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सूडान: अल-फ़शर में अनगिनत ज़िन्दगियों पर जोखिम, यूएन एजेंसियों की चेतावनी

हिंसा से जान बचाकर भागने वाले लोगों के लिए सूडान के व्हाईट नाइल प्रान्त में अस्थाई शरण स्थल बनाए गए हैं.
© UNHCR/Ala Kheir
हिंसा से जान बचाकर भागने वाले लोगों के लिए सूडान के व्हाईट नाइल प्रान्त में अस्थाई शरण स्थल बनाए गए हैं.

सूडान: अल-फ़शर में अनगिनत ज़िन्दगियों पर जोखिम, यूएन एजेंसियों की चेतावनी

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता एजेंसियों का कहना है कि सूडान के नॉर्थ दारफ़ूर प्रान्त में जारी भीषण लड़ाई में एक अस्पताल को क्षति पहुँची है और दो युवजन की मौत हो गई है. हाल के दिनों में हिंसा में आई तेज़ी से एक बार फिर अकाल की आशंका बढ़ती जा रही है और बड़ी संख्या में आम नागरिकों की ज़िन्दगियों पर जोखिम है.

मानवीय सहायता मामलों में समन्वय के लिए यूएन एजेंसी (UNOCHA) ने बताया कि बमबारी में अल-फ़शर शहर में स्थित एक अस्पताल में गहन चिकित्सा कक्ष की छत को नुक़सान पहुँचा है.

नॉर्थ दारफ़ूर प्रान्त में यह एकमात्र ऐसा अस्पताल है जहाँ अभी स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की जा रही है, हालांकि मेडिकल सामान की आपूर्ति ख़त्म होती जा रही हैं.

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अल-फ़शर शहर के इर्द-गिर्द लगभग आठ लाख लोग रहते हैं. यूएन एजेंसी के प्रमुख मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म, X, पर अपने सन्देश में लिखा कि यहाँ अनगिनत ज़िन्दगियों पर जोखिम है. सूडान एक कगार पर है.

OCHA के अनुसार पिछले शुक्रवार को सूडान के सशस्त्र बलों और अर्द्धसैनिक बल (RSF) के बीच भीषण लड़ाई फिर भड़क उठी जिसमें बड़ी संख्या में लोगों की जान गई है.

नॉर्थ दारफ़ूर में अल-फ़शर ही एक शहर है जोकि अर्द्धसैनिक बल के नियंत्रण में नहीं है.

यूएन एजेंसी ने बताया कि लड़ाई में हवाई हमलों और भारी हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है, और ये झड़पें शहर के केन्द्रीय इलाक़े, मुख्य बाज़ार के बाहरी हिस्से और रिहायशी इलाक़ों तक पहुँच गई है, जिसमें आम लोग हताहत हुए हैं.

यूएन मानवीय राहतकर्मियों ने रक्तपात के इस नए दौर से पहले आगाह किया था कि अल-फ़शर में पिछले कुछ महीनों से बढ़ती हिंसा के कारण सहायता पहुँचाने में अवरोध है, जिसके कारण ज़रूरतमन्दों सहायता व बुनियादी सामान भेजना मुश्किल हो रहा है. इस वजह से लोग अकाल के कगार पर पहुँच रहे हैं.

ढाई करोड़ ज़रूरतमन्द

दारफ़ूर प्रान्त में 90 लाख लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है. वहीं, सूडान में 2.48 करोड़ लोगों, यानि देश की क़रीब आधी आबादी, को संयुक्त राष्ट्र और मानवीय सहायता संगठनों से मदद की दरकार है.

सूडान में खाद्य सुरक्षा स्थिति के लिए मार्च महीने में आकलन जारी किए गए थे, जोकि हाल के दिनों में लड़ाई में आई तेज़ी से पहले ही, चिन्ताजनक हालात को बयाँ करते हैं. 

यह आकलन दर्शाता है कि सूडान में 1.77 करोड़ लोग, देश की लगभग एक-तिहाई आबादी, पिछले कुछ समय से संकट या उससे बदतर स्तर पर खाद्य असुरक्षा से जूझ रही है.

इनमें से 49 लाख लोग अकाल के कगार पर हैं. हर 10 में से 9 प्रभावित दारफ़ूर, कोर्दोफ़ान, ख़ारतूम और जज़ीरा में फँसे हैं. 

वहीं, अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) ने बताया है कि पिछले 13 महीनों में उत्तरी दारफ़ूर प्रान्त में पाँच लाख 70 हज़ार लोग विस्थापित हुए हैं. कुल 67 लाख लोग घरेलू विस्थापित हैं, जबकि 18 लाख लोगों ने सूडान की सीमा पार करके अन्य देशों में शरण ली है.