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हेती: आपराधिक गुटों की हिंसा से गहराती असुरक्षा, सुरक्षा परिषद ने की कठोर निन्दा

हेती की राजधानी पोर्त-ओ-प्रिन्स में गैंग हमलों के कारण विस्थापित लोगों ने एक स्कूल में शरण ली हुई है.
© IOM/Antoine Lemonnier
हेती की राजधानी पोर्त-ओ-प्रिन्स में गैंग हमलों के कारण विस्थापित लोगों ने एक स्कूल में शरण ली हुई है.

हेती: आपराधिक गुटों की हिंसा से गहराती असुरक्षा, सुरक्षा परिषद ने की कठोर निन्दा

शान्ति और सुरक्षा

हेती में हिंसा की लहर उफ़ान पर है, जिसकी वजह से केवल एक सप्ताह में 15 हज़ार नागरिक विस्थापन का शिकार हुए हैं. इस बीच, देश के मुख्य बन्दरगाह पर लूटपाट की ख़बरें मिली हैं. इस बीच, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हेती में अस्थिरता पैदा करने वाली आपराधिक गतिविधियों के लिए हथियारबन्द गुटों की कड़ी निन्दा की है.

सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों ने हथियारबन्द गुटों से तत्काल अस्थिरता फैलाने वाली गतिविधियों से बचने का आग्रह किया है और ऐसे जघन्य कृत्यों के दोषियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने की पुकार लगाई है.

पिछले सप्ताह सुरक्षा परिषद की बन्द दरवाज़ों के भीतर, हेती में हालात के मुद्दे पर एक बैठक हुई थी, जिसके बाद यह वक्तव्य जारी किया गया है.

सदस्य देशों ने हेती में बढ़ती हिंसा, आपराधिक गतिविधियों, आम नागरिकों के सामूहिक विस्थापन और मानवाधिकारों के उल्लंघन मामलों की कठोर निन्दा की है, जिनकी वजह से हेती व वृहद क्षेत्र में शान्ति, स्थिरता व सुरक्षा के लिए ख़तरा है. 

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हेती में अपहरण, यौन व लिंग-आधारित हिंसा, ग़ैरक़ानूनी ढंग से लोगों को जान से मारने और हथियारबन्द गुटों व आपराधिक नैटवर्क द्वारा बच्चों को भर्ती कराने पर चिन्ता व्यक्त की गई है.

अवैध हथियारों पर लगाम

सुरक्षा परिषद ने हेती में अवैध हथियारों व आयुध सामग्री के प्रवाह को अस्थिरता व हिंसा के लिए एक प्रमुख कारण बताया है, जिसके मद्देनज़र सदस्य देशों से हथियारों की ख़रीद फ़रोख़्त पर मौजूदा प्रतिबन्धों को लागू करने की मांग की गई है.

परिषद ने देश के कारागारों और अन्य अहम बुनियादी ढाँचों पर हथियारबन्द गुटों द्वारा किए गए हमलों कठोरतम शब्दों में निन्दा की है, जिसकी वजह से गैंग नेताओं और अन्य बन्दियों को वहाँ से भागने का मौक़ा मिला.

वहीं, हेती सरकार के सदस्यों और पुलिसकर्मियों के विरुद्ध लक्षित हिंसा की धमकियों पर गहरी चिन्ता जताई गई है.

सदस्य देशों ने भरोसा व्यक्त किया है कि हेती सरकार के अनुरोध पर सुरक्षा परिषद द्वारा स्वीकृत बहुराष्ट्रीय समर्थन मिशन को जल्द से जल्द तैनात किया जा सकेगा. इस सुरक्षा मिशन में अब तक बेनिन व केनया समेत कुछ अन्य देशों ने अपने सुरक्षाकर्मियों का योगदान देने की बात कही है.

राजधानी की घेराबन्दी 

हेती में अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) का कहना है कि फ़रवरी में शुरू हुई हिंसा के बाद से स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है और राजधानी पोर्त-ओ-प्रिन्स को हथियारबन्द गुटों ने घेरा हुआ है.

एक लाख 60 हज़ार से अधिक लोग पोर्त-ओ-प्रिन्स के मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में फ़िलहाल विस्थापित हैं. यूएन एजेंसी ने चिन्ता जताई है कि राजधानी में लोग बुरी तरह से फँसे हुए हैं और उनके पास कहीं और जाने का विकल्प नहीं है. 

यूएन मानवतावादी कार्यालय (OCHA) ने अपने एक अपडेट में बताया कि देश के मुख्य बन्दरगाह के ज़रिये बड़े पैमाने पर सामान व उत्पादों को भेजा जाता है, और वहाँ जीवनरक्षक सहायता से लदे 300 कंटेनर पर जोखिम है.

संगठन के अनुसार भोजन और ग़ैर-खाद्य सामग्री से भरे कई कंटेनर को लूटने की कोशिश हुई है, जिसके मद्देनज़र मानवीय सहायता सामग्री की सुरक्षा के लिए क़दम उठाए गए हैं.

देश भर में अस्थिरता

राजधानी पोर्त-ओ-प्रिन्स के कई इलाक़ों में 29 फ़रवरी को गैंग हिंसा भड़की थी, जिसके बाद दो कारागारों से बन्दियों के भागने की घटनाएँ हुईं, और साढ़े चार हज़ार से अधिक क़ैदियों के सड़कों पर आ जाने से असुरक्षा और बढ़ गई.

इन परिस्थितियों की वजह से देश में आपात स्थिति को 3 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया गया था. प्रधानमंत्री एरियल ऑनरी हेती से बाहर, प्यूर्टो रीको में हैं.

उनके विमान को पिछले सप्ताह घेराबन्दी का सामना कर रहे राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने की अनुमति नहीं दी गई थी. समाचार माध्यमों के अनुसार, आपराधिक गुटों के नेताओं ने उनकी देश वापसी की स्थिति में गृहयुद्ध की धमकी दी है. 

हेती में हिंसा की वजह से आर्थिक गतिविधियों में बड़ा व्यवधान दर्ज किया गया है. सभी कमर्शियल विमानन कम्पनियों ने पोर्त-ओ-प्रिन्स के लिए अपनी उड़ानों को रद्द कर दिया है और पड़ोसी देश डोमिनिकन रिपब्लिक ने हेती से आने वाली या वहाँ जाने वाली उड़ानों के लिए अपना वायुक्षेत्र बन्द कर दिया है.

हेती की राजधानी पोर्त-ओ-प्रिन्स में सड़कों पर आगज़नी. (फ़ाइल फ़ोटो)
© UNOCHA/Giles Clarke
हेती की राजधानी पोर्त-ओ-प्रिन्स में सड़कों पर आगज़नी. (फ़ाइल फ़ोटो)

दरकती स्वास्थ्य प्रणाली

हेती में मौजूदा घटनाक्रम से स्वास्थ्य व्यवस्था दरक रही है. हथियारबन्द गुटों ने अस्पतालों पर हमले किए हैं और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव है.

कुछ अस्पतालों पर आपराधिक गुटों का नियंत्रण है और वहाँ से स्टाफ़ व मरीज़ों को अन्य सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है. चिकित्साकर्मियों ने आगाह किया है कि स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं को संचालित करने की उनकी क्षमता पर भारी असर हुआ है. 

हेती में फ़िलहाल तीन लाख 62 हज़ार लोग देश की सीमाओं के भीतर विस्थापित हुए हैं, जिनमें आधी से अधिक संख्या बच्चों की है. अनेक बच्चे कई-कई बार विस्थापन का दंश झेल चुके हैं और इस वर्ष की शुरुआत से अब तक 15 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाते हैं.

आपराधिक गुटों की हिंसा के कारण पहले से ही विकट स्थिति, मानवीय सहायता सामान व संसाधनों की क़िल्लत के कारण और नाज़ुक हुई है और नए विस्थापितों के लिए जल व बुनियादी सेवाओं की सुलभता, एक बड़ी चुनौती है.

देश में अराजकता भरी स्थिति के बावजूद, यूएन प्रवासन एजेंसी और अन्य साझेदार संगठन ज़रूरमन्द आबादी तक मानवीय सहायता पहुँचाने के लिए लगातार जुटे हुए हैं.

समर्थन की दरकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने बताया कि यूएन एजेंसियाँ, ज़रूरतमन्दों तक राहत पहुँचाने के कार्य में जुटी हैं, मगर उन्हें सुरक्षित रास्ता मुहैया कराया जाना और अस्पतालों में चिकित्सा सामान की आपूर्ति बेहद अहम है.

यूएन प्रवक्ता ने कहा कि यह एक आवाज़ में हम हेती की जनता का समर्थन करें, मौजूदा गम्भीर संकट से बाहर निकलने के लिए, हेती के नेतृत्व में ढूंढे गए समाधान के ज़रिये. 

यूएन महासचिव ने भी सरकारों और सभी हितधारकों का आहवान किया है कि देश में बद से बदतर होती स्थिति को थामने के लिए तत्काल उपायों पर सहमति बनाई जानी होगी और राजनैतिक प्रक्रिया के ज़रिये, देश में चुनाव कराने का मार्ग प्रशस्त करना होगा.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटरेश ने हेती के लिए मानवतावादी सहायता कोष में समर्थन के लिए पुकार लगाई है. इस क्रम में 67.4 करोड़ डॉलर की मांग की गई है, मगर फ़िलहाल 2.6 प्रतिशत का ही प्रबन्ध हुआ है.