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कोविड महामारी के कारण, टीबी मौतों में भी बढ़ोत्तरी, WHO

कोविड-19 महामारी के प्रभावों से, तपैदिक (TB) का मुक़ाबला करने के प्रयासों पर भी प्रतिकूल असर पड़ा और उनकी रफ़्तार धीमी हुई है.
© WHO/Hamad Darwish
कोविड-19 महामारी के प्रभावों से, तपैदिक (TB) का मुक़ाबला करने के प्रयासों पर भी प्रतिकूल असर पड़ा और उनकी रफ़्तार धीमी हुई है.

कोविड महामारी के कारण, टीबी मौतों में भी बढ़ोत्तरी, WHO

स्वास्थ्य

संयुक्त राष्ट्र के विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने गुरूवार को कहा है कि तपेदिक (Tuberculosis) से होने वाली मौतों की संख्या और संक्रमण के मामलों में कोविड-19 महामारी के दौरान बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है, क्योंकि महामारी के कारण उपचार और सहायक सेवाओं तक पहुँच बाधित हुई.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के अनुसार, वर्ष 2021 में, दुनिया भर में अनुमानतः एक करोड़ 6 लाख लोग, टीबी से बीमार हुए जोकि वर्ष 2020 की तुलना में, 4.5 प्रतिशत वृद्धि थी. और टीबी से लगभग 16 लाख लोगों की मौत हुई, जिनमें एक लाख 87 हज़ार मरीज़ एचआईवी संक्रमण से भी ग्रसित थे.

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इस अवधि के दौरान औषधि के प्रभाव को  कमज़ोर करने वाली टीबी (DR-TB) का बोझ भी तीन प्रतिशत बढ़ा, औषधियों के लिये प्रतिरोधी क्षमता विकसित कर लेने वाली टीबी बीमारी से संक्रमित होने वाले लगभग साढ़े चार लाख लोगों के नए मामले भी सामने आए.

अनेक वर्षों में पहला मौक़ा है जब टीबी से बीमार होने वाले लोगों और औषधि के प्रभाव को कम करने वाले रूप (DR-TB) से बीमार होने वाले लोगों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई.

महामारी से सबक़

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा है, “महामारी ने अगर हमें कुछ सिखाया है, तो वो है कि एकजुटता, दृढ़ संकल्प, नवाचार और उपकरणों के समतापूर्ण प्रयोग से, हम गम्भीर स्वास्थ्य जोखिमों पर भी पार पा सकते हैं.”

“आइये, वो अनुभव तपेदिक पर भी लागू करें. अब सही समय है कि हम लम्बे समय से चली आ रही इस जानलेवा बीमारी पर पूर्ण विराम लगाएँ. हम एकजुटता के साथ काम करके, टीबी का ख़ात्मा कर सकते हैं.”

ग़ौरतलब है कि तपैदिक (TB), कोविड-19 महामारी के बाद, दुनिया में सबसे ज़्यादा मौतों के लिये ज़िम्मेदार संक्रामक बीमारी है.

तपेदिक बीमारी एक बैक्टीरिया से फैलती है जो सबसे ज़्यादा फेफड़ों को प्रभावित करती है, मगर इसकी रोकथाम भी सम्भव है और उसका उपचार भी किया जा सकता है.

कोविड-19 महामारी के दौरान तमाम स्वास्थ्य सेवाएँ बुरी तरह प्रभावित हुई थीं, मगर इस प्रभाव से टीबी का मुक़ाबला करने वाली स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष रूप से बहुत व्यापक असर पड़ा. उससे भी ज़्यादा, ये स्थिति, योरोप, अफ़्रीका और मध्य पूर्व में जारी संघर्षों के कारण और बदतर हुई है.

रोग की पहचान और उपचार में गिरावट

नवीनतम वैश्विक टीबी रिपोर्ट के अनुसार, तपेदिक के संक्रमण के नए मामलों में गिरावट देखी गई है जो वर्ष 2019 में 71 लाख थे, मगर 2020 में नए संक्रमण मामलों की संख्या 58 लाख रही. हालाँकि वर्ष 2021 के दौरान आंशिक बेहतरी हुई और नए संक्रमण मामलों की संख्या 64 लाख रही, अलबत्ता ये कोविड-19 महामारी शुरू होने से पहले के स्तर से फिर भी नीचे थी.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि इन कटौतियों से पता चलता है कि टीबी के संक्रमण से प्रभावित होने वाले और उपचार से वंचित रहने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है. जिसके परिणामस्वरूप पहले तो टीबी से होने वाली मौतें बढ़ी हैं और समुदाय स्तर पर संक्रमण फैलाव में भी बढ़ोत्तरी हुई है. और अन्ततः और ज़्यादा लोग इस बीमारी से संक्रमित हो रहे हैं.

टीबी का मुक़ाबला करने वाली अनिवार्य सेवाओं पर वैश्विक धन ख़र्च भी नीचे की ओर जा रहा है. वर्ष 2019 में ये रक़म 6 अरब डॉलर थी जो वर्ष 2021 में घटकर 5.4 अरब हो गई.

तत्काल उपायों की दरकार

अलबत्ता इस बाधित प्रगति के बीच, कुछ सुखद समाचार भी है और रिपोर्ट में कुछ प्रगतियों के दस्तावेज़ भी शामिल किये गए हैं.

वैश्विक स्तर पर वर्ष 2018 और 2022 के दरम्यान, टीबी के दो करोड़ 63 लाख मरीज़ों का उपचार किया गया. हालाँकि ये संख्या इन चार वर्षों के लिये रखे गए 4 करोड़ के लक्ष्य से बहुत नीचे रही.

रिपोर्ट में देशों से टीबी का मुक़ाबला करने के लिये अनिवार्य कारगर स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता बहाल करने के लिये, तत्काल उपाय करने की ज़रूरत को भी रेखांकित किया गया है.

रिपोर्ट में टीबी महामारी को प्रभावित करने वाले वृहत्तर कारकों पर ध्यान देने के लिये, संसाधन निवेश और कार्रवाई बढ़ाने का भी आहवान किया गया है.

साथ ही नए निदानों, औषधियों और वैक्सीन्स की ज़रूरत की महत्ता को भी रेखांकित किया गया है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन, टीबी के वैक्सीन विकास को सघन बनाने की महत्ता रेखांकित करने के लिये वर्ष 2023 के आरम्भ में एक उच्च-स्तरीय सम्मेलन का भी आयोजन करेगा. उसमें कोविड-19 महामारी से सीखे गए सबक़ों पर भी ध्यान दिया जाएगा.