वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

सोमालिया: सूखे से उपजी गम्भीर खाद्य असुरक्षा, अकाल की आशंका के बीच सहायता अपील 

सोमालिया में एक महिला सूखी हुई नदी के पास खाना पकाने के लिये लकड़ी ढूँढ रही है.
© UNICEF/Sebastian Rich
सोमालिया में एक महिला सूखी हुई नदी के पास खाना पकाने के लिये लकड़ी ढूँढ रही है.

सोमालिया: सूखे से उपजी गम्भीर खाद्य असुरक्षा, अकाल की आशंका के बीच सहायता अपील 

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने मंगलवार को आगाह किया है कि सोमालिया में गम्भीर खाद्य असुरक्षा से त्रस्त लाखों सोमाली नागरिकों पर अकाल का ख़तरा मंडरा रहा है और आने वाले महीनों में हालात बद से बदतर होने की आशंका है. मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनज़र सर्वाधिक ज़रूरतमन्दों के लिये तत्काल मानवीय सहायता सुनिश्चित किये जाने के लिये एक साझा अपील जारी की गई है. 

Integrated Food Security Phase Classification’ की नई रिपोर्ट के अनुसार सोमालिया में 60 लाख लोग, यानि क़रीब 40 फ़ीसदी आबादी खाद्य असुरक्षा के चरम स्तर का सामना कर रही है. 

Tweet URL

देश के छह इलाक़ों में अकाल जैसी परिस्थितियाँ उत्पन्न हो गई हैं. 

सोमालिया में सूखे, खाद्य क़ीमतों में तेज़ उछाल और मानवीय राहत के लिये धनराशि की कमी के कारण 40 फ़ीसदी आबादी के समक्ष गम्भीर संकट पैदा हो गया है. सूखे से आमजन के जीवन और आजीविकाओं पर भीषण असर हुआ है. 

मानवीय सहायता के लिये संसाधनों की उपलब्धता, बढ़ती ज़रूरतों के मुक़ाबले कम है और इस वर्ष की शुरुआत से खाद्य असुरक्षा के चरम स्तर का सामना करने वाले लोगों की संख्या में दोगुनी वृद्धि हुई है.

खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO), मानवीय राहत मामलों में संयोजन के लिये यूएन कार्यालय (OCHA), संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) और विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने मंगलवार को एक संयुक्त अपील जारी करते हुए सोमालिया में जीवनरक्षक मदद के लिये तत्काल सहायता धनराशि की पुकार लगाई है. 

वर्ष 2022 में सोमालिया के लिये मानवीय सहायता योजना के तहत डेढ़ अरब डॉलर की अपील की गई थी, मगर इसकी केवल 4.4 प्रतिशत धनराशि का ही प्रबन्ध हो पाया है. 

विकट हालात

यूक्रेन में युद्ध समेत विश्व में कई अन्य इलाक़ों में आपात परिस्थितियों के कारण सोमालिया के लिये पर्याप्त रक़म जुटा पाना चुनौतीपूर्ण साबित हुआ है. 

भूख और पोषण का संकट गहराने, बढ़ती खाद्य असुरक्षा और उपलब्ध संसाधनों की कमी के कारण यूएन एजेंसियों और कार्यक्रमों को ज़रूरतमन्दों को चिन्हित करने और उन तक मदद पहुँचाने के लिये कठिन निर्णय लेने पड़ रहे हैं. 

विश्व खाद्य कार्यक्रम का कहना है कि हालात ये हैं कि जिन लोगों के पास भरपेट खाना नहीं है उनसे भोजन लेकर भुखमरी झेल रहे लोगों तक पहुँचाने के लिये मजबूर होना पड़ सकता है. 

यूएन एजेंसी के देशीय निदेशक अल-खिदिर डलोम ने कहा कि यह वर्ष अभूतपूर्व मानवीय आवश्यकताओं और भूख का है मगर, “मैं दुनिया से निवेदन करता हूँ कि सोमालिया से अपनी नज़रें ना फेरें या फिर बहुत देर होने तक प्रतीक्षा ना करें. लाखों लोगों का जीवन दाँव पल लगा है.” 

अकाल की आशंका

यूएन एजेंसियों ने अगले तीन महीनों – अप्रैल से जून 2022 को बेहद अहम बताया है. अगर इन महीनों में पर्याप्त मात्रा में वर्षा नहीं हुई, पर्याप्त मानवीय सहायता का प्रबन्ध नहीं हो पाया, और ख़ाद्य क़ीमतों में उछाल का रुझान जारी रहा, तो अकाल के हालात पनपने का जोखिम बढ़ जाएगा. 

यूक्रेन में युद्ध के कारण सप्लाई चेन में आए व्यवधान और वस्तुओं के दामों में उछाल से सोमालिया मानो एक गम्भीर तूफ़ान के सामने खड़ा है, जोकि जल्द ही अकाल में तब्दील हो सकता है. 

सोमालिया में यूएन महासचिव के उप विशेष प्रतिनिधि और रैज़ीडेण्ड कोऑर्डिनेटर एडम अब्देलमोला ने बताया कि छह स्थानों पर अकाल के जोखिम की आशंका बेहद चिन्ताजनक है और इस चेतावनी को गम्भीरता से लिया जाना होगा.

“वास्तविकता यह है कि समय हमारे साथ नहीं है और धनराशि में देरी की स्थिति में और अधिक ज़िन्दगियों और आजीविकाओं के खो जाएंगी.”

सहायता धनराशि

यूएन एजेंसियों के मुताबिक़, यह देश में बद से बदतर हो रहे मानवीय हालात को दर्शाता है – लाखों सोमाली नागरिक संकट का सामना करने की क्षमता खो रहे हैं और सहायता धनराशि में कमी के कारण बढ़ती आबादी की ज़रूरतों को पूरा कर पाना बेहद कठिन है. 

इससे पहले, वर्ष 2011 में सोमालिया मानवीय त्रासदी को झेल चुका है जब देश में अकाल के कारण क़रीब ढाई लाख लोगों की मौत हुई थी.

सोमालिया में गम्भीर सूखे से प्रभावित एक इलाक़े में कुपोषण के लिये बच्चे की जाँच की जा रही है.
© UNICEF/Sebastian Rich
सोमालिया में गम्भीर सूखे से प्रभावित एक इलाक़े में कुपोषण के लिये बच्चे की जाँच की जा रही है.

मानवीय राहत एजेंसियों ने फ़रवरी 2022 में लगभग 20 लाख लोगों तक सहायता पहुँचाई है, मगर उनका कहना है कि दानदाताओं से प्राप्त होने वाली धनराशि पर्याप्त नहीं है.

अगर राहत कार्यों के लिये जल्द रक़म का प्रबन्ध नहीं हुआ तो इससे व्यापक पैमाने पर अकाल फैलने का जोखिम बढ़ जाएगा.  

यूएन के रैज़ीडेण्ड कोऑर्डिनेटर अब्देलमोला ने कहा, “मैं प्रशासन और अपने विकास साझीदारों से निर्णयाक क़दम उठाने और संसाधनों का स्तर बढ़ाने की अपील करता रहा हूँ ताकि तेज़ी से बढ़ती ज़रूरतों को पूरा किया जा सके, अतिरिक्त ज़िन्दगियों की रक्षा की जा सके और सोमालिया की जनता के लिये और आजीविकाओं को बचाया जा सके.”

बाल कुपोषण का संकट

सूखे के हालात गम्भीर होने की स्थिति में पाँच साल से कम उम्र के बच्चों पर सर्वाधिक जोखिम है. मवेशियों की मौत होने और खाद्य वस्तुओं की क़ीमतों में बढ़ोत्तरी के कारण भोजन व दूध सुलभ नहीं है. 

एक अनुमान के अनुसार 14 लाख बच्चों को इस वर्ष के अन्त तक कुपोषण का सामना करना पड़ सकता है, जिनमें से सवा तीन लाख बच्चों के लिये हालात ज़्यादा ख़राब होने की आशंका है. 

सोमालिया में संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ़) की प्रतिनिधि एंजेला कर्नी ने कहा कि बच्चों के जीवन पर जोखिम है और भुखमरी के कारण बच्चों को खोने से मानवता के लिये धक्का होगा. 

उन्होंने कहा कि सूखा सम्बन्धी हालात से निपटने के उपायों के ज़रिये बच्चों के लिये भविष्य में अवसर बढ़ाए जा सकते हैं.