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21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने के लिए, अधिक मज़बूत यूएन (2.0) का आग्रह

टिकाऊ विकास लक्ष्यों पर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय की इमारत पर जानकारी.
UN Photo/Cia Pak
टिकाऊ विकास लक्ष्यों पर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय की इमारत पर जानकारी.

21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने के लिए, अधिक मज़बूत यूएन (2.0) का आग्रह

एसडीजी

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने विश्व भर में आम लोगों तक बेहतर ढंग से पहुँचने और उन्हें समर्थन प्रदान करने के इरादे से, संयुक्त राष्ट्र को एक नए कलेवर में ढालने (2.0), उसे मज़बूत करने और आवश्यकता अनुसार बदलाव किए जाने पर बल दिया है.

सोमवार को यूएन 2.0 सप्ताह आरम्भ हुआ है. यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने इस अवसर पर अपने सन्देश में ध्यान दिलाया कि 20वीं सदी के औज़ारों व उपकरणों से, 21वीं शताब्दी की समस्याओं का हल नहीं ढूंढा जा सकता है.

“हमें यूएन 2.0 की आवश्यकता है.”

उन्होंने सचेत किया कि दुनिया हिंसक टकरावों से लेकर जलवायु, निर्धनता व असमानता जैसी चुनौतियों से जूझ रही है और इनमें से अनेक संकट आपस में गुँथे हुए हैं. 

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महासचिव गुटेरेश ने कहा कि इस पृष्ठभूमि में दुनिया एक बेहतर, सुरक्षित व हरित जगह को साकार करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की ओर देखती है.

इस क्रम में, उन्होंने कौशल व संस्कृति में रूपान्तरकारी बदलावों पर ज़ोर दिया है, जिसका ख़ाका, महासचिव ने यूएन 2.0 की अपनी परिकल्पना में खींचा है. 

यह डेटा, डिजिटल समाधानों, नवाचार, दूरदृष्टि और व्यावहारिक विज्ञान पर केन्द्रित होगा, ताकि सदस्य देशों को टिकाऊ विकास लक्ष्यों की दिशा में ले जाना और मज़बूत नतीजे हासिल कर पाना सम्भव हो.

सितम्बर 2023 में यूएन महासचिव ने एक नीतिपत्र जारी किया था, जिसमें इस सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी गई थी. 

भविष्योन्मुख सोच को बढ़ावा

एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार को अपने सन्देश में, एक भविष्योन्मुखी विचार संस्कृति को बढ़ावा देने का आग्रह किया, जिसे टैक्नॉलॉजी क्षेत्र में हो रही प्रगति से शक्ति प्राप्त हो.

उन्होंने कहा कि हमारा साझा एजेंडा में अनेक बुनियादी बदलाव सुझाए गए हैं, जोकि वैश्विक सहयोग को प्रोत्साहन देने और टिकाऊ विकास लक्ष्यों के लिए सफ़र को फिर से पटरी पर लाने की दृष्टि है. 

इस वर्ष 22-23 सितम्बर (2024) को न्यूयॉर्क में आयोजित हो रही भविष्य की शिखर बैठक के मद्देनज़र इसे महत्वपूर्ण बताया गया है.

“हम पहले से ही देख रहे हैं कि क्या कुछ सम्भव है: ऑनलाइन संसाधनों से लेकर दूरस्थ स्कूलों तक, वास्तविक समय में प्राप्त जानकारी पर आधारित मानवीय सहायता तक, और आपदाओं के लिए सहनसक्षमता निर्माण व पुनर्निर्माण में मदद देने वाली टैक्नॉलॉजी तक.”

यूएन प्रमुख के अनुसार, यूएन 2.0 के ज़रिये उनका संगठन, सदस्य देशों के लिए बेहतर नतीजे पाने के नज़रिये से एक बेहतर साझेदार साबित होगा.  

यूएन 2.0 क्या है

यूएन उपमहासचिव आमिना जे. मोहम्मद ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि यूएन 2.0 के ज़रिये, मौजूदा दौर में दुनिया की ज़रूरतों को समझने, उन्हें पूरा करने और भविष्य की ओर आगे बढ़ने में मदद मिलेगी.

उनके अनुसार यह सोचना अहम है कि हमारे कर्मचारियों में निवेश के क्या मायने हैं, और साथ ही डेटा, डिजिटल समाधानों, नवाचार, दूरदृष्टि और व्यावहारिक विज्ञान पर ध्यान केन्द्रित करने की भी.

यूएन उप प्रमुख ने भरोसा जताया कि इन बदलावों से संगठन को ज़रूरतों के अनुरूप बेहतर ढंग से ढाला जा सकेगा.

यूएन 2.0 सप्ताह, 22 से 26 अप्रैल तक आयोजित हो रहा है, जिसमें सिलसिलेवार ढंग से वर्चुअल आयोजन किए जाएंगे. इनमें पैनल चर्चाओं व सम्वाद के ज़रिये सर्वोत्तम उपायों को साझा किए जाने समेत अन्य कार्यक्रम हैं. 

संयुक्त राष्ट्र प्रणाली और साझेदार संगठनों में से लगभग 50 वक्ता इसमें शिरकत करेंगे.