बढ़ती ज़रूरतों व भुखमरी के बीच, शरणार्थियों के जीवन में भारी तूफ़ान
संयुक्त राष्ट्र की खाद्य राहत एजेंसी (WFP) ने सोमवार को विश्व शरणार्थी दिवस के अवसर पर चेतावनी दी है कि मानवीय ज़रूरतों में कई गुना बढ़ोत्तरी होने के बावजूद, पर्याप्त धन के अभाव से, शरणार्थियों की खाद्य सामग्री मात्रा में कटौती होने की सम्भावना निश्चित होती जा रही है.
विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के कार्यकारी निदेशक डेविड बीज़ली ने कहा, "वैश्विक भुखमरी के बढ़ने से उन सभी परिवारों को भोजन मुहैया कराने के लिये संसाधन कम होते जा रहे हैं, जिन्हें WFP की मदद की सख़्त ज़रूरत है. ऐसे में हम उन शरणार्थियों की खाद्य सामग्री की मात्रा में कटौती करने का हृदय विदारक निर्णय लेने के लिये मजबूर हैं, जो अपने अस्तित्व के लिये हम पर निर्भर हैं."
अफ़्रीका में बढ़ती समस्या
यह निराशाजनक चेतावनी ऐसे समय आई है जब यूएन खाद्य सहायता एजेंसी को पहले ही अपने समस्त अभियानों में शरणार्थियों को दिये जाने वाली खाद्य सामग्री में कटौती करने पर मजबूर होना पड़ा है.
पूर्वी अफ़्रीका में, 50 प्रतिशत तक की खाद्य कटौती के कारण, खाद्य एजेंसी द्वारा समर्थित तीन-चौथाई शरणार्थियों पर असर पड़ा है, जिसमें इथियोपिया, केनया, दक्षिण सूडान और युगाण्डा में रहने वाले लोग सर्वााधिक प्रभावित हैं.
पश्चिम अफ़्रीका में भुखमरी एक दशक में रिकॉर्ड ऊँचाई पर पहुँच गई है. वहाँ वित्त-पोषण की गम्भीर कमी ने WFP को बुर्कीना फासो, कैमरून, चाड, माली, मॉरितानिया और निजेर में रहने वाले शरणार्थियों की खाद्य सामग्री में कटौती करने को मजबूर किया है.
यूएन खाद्य एजेंसी, इस बीच दक्षिणी अफ़्रीका में औसतन हर साल 5 लाख शरणार्थियों की सहायता कर रही है.
दानदाताओं द्वारा उदारता से वित्त-पोषण के बावजूद, शरणार्थी परिवारों की बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने के लिये संसाधन अपर्याप्त हैं और अंगोला, मालावी, मोज़ाम्बिक, काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य, तंज़ानिया व ज़िम्बाब्वे में तुरन्त व्यवधान आने की आशंका प्रबल होती जा रही है.
डेविड बीज़ली ने चेतावनी देते हुए कहा, "शरणार्थियों की मदद के लिये तत्काल नई धनराशि के बिना - दुनिया के सबसे कमज़ोर और भुला दिए गए इन समूहों में - भुखमरी का सामना करने वाले बहुत से लोग मौत का शिकार हो जाएंगे."
असम्भव विकल्प
वित्त पोषण की कमी से परेशान, खाद्य एजेंसी को, राहत सामग्री के लिये प्राथमिकताएँ तय करने पर मजबूर होना पड़ रहा है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि महत्वपूर्ण खाद्य सामग्री, सबसे पहले कमज़ोर परिवारों तक पहुँचे. इससे कई बार उन शरणार्थियों को मदद नहीं मिल पा रही है, जिनके लिये भोजन की सहायता, जीवन और मृत्यु के बीच का अन्तर तय करती है.
WFP जहाँ एक तरफ़ सीमित संसाधनों से काम चलाने के लिये खाद्य सामग्री में कटौती करने के लिये मजबूर है, वहीं इस साल 60 लाख अतिरिक्त शरणार्थियों ने यूक्रेन से पलायन किया.
यूक्रेन से विस्थापित लोगों के लिये, माल्दोवा में WFP ने, 31 विभिन्न इलाक़ों में प्रभावित परिवारों को गरम भोजन की लगभग 4 लाख 75 हज़ार ख़ुराकें पहुँचाई हैं.
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (यूएनएचसीआर) द्वारा जारी नवीनतम आँकड़ों के अनुसार, 67 प्रतिशत शरणार्थी और आश्रय चाहने वाले लोग, 2021 में खाद्य संकट से जूझ रहे देशों से आए हैं.
इसके साथ ही, विनाशकारी संघर्ष और जलवायु चरम घटनाओं के कारण, शरणार्थियों को सबसे कठिन मार झेलनी पड़ रही है.
हालाँकि शरणार्थियों की तत्काल ज़रूरतें, WFP की सर्वोच्च चिन्ता बनी हुई हैं, अब शरणार्थी आबादी की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों में निरन्तर निवेश की पहले से कहीं अधिक आवश्यकता है.
WFP, भागीदारों और सरकारों के साथ, शरणार्थियों के लिये आजीविका व सहनसक्षमता कार्यक्रमों के निर्माण व समर्थन की दिशा में काम कर रहा है.
2021 में, संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने विश्व स्तर पर लगभग एक करोड़ शरणार्थियों को सहायता प्रदान की.
संख्याओं से उजागर होती वास्तविकता
• 2021 के अन्त तक 2 करोड़ 71 लाख शरणार्थियों और 5 करोड़ 32 लाख आन्तरिक रूप से विस्थापित लोगों सहित, 30 लाख लोग जबरन घर छोड़ने पर मजबूर हुए.
• मई 2022 के अन्त तक एक करोड़ लोग जबरन विस्थापित होने पर मजबूर हुए.
• 2021 में WFP द्वारा लगभग एक करोड़ शरणार्थियों को सहायता प्रदान की गई.
• दक्षिणी अफ़्रीका में, WFP को अगले छह महीनों में शरणार्थियों का समर्थन करने के लिये लगभग 11 करोड़ 30 लाख डॉलर की आवश्यकता है.
• WFP को,पूर्वी अफ़्रीका में शरणार्थियों की मदद हेतु, अगले छह महीनों के लिये लगभग 41 करोड़ 10 लाख डॉलर की आवश्यकता है.
• वहीं, पश्चिमी अफ़्रीका में, अगले छह महीनों के लिये शरणार्थियों की मदद हेतु, WFP को 7 करोड़ 65 लाख डॉलर की ज़रूरत है.