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यूक्रेन: रोकना होगा मृत्यु, विनाश, विस्थापन और व्यवधान का चक्र

उत्तरी यूक्रेन के सूमी क्षेत्र में, IOM कर्मचारी ज़रूरतों का आकलन कर रहे हैं.
© IOM/Marco Chimenton
उत्तरी यूक्रेन के सूमी क्षेत्र में, IOM कर्मचारी ज़रूरतों का आकलन कर रहे हैं.

यूक्रेन: रोकना होगा मृत्यु, विनाश, विस्थापन और व्यवधान का चक्र

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र की राजनैतिक और शान्ति निर्माण प्रमुख रोज़मैरी डीकार्लो ने सुरक्षा परिषद को बताया कि यूक्रेन में "भयानक युद्ध" समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है.उन्होंने कहा कि 5 अप्रैल को उनके पिछले अपडेट के बाद, "अनगिनत यूक्रेनी नागरिक" अन्धाधुन्ध हमलों में मारे गए हैं, शहर और क़स्बे सपाट कर दिये गए हैं, और देश की अधिकांश कृषि योग्य भूमि "गोलाबारी से बुरी तरह विकृत" हो गई है.

रोज़मेरी डिकार्लो ने मंगलवार को सुरक्षा परिषद में ज़ोर देकर कहा, "मृत्यु, विनाश, अव्यवस्था और व्यवधान का चक्र रुकना होगा."

युद्ध की भयावहता

संयुक्त राष्ट्र की वरिष्ठ अधिकारी ने  कीयेफ़, चैर्निहेफ़, ओडेसा, मायकोलेफ़, खार्कियेफ़ और अन्य शहरों में हाल के दिनों में मिसाइल और हवाई हमलों की एक नई लहर के बीच, क्रेमेनचुक में हुए एक शॉपिंग मॉल पर मिसाइल हमले की ओर सबका ध्यान आकर्षित किया. यह हमला कथित तौर पर रूस द्वारा किया गया था, जिसमें कम से कम 18 नागरिक मारे गए और 59 अन्य घायल हो गए.

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हालाँकि उन्होंने चेतावनी दी कि "हताहतों की अन्तिम संख्या इससे कहीं ज़्यादा हो सकती है."

अब सबसे तीव्र लड़ाई डोनबास में सिवियेरोदोनित्सक, लिसिचन्स्क और स्लोवियांस्क क़स्बों में और उसके आसपास; व ख़बरों के मुताबिक़ खार्कीयेफ़ व ख़ेरसॉन शहरों के आसपास चल रही है.

रोज़मेरी डिकार्लो ने कहा, "विश्व युद्धों की याद ताज़ा करने वाले दृश्यों में, बड़े पैमाने पर तोपों से औद्योगिक क्षेत्र तबाह किये जा रहे हैं, जिससे हज़ारों नागरिक तहख़ानों में छिपने या अपनी जान बचाने के लिये भागने को मजबूर हैं."

"दोनों पक्षों द्वारा बड़ी संख्या में सैन्य नुक़सान का दावा किया जा रहा है."

'बहुत अधिक क़ीमत'

"इस युद्ध में नागरिकों को बहुत अधिक क़ीमत चुकानी पड़ रही है." उन्होंने विभिन्न देशो के राजदूतों को बताया कि 26 जून तक, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR) ने देश में हताहत हुए नागरिकों की संख्या 10 हज़ार 631 दर्ज की है - जिनमें 4,731 मृत और 5,900 घायल लोग शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि ये आँकड़े सत्यापित घटनाओं पर आधारित हैं और वास्तविक संख्या इससे "कहीं अधिक" है.

उन्होंने कहा कि अधिकांश घटनाएँ, व्यापक प्रभाव वाले विस्फोटक हथियारों के कारण हुई हैं, जिनमें से अनेक का अन्धाधुन्ध प्रयोग - आबादी वाले क्षेत्रों में हताहतों की संख्या बढ़ाने और विनाशकारी असर के लिये किया गया है.

अपराधों की जाँच

यूक्रेन पर गठित संयुक्त राष्ट्र जाँच आयोग ने इस महीने के शुरू में बूचा, इरपिन, खार्कीयेफ़ और सूमी समेत देश के कई इलाक़ों में अपने पहले मिशन की जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि अपने काम के शुरुआती चरणों में ही मिली जानकारी पर, आयोग ने उन क्षेत्रों का दौरा किया जो "उन दावों की पुष्टि कर सकते हैं कि वहाँ शायद ऐसे युद्ध अपराध एवं मानवता के ख़िलाफ़ अपराध हुए हैं, जो अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानून व अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के गम्भीर उल्लंघन के स्तर पर पहुँच चुके हैं."

आयोग व अन्तरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय का अभियोजक और तथ्य-खोजने के अन्य प्रयास, अपराधों और अत्याचारों की जवाबदेही स्थापित करने के लिये "आवश्यक" हैं.

रोज़मेरी डिकार्लो ने जोर देते हुए कहा, "अगर भविष्य में ऐसे उल्लंघन होने पर हम उन्हें रोकने की उम्मीद रखते हैं, तो इस काम की परिणति न्याय के रूप में होनी चाहिये.”

ख़तरनाक स्थितियाँ

हालाँकि पूरे यूक्रेन में 88 लाख से अधिक लोगों को किसी न किसी रूप में मानवीय सहायता और सुरक्षा सेवाएँ प्राप्त हुई हैं, लेकिन लगभग 16 लाख को अब भी मदद की आवश्यकता है.

इस बीच, मानवीय भागीदार, शीतकालीन सहायता योजना पर काम कर रहे हैं और उन्होंने 2022 के अन्त तक मदद जारी रखने के लिये अधिक रक़म के जुटाने के लिये औचक अपील जारी की है.

राजनैतिक मामलों की प्रमुख ने कहा कि जब स्वास्थ्य, सुरक्षा और भोजन तक पहुँच की बात आती है, तो विशेष रूप से महिलाओं को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है.

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महिला संस्था - UN Women और ग़रीबी व अन्याय विरोधी एनजीओ, CARE द्वारा किए गये एक त्वरित लैंगिक विश्लेषण का हवाला दिया, जिसमें बताया गया है कि पुरुषों के सेना में भर्ती होने के हालात में, महिलाएँ किस तरह तेज़ी से अपने घरों की मुखिया और समुदायों की नेता बन रही हैं.
  
उन्होंने कहा, "उन्हें मानवीय प्रयासों, शान्ति-निर्माण और अन्य क्षेत्रों से सम्बन्धित औपचारिक निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में शामिल किया जाना चाहिये, जो सीधे उनके जीवन को प्रभावित करते हैं."

वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अब तक स्वास्थ्य सुविधाओं और कर्मियों पर 323 हमले दर्ज किये हैं, जिनके परिणामस्वरूप 76 लोगों की मौत हुई है.

रोज़मेरी डिकार्लो ने परिषद में, दस सप्ताह की अपनी पहली ब्रीफ़िंग में कहा, "हम सभी पक्षों को अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के तहत उनके दायित्वों की दृढ़ता से याद दिलाते हैं: नागरिकों और नागरिक बुनियादी ढाँचे की रक्षा के लिये सभी पर्याप्त उपाय किये जाने चाहियें." 

यूक्रेन के बाहरी इलाक़े, नोवोसेलिव्का में संघर्ष के दौरान नष्ट हुए घर.
© UNICEF/Ashley Gilbertson VII
यूक्रेन के बाहरी इलाक़े, नोवोसेलिव्का में संघर्ष के दौरान नष्ट हुए घर.

विस्थापन

रूसी आक्रमण की शुरुआत से, यूक्रेन के एक चौथाई से अधिक यानि एक करोड़ 20 लाख लोग, अपने घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं. और 71 लाख से अधिक लोग देश के भीतर विस्थापित हो चुके हैं.

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी, UNHCR का अनुमान है कि 52 लाख से अधिक लोगों ने पूरे योरोप में शरण ली है और 35 लाख से अधिक यूक्रेनी शरणार्थियों ने, महाद्वीप पर अस्थाई सुरक्षा या ऐसी ही अन्य राष्ट्रीय सुरक्षा योजनाओं में पंजीकरण कराया है.

पुनर्बहाली का लम्बा समय

उन्होंने आग्रह किया कि संघर्ष के लम्बे खिंचने के कारण, यूक्रेन की दीर्घकालिक पुनर्बहाली व पुनर्निर्माण की ज़रूरतों पर भी अब विचार किया जाना चाहिये.

उन्होंने परिषद में बताया कि संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने सरकार की आपातकालीन प्रतिक्रिया का समर्थन करने, अर्थव्यवस्था को चलाने में मदद करने और प्राथमिकताओं का आकलन करने में मदद करने के लिये, एक सहनसक्षमता एवं पुनर्बहाली कार्यक्रम शुरू किया है.

सीमाओं से परे

इस युद्ध का यूक्रेन, उसके निकटवर्ती क्षेत्र और उसकी सीमाओं से बहुत दूर तक विनाशकारी असर हो रहा है. कोविड-19 महामारी और जलवायु परिवर्तन के अलावा, वैश्विक खाद्य, ऊर्जा और उर्वरक बाजारों की क़ीमतों में भी झटके बढ़ रहे हैं.

राजनैतिक मामलों की प्रमुख ने कहा, "यूक्रेन, रूस और पूरी दुनिया के लिये इस बहुआयामी ख़तरे से निपटने हेतु, बहुपक्षीय समुदाय में मज़बूत राजनैतिक इच्छाशक्ति और एक व्यापक दृष्टिकोण सबसे महत्वपूर्ण है." 

ज़ेलेन्स्की का आग्रह: रूस यूएन से निष्कासित हो

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर ज़ेलेन्स्की ने वीडियो टेलीकॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए तर्क दिया कि उनके देश में रूस की कार्रवाई ने अब उसे "आतंकवादी देश बना दिया है, जिसे संयुक्त राष्ट्र से निष्कासित कर दिया जाना चाहिये.

उन्होंने स्वीकार किया कि संगठन के पास "आतंकवादी देश" की कोई क़ानूनी परिभाषा नहीं है, लेकिन उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण "न केवल यह धारणा प्रदर्शित करता है, बल्कि इसे क़ानूनी तौर पर स्थापित करने की तत्काल आवश्यकता भी है."

उन्होंने सदस्य देशों के राजदूतों से, "आतंकवादी देश के प्रतिनिधिमण्डल से छुटकारा पाने" का आग्रह करते हुए कहा कि सुरक्षा परिषद में "रूस को यूक्रेन के ख़िलाफ़ युद्ध पर चर्चा और वोट में भाग लेने का कोई अधिकार नहीं है." 

यूक्रेन के राष्ट्रपति, वोलोदीमीर ज़ेलेन्स्की (स्क्रीन पर), यूक्रेन में शान्ति व सुरक्षा बहाल करने के लिये, सुरक्षा परिषद की बैठक को सम्बोधित कर रहे हैं.
UN Photo/Loey Felipe
यूक्रेन के राष्ट्रपति, वोलोदीमीर ज़ेलेन्स्की (स्क्रीन पर), यूक्रेन में शान्ति व सुरक्षा बहाल करने के लिये, सुरक्षा परिषद की बैठक को सम्बोधित कर रहे हैं.

आक्रामक रवैया

राष्ट्रपति वोलोदीमीर ज़ेलेन्स्की ने रूस के "आक्रामकता भरे युद्ध" को उजागर करते हुए कहा कि क्रेमेनचुक शॉपिंग मॉल में हुए विस्फोट में, अनेक लोग अब भी लापता हैं, और यह समझ से परे है कि रूसी इस बात से अनजान हो सकते थे कि वह "एक सामान्य शॉपिंग मॉल" था.

उन्होंने पूरे यूक्रेन में रूसी गोलाबारी में मारे गए, तीन महीने से लेकर 68 साल की उम्र के अनेक नागरिकों के नाम लिये, और मारे गए हज़ारों निर्दोष लोगों की याद में एक पल का मौन रखने का आग्रह किया.

उन्होंने कहा कि रूस पर "वैश्विक स्तर" पर मुक़दमा चलाया जाना आवश्यक है.

रूस का पलटवार

वहीं रूस के प्रथम स्थाई उप प्रतिनिधि, दिमित्री पॉलींस्की ने तर्क दिया कि यूक्रेन में अपने विशेष सैन्य अभियान के दौरान उनका देश, नागरिकों या नागरिक ढाँचों पर हमले नहीं कर रहा.

उन्होंने कुछ सम्भावित प्रत्यक्षदर्शियों के बयान पेश करते हुए, परिषद से इस बात पर ध्यान देने का आग्रह किया कि ये बयान इस बात की पुष्टि करते हैं कि सोमवार को कीयेफ़ में एक इमारत पर हुआ हमला, किसी रूसी क्रूज़ मिसाइल का हमला नहीं, बल्कि दो विसफल यूक्रेनी अभियानों का परिणाम था, जिसके कारण उन्होंने "अपनी ही विमान भेदी मिसाइलों" पर वार कर दिया था.

रूसी राजदूत ने यह भी तर्क दिया कि पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति, कीयेफ़ में केवल "अपराधियों का शासनकाल" ही लम्बा करने के काम आ रही है.