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UNRWA: ग़ाज़ा और पश्चिमी तट में तत्काल ज़रूरतें पूरी करने के लिए $1.2 अरब की अपील

ग़ाज़ा में युद्ध के कारण लाखों बच्चों पर भीषण असर हो रहा है, जिसमें अनेक बच्चों की मौत हो चुकी है और बहुत से बच्चे अपने माता-पिता से वंचित हो गए हैं.
© UNRWA
ग़ाज़ा में युद्ध के कारण लाखों बच्चों पर भीषण असर हो रहा है, जिसमें अनेक बच्चों की मौत हो चुकी है और बहुत से बच्चे अपने माता-पिता से वंचित हो गए हैं.

UNRWA: ग़ाज़ा और पश्चिमी तट में तत्काल ज़रूरतें पूरी करने के लिए $1.2 अरब की अपील

मानवीय सहायता

फ़लस्तीनी शरणार्थियों की सहायता एजेंसी – UNRWA ने युद्धग्रस्त ग़ाज़ा और पश्चिमी तट में अभूतपूर्व और असाधारण मानवीय संकट में विशालकाय ज़रूरतें पूरी करने के लिए रक़म जुटाने की ख़ातिर, $1.2 अरब की अपील जारी की है.

यूएन एजेंसी ने कहा है कि इस रक़म के ज़रिए पूरे वर्ष 2024 के दौरान मानवीय सहायता कार्रवाई की जाएगी. 

इसके तहत युद्ध से त्रस्त ग़ाज़ा में बुरी तरह से प्रभावित लगभग 17 लाख लोगों की तत्कालिक ज़रूरतों को पूरा किया जाएगा. साथ ही पूर्वी येरूशेलम सहित पश्चिमी तट में रहने वाले दो लाख से अधिक शरणार्थियों की भी मदद, इस राशि से की जाएगी.

लाखों लोगों की जीवनरेखा

UNRWA के महाआयुक्त फ़िलिपे लज़ारिनी ने कहा है, “ग़ाज़ा में युद्ध के ज़ख़्म विशाल पैमाने पर नज़र आ रहे हैं. इस बीच पश्चिमी तट में भी हिंसा बढ़ रही है.”

उन्होंने कहा, “यह बहुत अहम है कि ज़रूरतमन्द लोगों को जीवनरक्षक मानवीय सहायता और स्वास्थ्य व शिक्षा जैसी विकास सेवाएँ मुहैया कराने के लिए, UNRWAS का समर्थन किया जाए.”

UNRWA ग़ाज़ा में धरातल पर सबसे बड़ा मानवीय सहायता संगठन है जोकि ग़ाज़ा पट्टी में सहायता अभियान की रीढ़ की हड्डी ऊभी है. 

यह एजेंसी लगभग 10 लाख लोगों को अपने संस्थानों की इमारतों में आश्रय मुहैया करा रहा है, खाद्य सामग्री का वितरण कर रही है, प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएँ मुहैया करा रहा है और सहायता सामग्री की आपूर्ति के लिए, संचालन में तालमेल कर रही है.

ग़ाज़ा में युद्ध के लगभग 200 दिन पूरे होने के बाद, अब प्राथमिकता विशाल पैमाने पर खाद्य सहायता की आपूर्ति किए जाने की है जिसका अत्यधिक ज़रूरत है. 

इसमें ग़ाज़ा में खाद्य सामग्री पहुँचाना शामिल है, जहाँ की आबादी लगभग पूरी तरह से, मानवीय सहायता के ज़रिए मिलने वाले भोजन पर निर्भर है.

इसराइली बमबारी जारी

इस बीच, UNRWA ने, उसके ठिकानों को इसराइल द्वारा लगातार बमबारी का निशाना बनाए जाने की निन्दा की है.

यूएन एजेंसी ने सोशल मीडिया पर प्रकाशित अपने सन्देश में कहा है कि नूसीरात शिविर में आश्रय स्थल में तब्दील किए गए एक स्कूल पर, 11 और 13 अप्रैल को तीन बार हमले किए गए, जिनमें कम से कम सात लोग मारे गए और अन्य अनेक घायल हुए. साथ ही लोगों को वहाँ से अन्यत्र स्थानों के लिए भागना पड़ा.

एजेंसी ने एक अन्य सोशल मीडिया सन्देश में बताया है कि उसने यूएन बाल कोष – UNICEF के साथ मिलकर, जबालिया में लोगों को जीवनरक्षक चिकित्सा सहायता और जल शुद्धिकरण सहायता मुहैया कराने के लिए, मंगलवार को उत्तरी ग़ाज़ा में एक मिशन चलाया.