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2020, अब तक के तीन सबसे गर्म सालों में से एक: यूएन मौसम विज्ञान एजेंसी

विश्व मौसम विज्ञान एजेंसी के मुताबिक 21वीं सदी का दूसरा दशक अब तक का सबसे गर्म दशक साबित हुआ है.
Unsplash/John Towner
विश्व मौसम विज्ञान एजेंसी के मुताबिक 21वीं सदी का दूसरा दशक अब तक का सबसे गर्म दशक साबित हुआ है.

2020, अब तक के तीन सबसे गर्म सालों में से एक: यूएन मौसम विज्ञान एजेंसी

जलवायु और पर्यावरण

संयुक्त राष्ट्र की मौसम विज्ञान एजेंसी (WMO) के अनुमान दर्शाते हैं कि वर्ष 2020 अब तक के तीन सबसे गर्म सालों में से एक रहा है और वर्ष 2016 को पीछे धकेल कर अब तक का सर्वाधिक गर्म साल साबित होने का रिकॉर्ड भी बनाने के नज़दीक था.  

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने अपने वक्तव्य में कहा है कि विश्व मौसम विज्ञान संगठन की यह पुष्टि जलवायु परिवर्तन की अथक रफ़्तार के प्रति सचेत करती है, जोकि धरती पर ज़िन्दगियों और आजीविकाओं के लिये ख़तरा है.

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महासचिव गुटेरेश ने कहा कि पूर्व-औद्योगिक स्तर की तुलना में तापमान में 1.2 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोत्तरी से ही दुनिया में अभूतपूर्व चरम मौसम की घटनाएँ दिखाई देने लगी हैं – हर क्षेत्र और हर महाद्वीप पर.

“हम इस सदी में तापमान में 3 से 5 डिग्री सेल्सियस की विनाशकारी बढ़ोत्तरी की ओर बढ़ रहे हैं.” 

“प्रकृति के साथ शान्ति स्थापित करना 21वीं सदी की निर्धारक ज़िम्मेदारी है. यह हर स्थान पर, हर किसी के लिये शीर्ष प्राथमिकता होनी चाहिये.”
ला निनिया पिछले वर्ष के आख़िर में शुरू हुआ था और इसके वर्ष 2021 के मध्य तक जारी रहने की सम्भावना है.

यूएन मौसम विज्ञान एजेंसी के महानिदेशक पेटेरी टालस ने बताया कि 2020 की अभूतपूर्व गर्मी ला निनिया के बावजूद हो रही है, जिसका आमतौर पर अस्थाई शीतलन प्रभाव देखने को मिलता है.

उन्होंने कहा कि यह असाधारण है कि वर्ष 2020 में तापमान 2016 के स्तर की लगभग बराबरी कर रहे हैं जब ‘अल निनियो’ का तापक प्रभाव देखने को मिला था.

“यह एक स्पष्ट इशारा है कि मानव-जनित जलवायु परिवर्तन से वैश्विक संकेत अब प्रकृति के बल जितना ही शक्तिशाली है.”

लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ‘ला निनिया’ के शीतलन प्रभाव से इस वर्ष तापमान बढ़ने का रूझान अस्थाई रूप से किस हद तक प्रभावित होगा.  

यूएन एजेंसी के मुताबिक साइबेरिया में सतत गर्मी और जंगलों में आग, आर्कटिक में समुद्री बर्फ़ के घटने और अटलाण्टिक में रिकॉर्ड तोड़ चक्रवाती तूफ़ानों को वर्ष 2020 की अहम जलवायु घटनाओं के रूप में देखा जा रहा है.

मौसम विज्ञान संगठन के मुताबिक तापमान जलवायु परिवर्तन का महज़ एक संकेतक है. इसके अलावा ग्रीनहाउस गैस सघनता, समुद्री तापमान, समुद्री जलस्तर, हिम आच्छादिता और अन्य चरम मौसम की घटनाएँ भी अन्य कारक हैं.

यूएन एजेंसी ने वैश्विक तापमान अपडेट के लिये पाँच अन्तराष्ट्रीय आँकड़ों के संग्रह से मिली जानकारी के आधार पर यह जानकारी दी है. 

इसके साथ-साथ मौसम विज्ञान पर आधारित लाखों पर्यवेक्षणों, समुद्री व सैटेलाइट के ज़रिये निगरानी और वातावरण के विश्लेषण के ज़रिये इस निष्कर्ष पर पहुँचा गया है.

यूएन एजेंसी दिसम्बर की इस रिपोर्ट में अन्य आँकड़ों पर आधारित विश्लेषण को शामिल करने के बाद मार्च में अन्तिम रिपोर्ट प्रकाशित करेगी.