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ज़्यादा जोखिम वाले जनसमूहों के लिये जल्द से जल्द टीकाकरण की अपील

बोलिविया में आदिवासी समुदायों में कोविड-19 के प्रति जागरूकता का प्रसार किया जा रहा है.
WFP/Morelia Eróstegui
बोलिविया में आदिवासी समुदायों में कोविड-19 के प्रति जागरूकता का प्रसार किया जा रहा है.

ज़्यादा जोखिम वाले जनसमूहों के लिये जल्द से जल्द टीकाकरण की अपील

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा है कि कोविड-19 संक्रमण का जोखिम झेल रहे स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चों पर जुटे अन्य लोगों को अगले 100 दिनों के भीतर टीका लगाये जाने के लिये सामूहिक संकल्प की आवश्यकता है.  
 

यूएन स्वास्थ्य  एजेंसी के प्रवक्ता ने सोमवार को जिनीवा में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए यह बात कही है. ठीक एक वर्ष पहले कोरोनावायरस संक्रमण के कारण पहले मरीज़ की मौत की पुष्टि हुई थी. 

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अब तक 9 करोड़ से ज़्यादा संक्रमणों की पुष्टि हो चुकी है और 19 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है. 

महानिदेशक घेबरेयेसस ने कहा कि सरकारों, विनिर्माताओं, नागरिक समाज, धार्मिक व सामुदायिक नेताओं को एक साथ आना होगा ताकि न्यायसंगत टीकाकरण के लिये व्यापक स्तर पर संगठित प्रयास किये जा सकें. 

उन्होंने बताया कि सिनोवाक और सिनाफ़ॉर्म वैक्सीन के आपात इस्तेमाल से जुड़ी शर्तों की समीक्षा करने यूएन एजेंसी की एक टीम चीन पहुँची है. 

इस टीम की उपस्थिति उस मिशन से अलग है जोकि वूहान शहर में महामारी फैलने के स्रोत से जुड़ी जानकारी जुटाने के प्रयास में लगी है और जिसके कार्यक्रम में देरी हुई है. 

उन्होंने बताया कि जापान में सप्ताहाँत के दौरान वायरस के एक नए प्रकार का पता चला है और संक्रमण का फैलाव बढ़ता सा प्रतीत हो रहा है.

उनके मुताबिक संक्रमणों के ज़्यादा मामलों के सामने आने,अस्पतालों में मरीज़ों की संख्या बढ़ने और मौतों के बावजूद अभी तक वायरस के नए प्रकार के ज़्यादा घातक होने की आशंका नहीं है. 

'वन हेल्थ' सम्मेलन

सोमवार को वन हेल्थ सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए महानिदेशक घेबेरेयसस ने कहा कि हाल के सालों में जिन बीमारियों के बारे में पता चला है, उनमें 70 फ़ीसदी से ज़्यादा के लिये पशुओं से मनुष्यों में होने वाला संक्रमण है.  

उन्होंने बताया कि ‘वन हेल्थ’ को बढ़ावा देने के लिये यूएन एजेंसी तीन क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित कर रही है. 

मज़बूत नीति – पिछले वर्ष मई महीने में स्वास्थ्य एजेंसी ने स्वस्थ व हरित पुनर्बहाली के लिये एक घोषणा-पत्र प्रकाशित किया . 

इस घोषणा-पत्र में प्रकृति की रक्षा करने, जल, साफ़-सफ़ाई और स्वच्छता में निवेश करने, टिकाऊ खाद्य प्रणालियों को बढ़ावा देने, स्वस्थ्य शहरों का निर्माण करने और प्रदूषण के लिये ज़िम्मेदार गतिविधियों को घटाने के लिये छह नीतिगत उपायों और 80 विशिष्ट कार्रवाई बिन्दुओं को पेश किया गया. 

मज़बूत दृष्टिकोण – 150 देशीय कार्यालयों के ज़रिये देशों के स्तर पर ‘वन हेल्थ’ सुनिश्चित करने के प्रयासों पर काम जारी है और उपयुक्त ढाँचों व क्षमताओं को तैयार किया जा रहा है. 

इस सम्बन्ध में समयपूर्व चेतावनी प्रणालियों पर भी ध्यान दिया गया है जिनमें मानव, पशु और पर्यावरण निगरानी को एकीकृत किया जायेगा.

मज़बूत साझेदारी – खाद्य संरक्षा, एण्टीमाइक्रोबियल प्रतिरोध, महामारी सहित अन्य विशाल स्वास्थ्य चुनौतियों से एक सैक्टर में कार्रवाई से नहीं निपटा जा सकता. 

इसे ध्यान में रखते हुए खाद्य एवँ कृषि संगठन, पशु स्वास्थ्य के लिये विश्व संगठन और विश्व स्वास्थ्य संगठन में त्रिपक्षीय साझेदारी स्थापित की गई है.

इन प्रयासों के तहत और यूएन पर्यावरण कार्यक्रम के साथ मिलकर ‘वन हेल्थ’ के लिये एक उच्चस्तरीय विशेषज्ञ परिषद का गठन किये जाने पर सहमति बनी है. 

इस परिषद की ज़िम्मेदारी वैज्ञानिक तथ्यों और देशों में नीतिगत जवाबी कार्रवाई का विश्लेषण करना और कार्रवाई के लिये सिफ़ारिशों को पेश करना है.