष्ठभूमि में, यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने महासचिव की ओर से रविवार को एक वक्तव्य जारी करते हुए बताया कि महासचिव इस विषय में गहन विचार-विमर्श में जुटे हैं, जोकि रूस को इस पहल में वापिस लाने पर लक्षित हैं.

वक्तव्य के अनुसार महासचिव गुटेरेश ने अल्जीयर्स में अरब लीग शिखर बैठक के लिये अपने निर्धारित दौरे को फ़िलहाल एक दिन के लिये टाल दिया है, ताकि इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया जा सके.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश, तुर्की के इस्तान्बूल में, यूक्रेनी अनाज से भरे एक जहाज़ की रवानगी देखते हुए.
UN Photo/Mark Garten
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश, तुर्की के इस्तान्बूल में, यूक्रेनी अनाज से भरे एक जहाज़ की रवानगी देखते हुए.

बताया गया है कि यूक्रेन से खाद्य वस्तुओं और उर्वरक का निर्यात जारी रखने के लिये इस पहल को, पूर्ण रूप से लागू किये जाने और उसकी अवधि नए सिरे से आगे बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं.

साथ ही, इस पहल के तहत रूस से होने वाले खाद्य व उर्वरक निर्यात के रास्ते में आने वाले अवरोधों को दूर करने की कोशिशें भी हो रही हैं.   

यूक्रेन, विश्व के सबसे बड़े अनाज निर्यातक देशों में से है, मगर, यूक्रेन पर रूस का आक्रमण शुरू होने के बाद से ही विशाल मात्रा में अनाज, देश के भंडारों तक ही सीमित रह गया.

आपूर्ति में आए इस व्यवधान की वजह से क़ीमतों में उछाल दर्ज किया गया, जिसकी वजह से विश्व में खाद्य संकट जैसे हालात भी पनपने लगे.

इसके बाद, संयुक्त राष्ट्र और तुर्कीये के मध्यस्थता प्रयासों के फलस्वरूप ‘काला सागर अनाज पहल’ के ज़रिये, यूक्रेन से दुनिया भर में खाद्य सामग्री व उर्वरक निर्यात को सम्भव बनाने के लिये प्रयास किये गए.

समझौते को लागू करने के लिये, इस्ताम्बुल में एक ‘संयुक्त समन्वय केन्द्र’ (Joint Coordination Center/JCC) स्थापित किया गया है जिसमें रूसी महासंघ, तुर्कीये, यूक्रेन और संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल हैं.

संयुक्त समन्वय समिति की रविवार को इस्ताम्बूल में बैठक हुई है, जहाँ रूसी प्रतिनिधिमंडल ने काला सागर अनाज पहल में अपनी भागेदारी को अनिश्चित तौर के लिये स्थगित करने की पुष्टि की.

प्रतिनिधिमंडल ने संयुक्त राष्ट्र और तुर्कीये प्रतिनिधियों के साथ अहम मुद्दों पर सम्वाद जारी रखने की घोषणा की है, और उन मुद्दों पर दूरस्थ (remote) सहयोग का भरोसा दिलाया है जिन पर समन्वय समिति द्वारा तत्काल निर्णय लिये जाने की ज़रूरत है.

यूएन सचिवालय ने रविवार को बताया कि समन्वय समिति में तुर्कीये के प्रतिनिधिमंडल के साथ नज़दीकी सहयोग के ज़रिये, सभी प्रतिनिधियों के साथ सम्पर्क व बातचीत को जारी रखा जाएगा.