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'न्यायसंगत टीकाकरण' से ज़िन्दगियों की रक्षा और स्वास्थ्य प्रणालियों को सहारा सम्भव

गुजरात में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए, परिवारों को ग्राम स्वास्थ्य और पोषण दिवस पर टीकाकरण और परामर्श दिया जा रहा है.
UNICEF/Panjwani
गुजरात में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए, परिवारों को ग्राम स्वास्थ्य और पोषण दिवस पर टीकाकरण और परामर्श दिया जा रहा है.

'न्यायसंगत टीकाकरण' से ज़िन्दगियों की रक्षा और स्वास्थ्य प्रणालियों को सहारा सम्भव

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि कोविड-19 महामारी से बचाव के लिये, अन्तरराष्ट्रीय वैक्सीन अलायन्स COVAX के तहत सुरक्षित और असरदार वैक्सीन की दो अरब खुराकों का इन्तज़ाम किया गया है, और जैसे ही वे तैयार होंगी उनका वितरण सुनिश्चित किया जाएगा. स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने शुक्रवार को इस आशय की जानकारी देते हुए कहा कि न्यायोचित टीकाकरण से लोगों की ज़िन्दगियाँ बचाने और स्वास्थ्य प्रणालियों को स्थायित्व प्रदान करने में मदद मिलेगी. 

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी प्रमुख टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने जिनीवा में एक पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए बताया कि फ़िलहाल 42 देश सुरक्षित और असरदार कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहे हैं. इनमे से 36 उच्च आय और छह मध्य आय वाले देश हैं. 

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उन्होंने चिन्ता जताई है कि निम्न और और अधिकाँश मध्य आय वाले देशों को अभी तक वैक्सीन नहीं मिल पाई है जोकि एक बड़ी समस्या है जिसे COVAX पहल के तहत सुलझाया जाना होगा. 

ये पहल अप्रैल 2020 में, यूएन एजेंसी, वैक्सीन अलायन्स (GAVI) और महामारी की तैयारी के लिये नवाचारी समाधानों के गठबन्धन (CEPI) ने अप्रैल 2020 में शुरू की थी.

यह ‘Access to COVID-19 Tools (ACT) Accelerator’ का हिस्सा है जिसका उद्देश्य कोविड-19 के ख़िलाफ़ लड़ाई में उपचार, निदान और वैक्सीनें न्यायसंगत ढँग से उपलब्ध कराना है. 

बताया गया है कि शुरुआत में ही धनी देशों ने अनेक प्रकार के टीकों की अधिकाँश आपूर्ति अपने लिये सुनिश्चित कर ली है.

इसके अलावा उच्च और मध्य आय वाले देश अतिरिक्त द्विपक्षीय समझौते भी कर रहे हैं – वो देश भी जो विश्व स्वास्थ्य संगठन और वैक्सीन अलायन्स गैवी की COVAX मुहिम का हिस्सा हैं. 

“इससे हर किसी के लिये क़ीमत ऊपर पहुँचने की सम्भावना है, और इसका अर्थ यह हुआ कि निर्धनतम और सबसे वंचित देशों में ज़्यादा जोखिम वाले लोगों को वैक्सीन नहीं मिल पाएगी.” 

वैक्सीन राष्ट्रवाद चिन्ताजनक

महानिदेशक घेबरेयेसस ने चिन्ता जताई कि उभरता वैक्सीन राष्ट्रवाद दुनिया को चोट पहुँचा रहा है और असल में ख़ुद के लिये नुक़सान का सबब है. 

लेकिन उनके मुताबिक अगर न्यायसंगत ढँग से टीकाकरण होता है तो ज़िन्दगियाँ बचाने और स्वास्थ्य प्रणालियों में स्थायित्व लाने में मदद मिलेगी. 

इससे वैश्विक आर्थिक पुनर्बहाली का मार्ग प्रशस्त होगा और रोज़गार के अवसरों के सृजन में भी तेज़ी आएगी. 

यूएन एजेंसी प्रमुख ने कहा कि वैक्सीन मिलने से वायरस द्वारा अपना प्रकार बदल लिये जाने के अवसर भी सीमित हो जाएँगे. 

फ़िलहाल वायरस का नया स्ट्रेन दर्शाता है कि उसमें मानव आबादी में ज़्यादा तेज़ी से फैलने के लिये बदलाव आ रहे हैं.  

उनके मुताबिक आमतौर पर यह हर वायरस के लिये सामान्य बात है लेकिन अगर फैलाव को घटाने और न्यायोचित टीकाकरण के प्रयास नहीं किये गए तो कोरोनावायरस को फलने-फूलने में मदद मिलेगी.

इसके मद्देनज़र यूएन एजेंसी प्रमुख ने वैक्सीन निर्माताओं से COVAX पहल के ज़रिये आपूर्ति को प्राथमिकता दिये जाने का आग्रह किया है. 

साथ ही जिन देशों ने ज़रूरत से ज़्यादा टीके हासिल करने के लिये समझौते किये हैं, उनसे COVAX पहल में दान करने और द्विपक्षीय समझौत रोकने की अपील की गई है. 

महानिदेशक घेबरेयेसस ने स्पष्ट शब्दों मे कहा कि कोई भी देश असाधारण नहीं है, इसलिये क़तार को तोड़कर अपनी आबादी में टीकाकरण नहीं किया जाना चाहिये जबकि अन्य देशों के पास वैक्सीन की आपूर्ति ना हो.