वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

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ग़ाज़ा की एक मस्जिद में कोविड-19 से ऐहतियाती उपायों के तहत सफ़ाई की जा रही है.
UNDP PAPP/Abed Zagout

विश्वव्यापी महामारी कोविड-19: ‘सदी में एक बार आने वाला संकट’

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वैश्विक महामारी कोविड-19 को एक ऐसा स्वास्थ्य संकट क़रार दिया है जो सदी में एक ही बार आता है और जिसके प्रभाव आने वाले कई दशकों तक महसूस किये जाते रहेंगे. यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की आपात समिति ने 30 जनवरी 2020 को कोविड-19 को अन्तरराष्ट्रीय चिन्ता वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य आपदा घोषित किये जाने की सिफ़ारिश की थी जिसके छह महीने पूरे होने पर शुक्रवार, 31 जुलाई, को समिति ने फिर बैठक कर मौजूदा हालात की समीक्षा की है. 

न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन इलाक़े के एक पार्क में शारीरिक दूरी बरते जाने के लिए गोल घेरे बनाए गए हैं.
UN News/Daniel Dickinson

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की सलाह – ख़ुद को 'अपराजेय' ना समझें युवा

वैश्विक महामारी कोविड-19 संक्रमण से गम्भीर रूप से पीड़ित होने का ख़तरा वृद्धजनों को सबसे अधिक है लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने युवा पीढ़ी को आगाह किया है कि इस महामारी से उन्हें भी पूरी तरह सचेत रहना होगा. कोरोनावायरस संक्रमण के अब तक एक करोड़, 68 लाख से ज़्यादा मामलों की पुष्टि हो चुकी है और छह लाख, 62 हज़ार से अधिक लोगों की मौत हुई है. 

इंडोनेशिया के मध्य जावा में अपनी दो वर्षीय बेटी को गोद में लिए हुए एक महिला.
© UNICEF/Fauzan Ijazah

कोविड-19: दक्षिणपूर्व एशिया की टिकाऊ व समावेशी पुनर्बहाली का ख़ाका पेश

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि दक्षिणपूर्व एशिया को वैश्विक महामारी कोविड-19 से असरदार ढँग से उबारने के लिये विषमताओं को दूर करना, डिजिटल खाइयों को पाटना, अर्थव्यवस्थाओं को हरित बनाना, मानवाधिकारों की रक्षा करना और सुशासन सुनिश्चित करना अहम होगा. यूएन प्रमुख ने गुरुवार को इस क्षेत्र पर केन्द्रित एक नया नीतिपत्र (Policy brief) जारी किया है जिसमें बेहतर पुनर्बहाली के लिये सिफ़ारिशें पेश की गई हैं. 

पर्यावरण प्रदूषण और कूड़ा-कचरा बीमारियों की बढ़ती सूची के लिये भी ज़िम्मेदार हो सकता है जिनमें त्वचा कैन्सर, फेफड़ों का कैन्सर, अस्थमा, सीसा धातु का ज़हर, पारा का ज़हर, मलेरिया, ईबोला और ज़ीका भी शामिल हैं.
Photo: World Bank/Curt Carnemark

सीसा धातु से 80 करोड़ बच्चों के दिमाग़ों पर असर, आधे बच्चे दक्षिण एशिया में

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – यूनीसेफ़ और ‘प्योर अर्थ’ की एक ताज़ा रिपोर्ट में कहा गया है कि  दुनिया भर के लगभग तीन चौथाई बच्चे सीसा धातु के ज़हर के साथ जी रहे हैं. इतनी बड़ी संख्या में  बच्चों के सीसा धातु से प्रभावित होने के मद्देनज़र एसिड बैटरियों को लापरवाही से फेंकने के ख़तरनाक चलन को बन्द करने का आहवान भी किया गया है.

सीरिया के इदलिब प्रांत के एक कैम्प में एक बच्ची बर्तन धो रही है.
© UNICEF/Omar Albam

सीरिया में ग़रीबी और ज़रूरतों का बढ़ता दायरा

हिंसा प्रभावित सीरिया में मानवीय सहायता अभियान के ज़रिये एक महीने में 68 लाख लोगों तक राहत सामग्री पहुँचाई जा रही है लेकिन बदहाल आर्थिक हालात से ग़रीबी गहरी हो रही है जिससे देश में ज़रूरतमन्दों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. मानवीय राहत मामलों में समन्वय के लिये संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNOCHA) के प्रमुख मार्क लोकॉक ने बुधवार को सुरक्षा परिषद को देश में हालात से अवगत कराते हुए यह जानकारी दी है.

भारत में महिलाएं जैविक खेती के लिए आगे आ रही हैं. (फ़ाइल)
UNDP India

 वैश्विक खाद्य उत्पादन में पारिवारिक किसानों की भूमिका पर केंद्रित नई मुहिम

एशिया-प्रशान्त क्षेत्र में लाखों-करोड़ों पारिवारिक किसानों का दुनिया में अधिकाँश खाद्य उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान है लेकिन वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण उनकी आजीविका पर गहरा असर पड़ा है. क्षेत्रीय खाद्य सुरक्षा में इन किसानों की अहम भूमिका के प्रति समझ बढ़ाने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवँ कृषि संगठन (UNFAO) और अन्य साझीदार संगठनों ने बुधवार को एक मुहिम शुरू की है. 

जियॉर्ज फ़्लॉयड की मौत के बाद अमेरिका और अन्य देशों में नस्लीय भेदभाव का अन्त किए जाने की माँग के समर्थन में प्रदर्शन हुए हैं.
UN Photo/Evan Schneider

शान्तिपूर्ण सभा करने का अधिकार: नई व्याख्या

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार समिति ने शान्तिपूर्ण ढँग से एकत्र होने के अधिकार की व्याख्या करते हुए स्पष्ट किया है कि यह दायरा व्यक्तिगत मौजूदगी वाली बैठकों के साथ-साथ वर्चुअल और ऑनलाइन सभाओं के लिये भी लागू होता है. मानवाधिकार समिति के वरिष्ठ विशेषज्ञों ने कहा है कि लोगों को शान्तिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकार है और सरकारों को मानवाधिकार क़ानूनों का सम्मान करते हुए अपने तय दायित्वों का निर्वहन करना चाहिये. 

विलुप्ति के ख़तरे से जूझ रही प्रजातियों में से बाघ भी एक हैं.
Wikimedia Commons/Steve Wilson

भूटान में सह-अस्तित्व सीख रहे बाघ और किसान

भूटान में एक नई परियोजना के ज़रिये इन्सानों और बाघों के बीच सन्तुलन बनाए रखने में मदद मिल रही है. लक्समबर्ग सरकार द्वारा वित्तपोषित और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के नेतृत्व में भूटान में चल रहे इस ‘Vanishing Tigers Programme, 2020-2023’ का लक्ष्य है – विश्व में लुप्तप्राय बाघों की प्रजाति पर जलवायु परिवर्तन के असर और स्थानीय समुदायों और मानव-बाघ संघर्ष को गहराई से समझना. ये कार्यक्रम भूटान की शाही सरकार और वहाँ के टाइगर सेंटर के साथ साझेदारी में चलाया जा रहा है.

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में एक स्वास्थ्यकर्मी एक परिवार को स्वच्छता किट सौंपते हुए.
UN Women/Fahad Kaizer

कोविड महामारी के बावजूद 'एसडीजी के पथ पर अग्रसर रहना होगा'

एशिया-प्रशान्त क्षेत्र में कोविड-19 महामारी से बचने के लिये किये गए ऐहतियाती उपायों के कारण लागू की गई तालाबन्दी जैसे-जैसे खुल रही है, यह भी स्पष्ट होता जा रहा है कि अब पहले की तरह व्यापार करना अकल्पनीय होगा, विशेषत: उन देशों में जो पहले से ही टिकाऊ विकास लक्ष्यों को पूरा करने से बहुत दूर थे. एशिया और प्रशान्त क्षेत्र के लिये आर्थिक एवँ सामाजिक आयोग (UNESCAP), संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और एशियाई विकास बैंक (ADB) के वरिष्ठ अधिकारियों का यह लेख इसी विषय पर विमर्श को आगे बढ़ाता है...

कोरोनावायरस के विलेन से बचने के लिये फेस मास्क पहनना ज़रूरी है.
UNICEF India

फ़ेस मास्क पहनें और सुरक्षित रहें!

बचिये! कोरोनावायरस का सुपर विलेन आपके पीछे आ रहा है!!! लेकिन आपको भागने, छिपने या डरने की ज़रूरत नहीं है. आपको ज़रूरत है - केवल फ़ेस मास्क पहनने की! देखें इस वीडियो में...