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इण्डोनेशिया: समुद्र में फँसे रोहिंज्या शरणार्थियों को बचाये जाने की अपील

इण्डोनेशिया के ऐलोर द्वीप की तट रेखा.
Ocean Image Bank/Erik Lukas
इण्डोनेशिया के ऐलोर द्वीप की तट रेखा.

इण्डोनेशिया: समुद्र में फँसे रोहिंज्या शरणार्थियों को बचाये जाने की अपील

प्रवासी और शरणार्थी

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने इण्डोनेशिया के तट के पास समुद्र में फँसे, रोहिंज्या शरणार्थियों के समूह तक तत्काल, जीवनरक्षक सहायता पहुँचाने और उन्हें नाव से सुरक्षित उतारे जाने की पुकार लगाई है. 

यूएन शरणार्थी एजेंसी ने बुधवार को एक वक्तव्य जारी करते हुए, नाव पर सवार लोगों की सुरक्षा व सलामती के प्रति गहरी चिन्ता जताई. 

इस नाव को पहली बार, इण्डोनेशिया के आछेह प्रान्त के बिरेयूएन में रविवार को देखा गया था. 

स्थानीय मछुआरों से प्राप्त तस्वीरों व जानकारी के मुताबिक़, जहाज़ पर बड़ी संख्या में लोग सवार हैं, जिनमें अनेक महिलाएँ व बच्चे हैं. 

बताया गया है कि नाव में रिसाव हो रहा है, उसका इंजन भी क्षतिग्रस्त हो गया है और बेहद ख़राब मौसम में उसके डूबने का जोखिम है. 

ख़बरों के अनुसार, स्थानीय अधिकारियों, पुलिस और नौसेना की मदद से, पीड़ितों तक भोजन, दवाएँ और एक नया इंजन और टैक्नीशियन पहुँचाया गया है. 

नाव की मरम्मत के बाद, इसे फिर से अन्तरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में भेजे जाने की सम्भावना है.

यूएन एजेंसी ने अनावश्यक ढँग से जानमाल की हानि को टालने के इरादे से, इण्डोनेशियाई सरकार से जहाज़ पर सवार लोगों को सुरक्षित ढँग से उतारने की अनुमति देने का आग्रह किया है.

अगस्त 2017 में पश्चिमी म्याँमार में पुलिस चौकियों पर हमलों के बाद, अल्पसंख्यक, मुख्यत: मुसलमान, रोहिंज्या समुदाय के विरुद्ध सेना ने कार्रवाई की.

म्याँमार के उत्तरी प्रान्त राख़ीन में हिंसा से बचने के लिये, बांग्लादेश की तरफ़ जाते हुए रोहिंज्या शरणार्थी.
WFP/Saikat Mojumder
म्याँमार के उत्तरी प्रान्त राख़ीन में हिंसा से बचने के लिये, बांग्लादेश की तरफ़ जाते हुए रोहिंज्या शरणार्थी.

अगले कुछ सप्ताहों के दौरान, लगभग सात लाख रोहिंज्या मुसलमान व अन्य समुदायों के लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षा की तलाश में बांग्लादेश पहुँच गए.

शरणार्थी संरक्षण का प्रावधान

यूएन एजेंसी का कहना है कि शरणार्थी संरक्षण के मुद्दे पर, 2016 की राष्ट्रपति नियामन संख्या 125 के तहत, सरकार के पास इण्डोनेशिया के क़रीब फँसे शरणार्थियों को बचाने का प्रावधान है. 

इन प्रावधानों को वर्ष 2018, 2020 और इस वर्ष जून में इस्तेमाल में लाया गया था, जब 81 रोहिंज्या शरणार्थियों को पूर्वी आछेह प्रान्त से बचाया गया.

यूएन एजेंसी ने कहा है कि अनेक वर्षों से इण्डोनेशिया ने शरणार्थी संरक्षण के मुद्दे पर, अन्य देशों के लिये एक उदाहरण प्रस्तुत किया है.

शरणार्थी संगठन ने उम्मीद जताई है कि इस मानवीय भावना को फिर से दर्शाया जाएगा.