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यूएन खाद्य एजेंसी, शरणार्थियों को भोजन सामग्री में कटौती के लिये विवश

तंज़ानिया के दार अस्सलाम में एक कामगार ट्रक पर गेहूँ की बोरी लादते हुए.
© FAO/Giuseppe Bizzarri
तंज़ानिया के दार अस्सलाम में एक कामगार ट्रक पर गेहूँ की बोरी लादते हुए.

यूएन खाद्य एजेंसी, शरणार्थियों को भोजन सामग्री में कटौती के लिये विवश

प्रवासी और शरणार्थी

संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने कहा कि उसके पास शरणार्थियों को मुहैया कराई जाने वाली खाद्य सामग्री की मात्रा में जल्द ही और ज़्यादा कटौती करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होगा.

इस कटौती का कारण दुनिया भर में बढ़ती मानवीय जरूरतें और अपर्याप्त धन राशि है. इस वजह से एजेंसी सहेल और अन्य जगहों पर लोगों के दैनिक भोजन में महत्वपूर्ण कटौती करने के लिये मजबूर है.

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खाद्य एजेंसी के कार्यकारी निदेशक डेविड बीज़ली ने कहा, "हमें, उपलब्ध संसाधनों से कहीं अधिक ऊपर जा चुकी वैश्विक भुखमरी के कारण, उन सभी परिवारों को जिन्हें WFP की मदद की सख़्त ज़रूरत है और जो अपने अस्तित्व के लिये हम पर निर्भर हैं, उन शरणार्थियों के लिये भोजन सामग्री में कटौती करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है."

"शरणार्थियों की मदद करने के लिये तत्काल धनराशि मिले बिना शरणार्थी जन जोकि, विश्व के सबसे सम्वेदनशील परिस्थितियों में रहने वाले समूहों में से एक हैं, उनमें से भुखमरी का सामना कर रहे बहुत से लोगों को अपना जीवन दाँव पर लगाने के लिये विवश होना पड़ेगा."

विशाल ज़रूरतें

इथियोपिया, केनया, दक्षिण सूडान और युगाण्डा में रहने वाले शरणार्थी सर्वाधिक प्रभावित हैं.

दशक में भुखमरी के रिकॉर्ड स्तर के बावजूद, WFP को बुर्कीना फ़ासो, कैमरून, चाड, माली, मॉरितानिया और निजेर में खाद्य सामग्री की मात्रा "काफ़ी" कम करनी पड़ी है.

यूएन खाद्य एजेंसी, दक्षिणी अफ़्रीका में, लगभग पाँच लाख लोगों को सहायता मुहैया कराती है. एजेंसी का कहना है कि दानदाताओं के उदार समर्थन के बावजूद, एजेंसी, शरणार्थी परिवारों की बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने के लिये भी संघर्ष कर रही है.

यूएन खाद्य एजेंसी ने एक वक्तव्य में कहा है, "अंगोला, मलावी, मोज़ाम्बिक, काँगो गणराज्य, तंज़ानिया और ज़िम्बाब्वे में निकट भविष्य में सहायता में व्यवधान आने की आशंका है."

असम्भव विकल्प

वित्त पोषण की कमी से परेशान यूएन खाद्य एजेंसी (WFP) को सहायता में प्राथमिकता चुननी पड़ रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके सर्वाधिक निर्बल परिवारों तक भोजन सामग्री पहुँच सके जोकि उनके लिये अति महत्वपूर्ण है.

एजेंसी ने कहा है कि ये कठिन निर्णय अक्सर शरणार्थियों को ऐसे समय में, सहायता के अभाव में छोड़ देते हैं, जब यह भोजन सहायता उनके लिये जीवन - मृत्यु का सवाल बन जाता है.

खाद्य कार्यक्रम चूँकि सीमित संसाधनों में काम चलाने लिये खाद्य सामग्री में कटौती करने के लिए मजबूर है, संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कर्मियों और उनके सहयोगियों को, 24 फ़रवरी को यूक्रेन पर रूस का आक्रमण शुरू होने के कारण बने लगभग 60 लाख अतिरिक्त शरणार्थियों की मदद भी करनी पड़ी है.

विश्व खाद्य कार्यक्रम, पहले ही मॉल्दोवा में, 31 विभिन्न इलाकों में, संघर्ष से प्रभावित परिवारों को, लगभग गरम भोजन के 4 लाख 75 हज़ार डिब्बे वितरित कर चुका है.

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) द्वारा जारी नवीनतम आँकड़ों के अनुसार, वर्ष 2021 में कुल शरणार्थियों में से 67 प्रतशत लोग, ऐसे देशों से निकले हैं जो खाद्य असुरक्षा के संकट का सामना कर रहे हैं. विनाशकारी संघर्ष और जलवायु संकट की वजह से यह स्थिति, शरणार्थियों के लिये और भी कठिन हो गई है.

टिकाऊ निवेश दलील

शरणार्थियों की तत्काल जरूरतें पूरी करना, यूएन खाद्य एजेंसी की शीर्ष प्राथमिकता है, साथ ही अब ऐसे ऐसे कार्यक्रमों में निरन्तर संसाधन निवेश करने की आवश्यकता है जो शरणार्थी आबादी के बीच आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दें. लेकिन बढ़ती आपातकालीन ज़रूरतों का अर्थ है कि वित्तीय सहायता का रुख़, ऐसी महत्वपूर्ण टिकाऊ विकास परियोजनाओं से मोड़ना पड़ा है जो आपातदाओं को और ज़्यादा बिगड़ने से रोकने के लिये महत्वपूर्ण हैं.

यूएन खाद्य एजेंसी, इन चुनौतियों के बावजूद, शरणार्थियों के लिये आजीविका सृजन व समर्थन और उनकी सहनक्षमता बढ़ाने के कार्यक्रमों पर काम कर रहा है.
यूएन खाद्य एजेंसी ने वर्ष 2021 के दौरान, दुनिया भर में लगभग एक करोड़ शरणार्थियों की खाद्य मदद की थी.