वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

यूएन न्यूज़ हिन्दी बुलेटिन, 22 सितम्बर 2021

यूएन न्यूज़ हिन्दी बुलेटिन, 22 सितम्बर 2021

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के अवसर पर, यूएन रेडियो से मुख्य समाचार.
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संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने बुधवार को एक उच्चस्तरीय सम्मेलन में कहा है कि नस्लवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिये, 20 वर्ष पहले एक ऐतिहासिक घोषणा पत्र पारित किया गया था, लेकिन भेदभाव आज भी, हर समाज के दैनिक जीवन, संस्थानों और सामाजिक ढाँचे में जड़ें जमाए हुए  है. डरबन घोषणा पत्र और कार्रवाई कार्यक्रम (DDPA) की 20वीं वर्षगाँठ पर यूएन प्रमुख ने कहा...

"डरबन घोषणा पत्र व कार्रवाई प्रोग्राम की 20वीं वर्षगाँठ, हमें यह सोचने-समझने का अहम मौक़ा मुहैया कराती है कि हम कहाँ खड़े हैं, और हमें पहुँचना कहाँ है. नस्लवाद और नस्लीय भेदभाव अब भी, संस्थानों, सामाजिक ढाँचों और हर समाज में हर दिन अपनी जड़ें जमाए हुए है. ढाँचागत नस्लभेद और व्यवस्थागत अन्याय, आज भी लोगों को उनके बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित करते हैं."
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विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में स्वास्थ्य ढाँचा ढहने के कगार पर है, जबकि राजधानी काबुल के रास्तों पर परिवारों को गम्भीर भुखमरी के जिन हालात का सामना करना पड़ रहा है, वो शहरी इलाक़ों और सूखे की मार से प्रभावित ग्रामीण इलाक़ों, सभी में एक जैसे ही गम्भीर हैं.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख का ये बयान ऐसे समय में आया है जब संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवीय सहायता अधिकारी मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने, अफ़ग़ानिस्तान के बेहद कमज़ोर स्वास्थ्य ढाँचे को समर्थन व सहायता मुहैया कराने के लिये, यूएन आपदा कोष से, साढ़े चार करोड़ डॉलर की रक़म जारी की है.

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान के स्वास्थ्य ढाँचे को यूँ ही बिखर जाने देने के, विनाशकारी परिणाम होंगे. 
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संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कोविड-19 महामारी से निपटने के प्रयासों पर केन्द्रित एक बैठक को सम्बोधित करते हुए, वैश्विक टीकाकरण योजना अपनाने पर ज़ोर दिया है. अमेरिका ने इस बैठक में शिरकत करते हुए, कोविड-19 वैक्सीन के 50 करोड़ टीके ख़रीद कर, उन्हें दान करने की घोषणा की है. 

अमेरिका ने न्यूयॉर्क में जारी संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के दौरान, बेहतर स्वास्थ्य सुरक्षा ढाँचा विषय पर एक वर्चुअल शिखर बैठक का आयोजन किया, जिसमें  कोविड-19 महामारी का अन्त करने और भावी महामारियों के जोखिमों से निपटने के मुद्दे पर विचार विमर्श हुआ.

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने बैठक को सम्बोधित करते हुए क्षोभ जताया कि वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा अब तक विफल साबित हुई है और लगभग 45 लाख लोगों की मौत हो चुकी है.
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म्याँमार में मानवाधिकार स्थिति पर, संयुक्त राष्ट्र के एक स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ टॉम एण्ड्रयूज़ ने, यूएन मानवाधिकार परिषद को बताया कि, देश में, 1 फ़रवरी को सेना द्वारा सत्ता का तख़्तापलट करने के बाद से, हालात लगातार और भी ज़्यादा ख़राब होते रहे हैं. उन्होंने देश में मानवाधिकारों के और ज़्यादा हनन व लोगों की मौतें रोकने के लिये, ठोस कार्रवाई किये जाने का आग्रह किया है.

टॉम एण्ड्रयूज़ के अनुसार, म्याँमार की सेना ने सत्ता पर नियंत्रण स्थापित करने के बाद से, 1100 से भी ज़्यादा लोगों की हत्याएँ की हैं, 8 हज़ार से ज़्यादा लोगों को मनमाने तरीक़े से बन्दी बनाया गया है, और 2 लाख 30 हज़ार से ज़्यादा लोगों को जबरन विस्थापित किया गया है. 

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संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के अवसर पर, यूएन रेडियो से मुख्य समाचार.
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संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने बुधवार को एक उच्चस्तरीय सम्मेलन में कहा है कि नस्लवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिये, 20 वर्ष पहले एक ऐतिहासिक घोषणा पत्र पारित किया गया था, लेकिन भेदभाव आज भी, हर समाज के दैनिक जीवन, संस्थानों और सामाजिक ढाँचे में जड़ें जमाए हुए  है. डरबन घोषणा पत्र और कार्रवाई कार्यक्रम (DDPA) की 20वीं वर्षगाँठ पर यूएन प्रमुख ने कहा...

"डरबन घोषणा पत्र व कार्रवाई प्रोग्राम की 20वीं वर्षगाँठ, हमें यह सोचने-समझने का अहम मौक़ा मुहैया कराती है कि हम कहाँ खड़े हैं, और हमें पहुँचना कहाँ है. नस्लवाद और नस्लीय भेदभाव अब भी, संस्थानों, सामाजिक ढाँचों और हर समाज में हर दिन अपनी जड़ें जमाए हुए है. ढाँचागत नस्लभेद और व्यवस्थागत अन्याय, आज भी लोगों को उनके बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित करते हैं."
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विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में स्वास्थ्य ढाँचा ढहने के कगार पर है, जबकि राजधानी काबुल के रास्तों पर परिवारों को गम्भीर भुखमरी के जिन हालात का सामना करना पड़ रहा है, वो शहरी इलाक़ों और सूखे की मार से प्रभावित ग्रामीण इलाक़ों, सभी में एक जैसे ही गम्भीर हैं.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख का ये बयान ऐसे समय में आया है जब संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवीय सहायता अधिकारी मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने, अफ़ग़ानिस्तान के बेहद कमज़ोर स्वास्थ्य ढाँचे को समर्थन व सहायता मुहैया कराने के लिये, यूएन आपदा कोष से, साढ़े चार करोड़ डॉलर की रक़म जारी की है.

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान के स्वास्थ्य ढाँचे को यूँ ही बिखर जाने देने के, विनाशकारी परिणाम होंगे. 
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संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कोविड-19 महामारी से निपटने के प्रयासों पर केन्द्रित एक बैठक को सम्बोधित करते हुए, वैश्विक टीकाकरण योजना अपनाने पर ज़ोर दिया है. अमेरिका ने इस बैठक में शिरकत करते हुए, कोविड-19 वैक्सीन के 50 करोड़ टीके ख़रीद कर, उन्हें दान करने की घोषणा की है. 

अमेरिका ने न्यूयॉर्क में जारी संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के दौरान, बेहतर स्वास्थ्य सुरक्षा ढाँचा विषय पर एक वर्चुअल शिखर बैठक का आयोजन किया, जिसमें  कोविड-19 महामारी का अन्त करने और भावी महामारियों के जोखिमों से निपटने के मुद्दे पर विचार विमर्श हुआ.

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने बैठक को सम्बोधित करते हुए क्षोभ जताया कि वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा अब तक विफल साबित हुई है और लगभग 45 लाख लोगों की मौत हो चुकी है.
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म्याँमार में मानवाधिकार स्थिति पर, संयुक्त राष्ट्र के एक स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ टॉम एण्ड्रयूज़ ने, यूएन मानवाधिकार परिषद को बताया कि, देश में, 1 फ़रवरी को सेना द्वारा सत्ता का तख़्तापलट करने के बाद से, हालात लगातार और भी ज़्यादा ख़राब होते रहे हैं. उन्होंने देश में मानवाधिकारों के और ज़्यादा हनन व लोगों की मौतें रोकने के लिये, ठोस कार्रवाई किये जाने का आग्रह किया है.

टॉम एण्ड्रयूज़ के अनुसार, म्याँमार की सेना ने सत्ता पर नियंत्रण स्थापित करने के बाद से, 1100 से भी ज़्यादा लोगों की हत्याएँ की हैं, 8 हज़ार से ज़्यादा लोगों को मनमाने तरीक़े से बन्दी बनाया गया है, और 2 लाख 30 हज़ार से ज़्यादा लोगों को जबरन विस्थापित किया गया है. 

अवधि
3'40"
Photo Credit
ONU/J. Isaac