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यूक्रेन संकट पर महासभा का आपात विशेष सत्र

यूक्रेन मुद्दे पर, संयुक्त राष्ट्र महासभा के आपात विशेष सत्र को सम्बोधित करते हुए, अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद. (28 फ़रवरी 2022)
UN Photo/Evan Schneider
यूक्रेन मुद्दे पर, संयुक्त राष्ट्र महासभा के आपात विशेष सत्र को सम्बोधित करते हुए, अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद. (28 फ़रवरी 2022)

यूक्रेन संकट पर महासभा का आपात विशेष सत्र

शान्ति और सुरक्षा

यूक्रेन में एक तरफ़ युद्ध में तेज़ी हो रही है, इस बीच संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने इस संकट पर चर्चा करने के लिये मंगलवार को, यूएन महासभा का ‘आपात विशेष सत्र’ आयोजित किया है जोकि बहुत असाधारण समझा जाता है.

यूएन महासभा के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने स्पष्टता के साथ कहा कि रूस ने पाँच दिन पहले यूक्रेन में जो सैनिक अभियान छेड़ा वो यूक्रेन की खण्डता व सम्प्रभुता का उल्लंघन है.

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यूएन सिद्धान्तों का एक अपमान

अब्दुल्ला शाहिद ने संयुक्त राष्ट्र के संस्थापना दस्तावेज़ - यूएन चार्टर का सन्दर्भ दिया जिसमें एक ऐसी दुनिया का ख़ाका प्रस्तुत किया गया है जहाँ देश अपने विवादों का निपटारा शान्तिपूर्ण तरीक़ों से करें, किसी धमकी या बल प्रयोग के बिना.

उन्होंने कहा कि मौजूदा सैन्य अभियान, इन दृष्टिकोण से मेल नहीं खाता है. ये स्थिति, इस संगठन के संस्थापकों का और उस सबका अपमान है जिसके लिये ये संगठन मौजूद है.

“हिंसा को रोकना होगा..और अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानून का सम्मान किया जाना होगा. और कूटनीति व सम्वाद का सहारा लिया जाना होगा.”

यूएन महासभा के इस आपात विशेष सत्र में, देशों के प्रतिनिधियों ने कुछ देर का मौन रखा. इससे पहले रविवार को भी, यूक्रेन मुद्दे पर सुरक्षा परिषद की एक विशेष बैठक हुई थी.

ध्यान रहे कि शुक्रवार को यूक्रेन पर रूस की सैन्य कार्रवाई की निन्दा करने वाला एक मसौदा प्रस्ताव, सुरक्षा परिषद की बैठक में पेश किया गया था, मगर रूस के वीटो के कारण वो प्रस्ताव पारित नहीं हुआ.

1950 के बाद से, यूएन महासभा के ऐसे केवल 10 आपात विशेष सत्र आयोजित हुए हैं जोकि प्रस्ताव संख्या 377A(V) के प्रावधान के तहत होते हैं, जिन्हें “शान्ति के लिये एकता – Uniting for Peace” के नाम से भी जाना जाता है.

ये प्रस्ताव महासभा को ऐसी स्थिति में अन्तरराष्ट्रीय शान्ति और सुरक्षा के मामले उठाने की शक्ति देता है जब सुरक्षा परिषद, इसके पाँच स्थाई सदस्यों के बीच सर्वसहमति के अभाव में, कोई कार्रवाई करने में असमर्थ होती है.

ध्यान रहे कि चीन, फ्रांस, ब्रिटेन, अमेरिका और रूस, सुरक्षा परिषद के पाँच स्थाई सदस्य हैं जिनके पास वीटो का अधिकार है.

यूएन महासभा के आपात विशेष सत्र में लगभग 100 देशों के प्रतिनिधि अपनी बात रखेंगे, जिसके बाद सम्भवतः बुधवार को यूक्रेन पर एक मसौदा प्रस्ताव पर मतदान अपेक्षित है.

यूएन महासभा के प्रस्ताव वैसे तो बाध्यकारी नहीं होते हैं, मगर उनका राजनैतिक वज़न होता है क्योंकि उनमें संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों की राय झलकती है.

सम्भावित आंशिक आशा किरण

अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने राजदूतों को सम्बोधित करते हुए कहा, “हम सब, जब यहाँ महासभा में एकत्र हुए हैं, तो दोनों पक्षों के वार्ताकार, बेलारूस में बातचीत कर रहे हैं. इससे आशा की एक किरण जागती है. हम प्रार्थना करते हैं कि इस बातचीत से क्रोध शान्त होगा और शान्ति का रास्ता निकालेगा.”

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने संगठन के सदस्य देशों को सम्बोधित करते हुए कहा कि यूक्रेन में युद्ध तत्काल रोका जाना होगा.

राजधानी कीयेफ़ सहित अनेक शहरों में बमबारी के कारण, बहुत से लोग अन्यत्र स्थानों पर शरण लेने के लिये विवश हुए हैं जिनमें भूमिगत परिवहन के स्टेशन भी शामिल हैं. लगभग पाँच लाख यूक्रेनी लोग, सीमा पार कर चुके हैं.

अब बस बहुत हो चुका

UN Chief on Ukraine at the General Assembly Emergency Special Session | United Nations

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि वैसे तो रूसी हमलों में, आमतौर पर यूक्रेन के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया जा रहा है, “हमें ऐसी भी विश्वस्त ख़बरें मिली हैं कि रिहायशी इमारतें, महत्वपूर्ण सिविल बुनियादी ढाँचे और अन्य असैन्य ठिकानों को भी भारी नुक़सान पहुँचा है.”

हिंसा में, बच्चों सहित आम लोगों की मौत हुई है.

यूएन महासचिव ने कहा, “बस, अब बहुत हो चुका है. सैनिकों को वापिस अपने बैरकों में लोटना होगा. नेताओं को शान्ति की दिशा में बढ़ना होगा. आम लोगों की हिफ़ाज़त की जानी होगी. अन्तरराष्ट्रीय मानवीय और मानवाधिकार क़ानून का पालन किया जाना होगा.”

उन्होंने कहा कि दुनिया यूक्रेन के रूप में एक त्रासद संकट का सामना कर रही है जोकि एक ऐसा क्षेत्रीय संकट है जिसके सभी के लिये सम्भवतः त्रासदीपूर्ण नतीजे होंगे.

यूएन प्रमुख ने कहा, “कल, रूस की परमाणु ताक़तें उच्च सतर्कता पर रखी गई थीं. ये एक कँपकँपा देने वाला घटनाक्रम है. किसी परमाणु संघर्ष का केवल ख़याल ही, सोच से परे है. परमाणु हथियारों के प्रयोग को किसी भी आधार पर सही नहीं ठहराया जा सकता.”

उन्होंने यूक्रेन के लिये संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबद्धता की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि उन्होंने यूक्रेन में मानवीय सहायता कार्यों के लिये, पिछले सप्ताह दो करोड़ डॉलर की रक़म जारी करने की घोषणा की थी. साथ ही, देश के लिये एक संकट संयोजक की भी नियुक्ति की गई है.

अन्तरराष्ट्रीय शान्ति दाँव पर

यूक्रेन के राजदूत सर्गीय किसलित्सया, यूक्रेन संकट पर यूएन महासभा के आपात विशेष सत्र को सम्बोधित करते हुए. (28 फ़रवरी 2022)
UN Photo/Evan Schneider
यूक्रेन के राजदूत सर्गीय किसलित्सया, यूक्रेन संकट पर यूएन महासभा के आपात विशेष सत्र को सम्बोधित करते हुए. (28 फ़रवरी 2022)

यूक्रेन के राजदूत सर्गीय किसलित्सया ने रेखांकित किया कि संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के बाद से ऐसा पहली बार हुआ है कि योरोप के केन्द्र में, एक पूर्ण युद्ध आगे बढ़ता नज़र आ रहा है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, “ये युद्ध भड़काया नहीं गया है; ये उस व्यक्ति ने चुना है जो इस समय कहीं बंकर में बैठा है”, द्वितीय विश्व युद्ध के किसी भ्रम में.

उन्होंने बताया कि सोमवार तक, यूक्रेन के 252 लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें 16 बच्चे भी हैं, जबकि दो हज़ार से ज़्यादा घायल भी हुए हैं.

यूक्रेन के राजदूत ने रूस पर युद्धापराध करने का आरोप लगाते हुए कहा कि रूस ने शिशु केन्द्रों, अनाथालयों और अस्पतालों जैसे स्थानों को भी निशाना बनाया है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन की मदद करने के लिये, बिल्कुल अभी सटीक समय है.

उन्होंने कहा, “अगर यूक्रेन का अस्तित्व ख़त्म होता है तो अन्तरराष्ट्रीय शान्ति नहीं बचेगी. अगर यूक्रेन का वजूद ख़त्म होता है तो संयुक्त राष्ट्र का भी वजूद नहीं बचेगा, किसी भ्रम में ना रहें. अगर यूक्रेन का अस्तित्व ख़त्म होता है तो हमें चौंकना नहीं चाहिये कि अगली बार किस लोकतंत्र की बारी होगी.”

यूक्रेन के राजदूत ने कहा, “हम अभी यूक्रेन को बचा सकते हैं, संयुक्त राष्ट्र को बचा सकते हैं, लोकतंत्र को बचा सकते हैं, और उन मूल्यों को बचा सकते हैं जिनमें हम विश्वास रखते हैं, और जिनके लिये यूक्रेनी लोग संघर्ष कर रहे हैं और अपनी ज़िन्दगियों के साथ क़ीमत चुका रहे हैं.”

'रूसी कार्रवाइयाँ तोड़ी-मरोड़ी गईं'

संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वैसिली नेबेन्ज़या, यूक्रेन मुद्दे पर, महासभा के आपात विशेष सत्र को सम्बोधित करते हुए. (28 फ़रवरी 2022)
UN Photo/Evan Schneider
संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वैसिली नेबेन्ज़या, यूक्रेन मुद्दे पर, महासभा के आपात विशेष सत्र को सम्बोधित करते हुए. (28 फ़रवरी 2022)

संयुक्त राष्ट्र में रूसी महासंघ के राजदूत वैसिली नेबेन्ज़या ने, दुभाषिये की मदद से अपनी बात रखते हुए कहा कि उनके देश की कार्रवाइयों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है, और मीडिया व सोशल मीडिया मंंच ये सन्देश फैला रहे हैं जिन्होंने उन्होंने "झूठ" क़रार दिया.

 

उन्होंने कहा कि विशेष सैन्य अभियान का लक्ष्य, यूक्रेन के पूर्वी इलाक़ों लूहान्स्क और दोनेत्स्क के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, "जिन्हें यूक्रेन सरकार ने पिछले आठ वर्षों से प्रताड़ना और जनसंहार का निशाना बनाया है." 

उन्होंने कहा, "इस लक्ष्य को हासिल करने के लिये, यूक्रेन का विसैन्यीकरण करना और वि-नाज़ीकरण करना ज़रूरी है."

रूसी राजदूत ने कहा कि उनके देश को ये विश्वास है कि संयुक्त राष्ट्र, "हितधारकों की स्थितियाँ ज़्यादा नज़दीक लाकर और संघर्ष के कारणों को दूर करके", यूक्रेन संकट को हल करने में भूमिका निभा सकता है.