रूस के वैगनर समूह द्वारा क़ैदियों की सैन्य भर्ती पर ‘गहरी चिन्ता’
संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने शुक्रवार को कहा है कि वो रूस में एक निजी सैन्य ठेकेदार – वैगनर समूह द्वारा लड़ाई में प्रयोग के लिए क़ैदियों की व्यवस्थागत रूप में भर्ती की ख़बरों पर “गहन रूप में चिन्तित” हैं. यह समूह यूक्रेन में युद्ध में मुख्य भूमिका निभा रहा है.
इन मानवाधिकार विशेषज्ञों ने एक वक्तव्य में कहा है कि रूस के स्वामित्व वाले ‘लड़ाका वैगनर समूह’ के प्रतिनिधि, आपराधिक मामलों में सज़ाएँ भुगत रहे क़ैदियों को, समूह में शामिल होने और यूक्रेन में जारी युद्ध में भाग लेने के बदले में, माफ़ी दिए जाने की पेशकश कर रहे हैं. साथ ही उनके सम्बन्धियों को मासिक रक़म भुगतान के भी वादे किए जा रहे हैं.
#Russia: The #WagnerGroup practice of recruiting prisoners under threat & intimidation & forcing them to take part in the #ukrainewar is a disturbing human rights violation - UN experts: States have an obligation to stop companies from exploiting prisoners
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10 से भी ज़्यादा इन मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा है कि वैगनर समूह ने कथित रूप से पहले ही, ऐसे रूसी व विदेशी नागरिकों की भर्ती की है जो सुधारगृहों में सज़ाएँ काट रहे हैं.
स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा है कि उन्हें वैगनर समूह के प्रतिनिधियों द्वारा प्रयोग किए जाने वाले दबाव तरीक़ों के बारे में जानकारी प्राप्त हुई है, जिनसे मालूम होता है कि कुछ मामलों में तो भर्ती, धमकियों या उत्पीड़न के माध्यम से की गई.
कुछ मामलों में, बैगनर समूह के प्रतिनिधियों ने, कथित रूप से बन्दियों को उनके परिवारों और वकीलों के साथ बातचीत करने से रोका, “जिनकी परिणति जबरन गुमशुदगी के रूप में सामने आ सकती है.”
यूएन मानवाधिकार परिषद द्वारा नियुक्त इन मानवाधिकार विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी ख़बरें मिली हैं कि भर्ती किए गए क़ैदियों को प्रशिक्षण के लिए, रोस्तोव क्षेत्र में एक बन्दीगृह में ले जाया गया, जिसके बाद उन्हें पहचान-दस्तावेज़ों के बिना यूक्रेन भेज दिया गया. उन्हें वैगनर समूह के साथ एक संविदा (Contract) पर दस्तख़त करने को विवश किया गया.
विशेषज्ञों के अनुसार ये सब घटनाक्रम बहुत चिन्ताजनक और व्यथित करने वाले हैं, “हम विशेष रूप से इस पर चिन्तित हैं कि बैगनर समूह ने अपनी भर्ती गतिविधियाँ, यूक्रन के दोनेत्स्क क्षेत्र में, सुधारागृहों तक भी फैला दी हैं.”
कथित उल्लंघन
यूएन मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा, “वैगनर समूह द्वारा भर्ती किए गए लोगों ने, यूक्रेन में जारी सशस्त्र संघर्ष के सन्दर्भ में, कथित रूप से मानवाधिकारों और अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के हनन मामलों में भाग लिया है. इनमें यूक्रेनी सैनिकों की जबरन गुमशुदगी और अधिकारियों को पकड़े जाने के मामले भी शामिल हैं.”
उन्होंने कहा, “हम इन आरोपों पर भी व्यथित हैं कि भर्ती किए गए क़ैदियों को, उनके निरीक्षक लगातार धमकियाँ दे रहे हैं और उनके साथ बुरा बर्ताव किया जा रहा है.”
मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा, “हमारे पास ये जानकारी है कि इस तरह के भर्ती किए गए अनेक क़ैदियों को, भागने की कोशिश करने पर, मार दिया गया है. और कुछ अन्य मामलों में, अन्य क़ैदियों को चेतावनी देने के लिए, खुलेआम गम्भीर रूप से घायल कर दिया गया है. इस तरह के तरीक़े मानवाधिकारों का उल्लंघन है और युद्धापराधों के दायरे में भी आ सकते हैं.”
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि देशों की ये ज़िम्मेदारी है कि वो उनके न्याय क्षेत्र में सक्रिय निजी सैना और सुरक्षा कम्पनियों पर क़ानूनी निगरानी रखें, जिनमें कर्मियों की भर्तियों के मामले भी शामिल हैं.
सुरक्षा की ज़िम्मेदारी
मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा, “रूसी महासंघ की ये ज़िम्मेदारी है कि वो क़ैदियों को हिंसा, शोषण और उत्पीड़न से बचाने के लिए, अत्यधिक चौकसी बरते.”
उन्होंने कहा, “देशों की ये ज़िम्मेदारी है कि वो किन्हीं व्यक्तियों या कम्पनियों को, अपने लाभ के लिए क़ैदियों के कमज़ोर हालात का फ़ायदा उठाने से रोकें.”
यूएन मानवाधिकार विशेषज्ञों ने इन आरोंपों के बारे में अपनी ये चिन्ताएँ, रूस सरकार और वैगनर समूह दोनों तक पहँचा दी हैं. वैगनर समूह के मालिक यैवगेनी प्रिगोझिन हैं.
विशेष रैपोर्टेयर और मानवाधिकार विशेषज्ञ, अपनी निजी हैसियत में काम करते हैं. वो संयुक्त राष्ट्र स्टाफ़ नहीं होते हैं और उन्हें उनके कामकाज के लिए, संयुक्त राष्ट्र से कोई वेतन भुगतान नहीं होता है.