वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

अफ़ग़ानिस्तान: अर्थव्यवस्था 'मूलत: ध्वस्त', महिलाओं पर पाबन्दियों से प्रगति बाधित

अफ़ग़ानिस्तान के हेरात प्रान्त में अक्टूबर 2023 में आए विनाशकारी भूकम्प के बाद बचे खंडहरों के बीच खड़ा एक बच्चा.
© WHO/Zakarya Safari
अफ़ग़ानिस्तान के हेरात प्रान्त में अक्टूबर 2023 में आए विनाशकारी भूकम्प के बाद बचे खंडहरों के बीच खड़ा एक बच्चा.

अफ़ग़ानिस्तान: अर्थव्यवस्था 'मूलत: ध्वस्त', महिलाओं पर पाबन्दियों से प्रगति बाधित

आर्थिक विकास

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने गुरुवार को कहा कि अफ़ग़ानिस्तान की अर्थव्यवस्था गम्भीर समस्याओं का सामना कर रही है, और अक्टूबर 2023 में आए भूकम्प से प्रभावित अनेक क्षेत्र अब भी कठिनाई में हैं. वहीं महिलाओं व लड़कियों पर जारी पाबन्दियों से बुनियादी अधिकार व आर्थिक प्रगति बाधित हो रहे हैं.

एशिया और प्रशान्त के लिए UNDP के क्षेत्रीय ब्यूरो की निदेशक कन्नी विग्नाराजा ने हाल ही में अफ़ग़निस्तान का दौरा किया है. 

उन्होंने न्यूयॉर्क में संवाददाताओं को बताया कि अफ़ग़ानिस्तान की 69 प्रतिशत आबादी "जीवन-यापन से जुड़ी असुरक्षा" का सामना कर रही है - यानि उनके पास गुज़र-बसर के बुनियादी संसाधन तक नहीं हैं.

उन्होंने कहा, "जिससे मुझे सर्वाधिक पीड़ा पहुँची...वो था, लगातार आती प्राकृतिक आपदाओं का कठोर प्रभाव." 

उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान के कई हिस्से, "विशाल स्तर पर" पानी की कमी का सामना कर रहे हैं, जिससे विकास के प्रयास बाधित हो रहे हैं.

अर्थव्यवस्था में गिरावट

यूएनडीपी के अनुसार, 2021 में तालेबान के सत्ता पर क़ाबिज़ होने के बाद से, अफ़ग़ान अर्थव्यवस्था में 27 प्रतिशत की गिरावट आई है, जिससे आर्थिक प्रगति रुक गई है. बेरोज़गारी दोगुनी हो गई है और केवल 40 प्रतिशत आबादी तक ही बिजली पहुँच पाई है.

वित्त जैसे क्षेत्र "वस्तुत: ढह गए" हैं और निर्यात या सार्वजनिक व्यय जैसी आर्थिक गतिविधियों के कोई बड़े स्रोत नहीं हैं, जिससे लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था, छोटे व मध्यम उद्यमों (एसएमई) तथा किसानों पर निर्भर हो गई है.

लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिबन्ध

उन्होंने महिलाओं व लड़कियों की स्थिति पर चिन्ता भी व्यक्त की. तालेबान द्वारा महिलाओं पर, उनके परिधानों एवं विभिन्न क्षेत्रों में रोज़गार सम्बन्धी गम्भीर प्रतिबन्ध लगाए गए हैं. 

कन्नी विग्नाराजा ने कहा कि हालाँकि उन्हें स्वास्थ्य या नर्सिंग जैसे क्षेत्रों में बिना प्रतिबन्ध काम करने की अनुमति है, लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र में उनके रोज़गार में लगभग छह प्रतिशत की अतिरिक्त गिरावट आई है.

उन्होंने कहा, “सबसे बड़ी चुनौती, लगातार आ रहे लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिबन्ध लगाने वाले फ़रमान हैं. छठी कक्षा के बाद आगे न पढ़ पाना एक बड़ी बाधा है.''

उन्होंने अफ़सोस के साथ कहा, "पिछले साल, किसी भी लड़की ने बारहवीं कक्षा तक पास नहीं की, तो वे छठी कक्षा से सीधे मेडिकल क्षेत्र में प्रवेश के लिए तकनीकी कॉलेजों या विश्वविद्यालयों में जाने की योग्यता कैसे हासिल करेंगी?" 

चरमराती स्थानीय अर्थव्यवस्था 

Tweet URL

यूएनडीपी अधिकारी ने स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं के सामने मौजूद चुनौतियों और ख़ासतौर पर निजी क्षेत्र में व्याप्त पूंजी की कमी को भी रेखांकित किया.

हालाँकि यूएनडीपी, माइक्रोफ़ाइनेंस पहलों का समर्थन करने के प्रयास कर रहा है, लेकिन प्रणाली में किसी भी तरह के नक़दी प्रवाह के अभाव में, विकास के लिए, पर्याप्त स्तर और पैमाने पर परिणाम हासिल नहीं हो पा रहे हैं.

उन्होंने उम्मीद जताई कि हाल ही में जलवायु परियोजनाओं के लिए विश्व बैंक से प्राप्त धनराशि से, अन्य वैश्विक जलवायु नक़दी निवेश प्रेरित होंगे.

उन्होंने कहा, "इसे सम्भव करने के लिए हम अब भी  सीधे तौर पर समुदाय के साथकाम कर सकते हैं."

हेरात की स्थिति

Tweet URL

कन्नी विग्नाराजा ने, पिछले साल आए भूकम्प के केन्द्र, हेरात प्रान्त का भी दौरा किया. "गाँवों के बीच गाड़ी से निकलते हुए, ग्रामीणों से बात करने में बड़ा विरोधाभास नज़र आया." 

उन्होंने कहा कि अभी भी कई गाँव में लोग, पानी की उचित व्यवस्था के बिना ही तम्बुओं में रहने को मजबूर हैं. वहीं कई अन्यों में स्थाई संरचनाओं का निर्माण शुरू हो रहा था.

उन्होंने कहा, “मेरे लिए सबसे अहम यह है कि हमें घरेलू अर्थव्यवस्थाओं और स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को दोबारा आगे बढ़ने देना चाहिए. लोग तम्बुओं में नहीं रहना चाहते, तम्बुओं में वो रेतीले तूफ़ानों से नहीं बच सकते.'' 

महिला नेतृत्व वाले व्यवसायों का समर्थन 

यूएनडीपी अधिकारी ने महिलाओं के स्वामित्व व महिला नेतृत्व वाले लगभग 75 हज़ार सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को, एजेंसी द्वारा दिए जाने वाले समर्थन की तरफ़ ध्यान खींचा.

उन्होंने कहा, “बदले में वो औसतन छह अन्य महिलाओं व युवाओं को रोज़गार देते हैं. उनमें से प्रत्येक व्यक्ति, दस लोगों के परिवार को भोजन दे पाता है.” 

उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर लगभग 45 लाख लोगों को इससे फ़ायदा पहुँचता है.

उन्होंने महिला उद्यमियों की सहनसक्षमता और निर्भीकता को रेखांकित करते हुए कहा, "हम प्रति माह, प्रति महिला उद्योग पर, औसतन 42 डॉलर ख़र्च करते हैं - केवल इतना ही."

उन्होंने कहा, कुल मिलाकर, महिला किसानों और व्यापारियों के साथ-साथ, प्रत्यक्ष नक़दी सहायता तथा घरेलू सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों के ज़रिए, यूएनडीपी ने अफ़ग़ानिस्तान में एक चौथाई महिलाओं तक अपनी पहुँच बनाने में कामयाबी हासिल की है.

उन्होंने कहा, "इन महिलाओं के साहस और प्रयासों के ज़रिए ही, इस देश की कहानी दोबारा लिखी जा सकेगी."